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कोरोना काल में मानसिक रूप से स्वस्थ्य रहना बेहद जरूरी, जानें क्यों मनाया जाता है वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे

मेंटल हेल्थ यानी मानसिक स्वास्थ्य आज सबसे बड़ा मुद्दा है. तनाव के कारण बड़ी संख्या में लोग इसका शिकार हो रहे हैं. हर साल 10 अक्टूबर को पूरे विश्व में विश्व मानसिक स्वास्थ दिवस के रूप में मनाया जाता है. ऐसे में लोगों को मानसिक रूप से मजबूत करने की जरूरत है. इसे लेकर ईटीवी भारत ने मनोरोग विशेषज्ञ से खास बातचीत की है.

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Published : Oct 10, 2020, 4:24 PM IST

रांची: हर साल 10 अक्टूबर को पूरे विश्व में विश्व मानसिक स्वास्थ दिवस के रूप में मनाया जाता है. ये दिवस इसलिए मनाया जाता है ताकि लोगों के बीच मानसिक स्वास्थ के मुद्दों के बारे में जागरुकता बढ़ सके और मानसिक स्वास्थ्य के सहयोगात्मक प्रयासों को संगठित करने के उद्देश्य से लोगों में जागरूकता हो सके.

देखें विशेषज्ञों की राय

आज की भागदौड़ वाली जिंदगी में लोग जहां अपने स्वास्थ्य के प्रति लापरवाह हो रहे हैं. ऐसे में कई बार लोगों को अपने बीमारियों के बारे में पता नहीं चलता है. खासकर मानसिक रूप से जुड़ी बीमारियों की जानकारी लोगों को नहीं मिल पाती है. क्योंकि जो बीमारी दिखती नहीं है वह और भी खतरनाक होती है और खासकर मानसिक बीमारियों का पता इंसान को खुद आसानी से नहीं होता है. इसलिए लोगों को मानसिक बीमारियों के लिए जागरूक और संवेदनशील बनाने के उद्देश से प्रति वर्ष 10 अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य (World Mental Health Day) दिवस मनाया जाता है.

इस बार का विश्व मानसिक दिवस पर लोगों को जागरूक करने के लिए कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है. क्योंकि कोरोना महामारी के कारण आए आर्थिक संकट को लेकर मानसिक रूप से बीमार लोगों की संख्या में अत्यधिक बढ़ोतरी हुई है. राजधानी रांची के प्रसिद्ध मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ अशोक प्रसाद बताते हैं कि पिछले कुछ महीने हुए लॉकडाउन की वजह से लोगों में तनाव, डिप्रेसन, मानसिक तनाव सहित कई तरह की मनोरोग की समस्या लोगों में देखे जा रहे हैं. डॉ अशोक प्रसाद बताते हैं कि कोरोना के कारण आए संकट के बाद लोगों में बेरोजगारी, आर्थिक तंगी सहित कई तरह की परेशानियां देखी जा रही है. इसलिए भी लोग मानसिक रूप से विचलित हो रहे हैं. इस वजह से सुसाइड, लड़ाई झगड़ा पारिवारिक विवाद जैसी समस्या में भी बढ़ोतरी देखने को मिल रहा है. उन्होंने बताया कि मनोरोग जैसे खतरनाक बीमारियों से बचने के लिए लोगों में संतुष्टि संयम और धैर्य होनी चाहिए. तभी मानसिक रूप से स्वस्थ हो पाएंगे.

आप मानसिक रूप से स्वस्थ्य रहने के लिये क्या करें

  • पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ बैलेंस करें

यह बेहद जरूरी है. पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ में बैलेंस बनाए बिना आप हमेशा तनाव में रहते हैं. ध्यान रहे कि घर के तनाव का असर आपके काम पर न पड़े. इसी तरह ऑफिस की टेंशन ऑफिस के एग्जिट तक ही आपके साथ रहनी चाहिए.

  • कर्मस्थल और घरों की सजावट

छोटा-सा काम जो आपको पॉजिटिव रखने में काफी मदद कर सकता है. अपने वर्क स्टेशन और रहने के स्थान को अपनी पसंद की चीजों से सजा सकते हैं. इसे आप अपने परिवार की तस्वीर,भगवान की फोटो या कोई मोटिवेशनल कोट्स सामने लगा सकते हैं.

  • नकरात्मकताओं से दूर रहें

कई बार ऐसा होता है कि कोई जगह या किसी व्यक्ति से हमें नकरात्मकता का एहसास होता है. जिस व्यक्ति की बातें आपको बोझिल लगती हो, उससे दूरी बनाकर रहें और उसकी बातों को ज्यादा न सोचें. जिंदगी को खुश रहकर बिताएं.

  • संकट के समय में दोस्तों या किसी करीबी से बात करना न छोड़ें

अगर आपको कोई भी बात मानसिक रूप से परेशान कर रही है, तो आप काम के बीच से समय निकालकर किसी खास दोस्त या करीबी से मन की बात शेयर कर सकते हैं. कोई भी बात अगर आपको लंबे टाइम से परेशान कर रही है, तो आप बिना तनाव लिए उसका हल ढूंढ़ने की कोशिश करें.

  • सुबह हेल्दी ब्रेकफास्ट करके ही बाहर निकलें

जल्दबाजी में अक्सर हम कुछ नहीं खाते या बाहर मिलने वाला अनहेल्दी फूड खा लेते हैं. ऐसे में अगर आपको शरीर के साथ मानसिक रूप से भी फिट रहना है, तो सुबह भूखे पेट नहीं बल्कि कुछ हेल्दी ब्रेकफास्ट करके ही ऑफिस, कॉलेज या फिर किसी अन्य काम के लिए निकलें.

  • सामाजिक और धार्मिक परिपेक्ष्य से सभी एक्टिविटी में शामिल होने का प्रयास करें

    अलोम-विलोम, सुबह में टहलना, छोटे मोटे कसरत, योगा प्रतिदिन करें.

इसे भी पढ़ें- भीमा कोरेगांव केस : एनआईए ने कहा- आईएसआई के संपर्क में थे नवलखा

विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 2020 की थीम

हर साल विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के लिए एक थीम रखी जाती है. इस बार की थीम है "सभी के लिए मानसिक स्वास्थ्य अधिक से अधिक निवेश, ज्यादा से ज्यादा पहुंच" रखी गई है. इसी थीम पर पूरे विश्व में कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं.

कब से हुई शुरुआत

विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस संयुक्त राष्ट्रीय और वर्ल्ड हेल्थ फेडरेशन फॉर मेंटल हेल्थ की पहल से वर्ष 1992 से मनाया जा रहा है. मानसिक रोग विशेषज्ञ के मुताबिक इस वर्ष मानसिक रोगों की तादाद बढ़ी है. कारण जो भी हो लेकिन अगर व्यक्ति मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं है तो वो शारिरीक रूप से स्वस्थ कभी भी नहीं हो सकता. इसलिए इस बार विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस कई रूप से मायने रखता है और लोगों को जागरूक करने की ज्यादा से ज्यादा जरूरत है.

रांची: हर साल 10 अक्टूबर को पूरे विश्व में विश्व मानसिक स्वास्थ दिवस के रूप में मनाया जाता है. ये दिवस इसलिए मनाया जाता है ताकि लोगों के बीच मानसिक स्वास्थ के मुद्दों के बारे में जागरुकता बढ़ सके और मानसिक स्वास्थ्य के सहयोगात्मक प्रयासों को संगठित करने के उद्देश्य से लोगों में जागरूकता हो सके.

देखें विशेषज्ञों की राय

आज की भागदौड़ वाली जिंदगी में लोग जहां अपने स्वास्थ्य के प्रति लापरवाह हो रहे हैं. ऐसे में कई बार लोगों को अपने बीमारियों के बारे में पता नहीं चलता है. खासकर मानसिक रूप से जुड़ी बीमारियों की जानकारी लोगों को नहीं मिल पाती है. क्योंकि जो बीमारी दिखती नहीं है वह और भी खतरनाक होती है और खासकर मानसिक बीमारियों का पता इंसान को खुद आसानी से नहीं होता है. इसलिए लोगों को मानसिक बीमारियों के लिए जागरूक और संवेदनशील बनाने के उद्देश से प्रति वर्ष 10 अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य (World Mental Health Day) दिवस मनाया जाता है.

इस बार का विश्व मानसिक दिवस पर लोगों को जागरूक करने के लिए कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है. क्योंकि कोरोना महामारी के कारण आए आर्थिक संकट को लेकर मानसिक रूप से बीमार लोगों की संख्या में अत्यधिक बढ़ोतरी हुई है. राजधानी रांची के प्रसिद्ध मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ अशोक प्रसाद बताते हैं कि पिछले कुछ महीने हुए लॉकडाउन की वजह से लोगों में तनाव, डिप्रेसन, मानसिक तनाव सहित कई तरह की मनोरोग की समस्या लोगों में देखे जा रहे हैं. डॉ अशोक प्रसाद बताते हैं कि कोरोना के कारण आए संकट के बाद लोगों में बेरोजगारी, आर्थिक तंगी सहित कई तरह की परेशानियां देखी जा रही है. इसलिए भी लोग मानसिक रूप से विचलित हो रहे हैं. इस वजह से सुसाइड, लड़ाई झगड़ा पारिवारिक विवाद जैसी समस्या में भी बढ़ोतरी देखने को मिल रहा है. उन्होंने बताया कि मनोरोग जैसे खतरनाक बीमारियों से बचने के लिए लोगों में संतुष्टि संयम और धैर्य होनी चाहिए. तभी मानसिक रूप से स्वस्थ हो पाएंगे.

आप मानसिक रूप से स्वस्थ्य रहने के लिये क्या करें

  • पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ बैलेंस करें

यह बेहद जरूरी है. पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ में बैलेंस बनाए बिना आप हमेशा तनाव में रहते हैं. ध्यान रहे कि घर के तनाव का असर आपके काम पर न पड़े. इसी तरह ऑफिस की टेंशन ऑफिस के एग्जिट तक ही आपके साथ रहनी चाहिए.

  • कर्मस्थल और घरों की सजावट

छोटा-सा काम जो आपको पॉजिटिव रखने में काफी मदद कर सकता है. अपने वर्क स्टेशन और रहने के स्थान को अपनी पसंद की चीजों से सजा सकते हैं. इसे आप अपने परिवार की तस्वीर,भगवान की फोटो या कोई मोटिवेशनल कोट्स सामने लगा सकते हैं.

  • नकरात्मकताओं से दूर रहें

कई बार ऐसा होता है कि कोई जगह या किसी व्यक्ति से हमें नकरात्मकता का एहसास होता है. जिस व्यक्ति की बातें आपको बोझिल लगती हो, उससे दूरी बनाकर रहें और उसकी बातों को ज्यादा न सोचें. जिंदगी को खुश रहकर बिताएं.

  • संकट के समय में दोस्तों या किसी करीबी से बात करना न छोड़ें

अगर आपको कोई भी बात मानसिक रूप से परेशान कर रही है, तो आप काम के बीच से समय निकालकर किसी खास दोस्त या करीबी से मन की बात शेयर कर सकते हैं. कोई भी बात अगर आपको लंबे टाइम से परेशान कर रही है, तो आप बिना तनाव लिए उसका हल ढूंढ़ने की कोशिश करें.

  • सुबह हेल्दी ब्रेकफास्ट करके ही बाहर निकलें

जल्दबाजी में अक्सर हम कुछ नहीं खाते या बाहर मिलने वाला अनहेल्दी फूड खा लेते हैं. ऐसे में अगर आपको शरीर के साथ मानसिक रूप से भी फिट रहना है, तो सुबह भूखे पेट नहीं बल्कि कुछ हेल्दी ब्रेकफास्ट करके ही ऑफिस, कॉलेज या फिर किसी अन्य काम के लिए निकलें.

  • सामाजिक और धार्मिक परिपेक्ष्य से सभी एक्टिविटी में शामिल होने का प्रयास करें

    अलोम-विलोम, सुबह में टहलना, छोटे मोटे कसरत, योगा प्रतिदिन करें.

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विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 2020 की थीम

हर साल विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के लिए एक थीम रखी जाती है. इस बार की थीम है "सभी के लिए मानसिक स्वास्थ्य अधिक से अधिक निवेश, ज्यादा से ज्यादा पहुंच" रखी गई है. इसी थीम पर पूरे विश्व में कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं.

कब से हुई शुरुआत

विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस संयुक्त राष्ट्रीय और वर्ल्ड हेल्थ फेडरेशन फॉर मेंटल हेल्थ की पहल से वर्ष 1992 से मनाया जा रहा है. मानसिक रोग विशेषज्ञ के मुताबिक इस वर्ष मानसिक रोगों की तादाद बढ़ी है. कारण जो भी हो लेकिन अगर व्यक्ति मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं है तो वो शारिरीक रूप से स्वस्थ कभी भी नहीं हो सकता. इसलिए इस बार विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस कई रूप से मायने रखता है और लोगों को जागरूक करने की ज्यादा से ज्यादा जरूरत है.

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