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प्रदेश के बजट पर किसानों की नजर, कहा-सरकार राहत के लिए उठाए कदम - झारखंड सरकार

झारखंड सरकार अपना बजट पेश करने वाली है. इस पर किसानों की भी नजर है, ऐसे में ईटीवी भारत की टीम ने बजट को लेकर प्रदेश के किसानों की नब्ज टटोली तो उन्होंने अपनी उम्मीदें बयान कर दी. इस दौरान कुछ किसानों ने पूर्ववर्ती रघुवर सरकार की बीज खाद के लिए दिये जाने वाले रुपयों वाली योजना को बंद न करने की अपील की.

Expectations to farmers from Jharkhand government budget
प्रदेश के बजट पर किसानों की नजर
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Published : Feb 17, 2021, 7:38 PM IST

Updated : Feb 19, 2021, 10:12 AM IST

रांचीः कृषि कानून के विरोध में इन दिनों कई संगठन सरगर्म हैं. एनसीआर और देश के कई राज्यों में इसको लेकर गहमागहमी है. इसी बीच झारखंड सरकार बजट पेश करने को तैयारी में जुटी है. इस बीच राज्य के किसानों की नजर भी प्रदेश के बजट पर है. किसान सरकार से राहत की उम्मीद कर रहे हैं. ईटीवी की टीम ने बुधवार को जाना किसानों की बजट से उम्मीदें.

देखें स्पेशल रिपोर्ट
ये भी पढ़ें-सिमडेगा की सिंचाई व्यवस्था बनी रोल माॅडल, दूसरे राज्यों से देखने पहुंच रहे पदाधिकारीझारखंड सरकार ने पिछले बजट में 200 करोड़ रुपये के किसानों के कर्ज माफी की घोषणा की थी. प्रदेश सरकार ने इसको अमलीजामा पहनाने का काम झारखंड में हेमंत सरकार के 1 साल पूरे होने के मौके पर अब शुरू किया है. इसके तहत किसानों का 50000 तक का कर्ज माफ करने की कवायद की जा रही है. नगड़ी प्रखंड के किसान दासा उरांव की मानें तो कृषि मंत्री ने ऋण माफी की लेकर कवायद शुरू कर दी है. उनका कहना है कि खेतों में फसल लगाने से लेकर बुवाई तक के लिए हम लोगों को छोटे-मोटे कर्ज लेना पड़ते हैं. वह कर्ज धीरे-धीरे ज्यादा हो जाता है, जो हम चुका नहीं पाते. कर्ज माफी से राहत मिलेगी.रघुवर सरकार की पुरानी योजना न बंद करने की अपीलवहीं ओरमांझी प्रखंड के कुच्चू गांव के किसान नेवालाल महतो की मानें तो झारखंड किसानों का राज्य है और यहां पर कई छोटे-मोटे किसान हैं इसलिए किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए सरकार को बजट पेश करना चाहिए. साथ ही पूर्ववर्ती सरकार द्वारा जो खाद बीज खरीदने के लिए प्रति एकड़ 5 हजार रुपये देने की घोषणा की गई थी उसे लागू रखें. उपज का सही दाम मिलेवहीं मांडर के किसान एसटी भगत ने कहा हेमंत सरकार से काफी उम्मीदें हैं कि प्रदेश सरकार किसानों के हितों को लेकर बजट पेश करेगी. साथ ही उन्होंने कहा कि झारखंड के किसानों की सरकार से उम्मीद है कि जो मांग केंद्र सरकार से की जा रही है, उस तहर की प्रदेश में समस्याओं के समाधान के लिए प्रदेश सरकार भी पहल करे. किसानों की फसलों की बर्बादी का सही आकलन किया जाए और उसके हिसाब से उसकी कर्जमाफी की जाए. कुल मिलाकर जो भी बजट हो ऐसा हो जिससे उपज की सही कीमत मिलने का रास्ता साफ हो. ये भी पढ़ें-जहां सोच-वहीं आत्मनिर्भरताः मुखिया ने निजी खर्चे से तैयार कराया बांध, बदल दी कई गांव की तस्वीरबजट पेश किए जाने को लेकर कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि किसी भी राज्य का बजट पूरी तरह से गोपनीय होता है. इसलिए पहले बजट को लेकर कुछ भी कहना उचित नहीं होगा. लेकिन उन्होंने इतना कहा कि जब कोरोना महामारी जैसे विपरीत परिस्थिति में झारखंड सरकार ने किसानों के हितों के मद्देनजर 200 करोड़ रुपये कर्ज माफी करने का बजट पेश किया तो इस बार भी किसान के मद्देनजर बजट पेश किया जाएगा.

रांचीः कृषि कानून के विरोध में इन दिनों कई संगठन सरगर्म हैं. एनसीआर और देश के कई राज्यों में इसको लेकर गहमागहमी है. इसी बीच झारखंड सरकार बजट पेश करने को तैयारी में जुटी है. इस बीच राज्य के किसानों की नजर भी प्रदेश के बजट पर है. किसान सरकार से राहत की उम्मीद कर रहे हैं. ईटीवी की टीम ने बुधवार को जाना किसानों की बजट से उम्मीदें.

देखें स्पेशल रिपोर्ट
ये भी पढ़ें-सिमडेगा की सिंचाई व्यवस्था बनी रोल माॅडल, दूसरे राज्यों से देखने पहुंच रहे पदाधिकारीझारखंड सरकार ने पिछले बजट में 200 करोड़ रुपये के किसानों के कर्ज माफी की घोषणा की थी. प्रदेश सरकार ने इसको अमलीजामा पहनाने का काम झारखंड में हेमंत सरकार के 1 साल पूरे होने के मौके पर अब शुरू किया है. इसके तहत किसानों का 50000 तक का कर्ज माफ करने की कवायद की जा रही है. नगड़ी प्रखंड के किसान दासा उरांव की मानें तो कृषि मंत्री ने ऋण माफी की लेकर कवायद शुरू कर दी है. उनका कहना है कि खेतों में फसल लगाने से लेकर बुवाई तक के लिए हम लोगों को छोटे-मोटे कर्ज लेना पड़ते हैं. वह कर्ज धीरे-धीरे ज्यादा हो जाता है, जो हम चुका नहीं पाते. कर्ज माफी से राहत मिलेगी.रघुवर सरकार की पुरानी योजना न बंद करने की अपीलवहीं ओरमांझी प्रखंड के कुच्चू गांव के किसान नेवालाल महतो की मानें तो झारखंड किसानों का राज्य है और यहां पर कई छोटे-मोटे किसान हैं इसलिए किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए सरकार को बजट पेश करना चाहिए. साथ ही पूर्ववर्ती सरकार द्वारा जो खाद बीज खरीदने के लिए प्रति एकड़ 5 हजार रुपये देने की घोषणा की गई थी उसे लागू रखें. उपज का सही दाम मिलेवहीं मांडर के किसान एसटी भगत ने कहा हेमंत सरकार से काफी उम्मीदें हैं कि प्रदेश सरकार किसानों के हितों को लेकर बजट पेश करेगी. साथ ही उन्होंने कहा कि झारखंड के किसानों की सरकार से उम्मीद है कि जो मांग केंद्र सरकार से की जा रही है, उस तहर की प्रदेश में समस्याओं के समाधान के लिए प्रदेश सरकार भी पहल करे. किसानों की फसलों की बर्बादी का सही आकलन किया जाए और उसके हिसाब से उसकी कर्जमाफी की जाए. कुल मिलाकर जो भी बजट हो ऐसा हो जिससे उपज की सही कीमत मिलने का रास्ता साफ हो. ये भी पढ़ें-जहां सोच-वहीं आत्मनिर्भरताः मुखिया ने निजी खर्चे से तैयार कराया बांध, बदल दी कई गांव की तस्वीरबजट पेश किए जाने को लेकर कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि किसी भी राज्य का बजट पूरी तरह से गोपनीय होता है. इसलिए पहले बजट को लेकर कुछ भी कहना उचित नहीं होगा. लेकिन उन्होंने इतना कहा कि जब कोरोना महामारी जैसे विपरीत परिस्थिति में झारखंड सरकार ने किसानों के हितों के मद्देनजर 200 करोड़ रुपये कर्ज माफी करने का बजट पेश किया तो इस बार भी किसान के मद्देनजर बजट पेश किया जाएगा.
Last Updated : Feb 19, 2021, 10:12 AM IST
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