रांची: कोरोना को हराने के लिए हर स्तर पर कोशिशें जारी हैं. लेकिन इस बीच लॉकडाउन की बढ़ती मियाद लोगों को परेशान करने लगी है. नतीजतन डिप्रेशन के मामले दिखने लगे हैं. हार्ट स्पेशलिस्ट के मुताबिक दिल की बीमारी को बढ़ाने में तनाव एक बड़ा कारण होता है. अब सवाल है कि विपदा की इस घड़ी में खुद को कैसे स्वस्थ रखा जाए. इससे जुड़े कुछ सवालों को लेकर रिम्स के हार्ट सुपर स्पेशियलिटी में सेवारत डॉ प्रशांत कुमार से बात की हमारे वरिष्ठ सहयोगी राजेश कुमार सिंह ने.
तनाव लेने से बढ़ती है दिल की बीमारी
डॉ प्रशांत ने कहा कि तनाव के कारण हार्ट पर गहरा असर पड़ता है. कोरोना संक्रमण के दौर में लंबे समय से घरों में बंद लोग अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं. लेकिन ऐसे समय में धैर्य बनाए रखना जरूरी है. यह पूछे जाने पर कि कैसे समझा जाए कि कोई दिल की बीमारी से ग्रसित हो रहा है. इसके जवाब में उन्होंने कहा कि सीने में दर्द और पसीना आना दिल की बीमारी का एक लक्षण है. अगर किसी को ऐसा महसूस होता है तो उसे एहतियात के रूप में डिस्प्रिन की एक दवा जरूर ले लेनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि अक्सर यह बात सुनने को मिलती है कि घबराहट होने पर या सीने में दर्द होने पर लोग उसे गैस के प्रभाव से जोड़कर देखने लगते हैं. इसे नजरअंदाज करना अच्छा नहीं है. डॉ प्रशांत ने कहा कि रिम्स में सिर्फ ओपीडी सेवा बंद है. लेकिन इमरजेंसी सेवा आम दिनों की तरह चालू है. कोई भी गंभीर तकलीफ होने पर लोग बेहिचक रिम्स आए यहां उन्हें मुकम्मल इलाज की सुविधा मिलेगी.
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का समय पर हुआ इलाज
डॉ प्रशांत कुमार ने कहा कि झारखंड भाजपा के अध्यक्ष दीपक प्रकाश को दिल का दौरा पड़ा था. उनका हार्ट रेट और ब्लड प्रेशर कम हो गया था. पेसमेकर से दिल की धड़कन को नियंत्रित करने के बाद उनकी एंजियोप्लास्टी की गई और तब पता चला कि उनके एक आर्टरी में हंड्रेड परसेंट ब्लॉकेज है. फिर बिना वक्त गंवाए स्टेंट लगाया गया. अब भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश बिल्कुल स्वस्थ हो चुके हैं और तीसरे दिन ही उन्हें रिम्स से डिस्चार्ज कर दिया गया.