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सरकारी खजाना, डीवीसी की बकाया वसूली, पेट्रोल की आसमान छूती कीमत जैसे मुद्दों पर जयंत सिन्हा से एक्सक्लूसिव बातचीत - हेमंत सोरेन पर जयंत सिन्हा का आरोप

पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री सह बीजेपी सांसद जयंत सिन्हा ने कहा कि झारखंड का खजाना अब खाली हो गया है. हेमंत सरकार की अयोग्यता और उनकी गलत नीतियों के कारण ऐसा हुआ है. हेमंत सोरेन की सरकार बनने के समय खजाना भरा हुआ था. ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए जयंत सिन्हा ने सरकार पर कई आरोप लगाए.

Exclusive interview of Former Union Minister Jayant Sinha
जयंत सिन्हा
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Published : Nov 24, 2020, 7:16 PM IST

Updated : Nov 26, 2020, 3:51 PM IST

रांची: देश के पूर्व वित्त राज्य मंत्री सह भाजपा सांसद जयंत सिन्हा की दलील है कि पूर्ववर्ती रघुवर सरकार ने हेमंत सरकार को भरा हुआ खजाना हैंडओवर किया था, लेकिन वर्तमान सरकार की गलत नीतियों की वजह से खजाना खाली हो गया और अब इसको लेकर लोगों को गुमराह किया जा रहा है. ईटीवी भारत के वरिष्ठ सहयोगी राजेश कुमार सिंह से खास बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो उनकी पार्टी हैंडओवर के वक्त खजाने की स्थिति को लेकर श्वेत पत्र भी जारी करेगी. उन्होंने कहा कि पूर्वर्ती रघुवर सरकार के समय राज्य की आर्थिक स्थिति मजबूत थी. राजस्व 54 हजार करोड़ से बढ़कर 84 हजार करोड़ पहुंच गया था.

जयंत सिन्हा से खास बातचीत


GST कंपनशेसन क्यों नहीं दे रही है केंद्र सरकार ?

जयंत सिन्हा से यह पूछा गया कि जीएसटी कंपनसेशन मद में 2982 करोड़ रुपये आखिर केंद्र सरकार क्यों नहीं दे रही है. इसके जवाब में उन्होंने कहा कि आपदा के वक्त हर सरकार को लोन लेना ही पड़ता है. इसकी वजह यह है कि आपदा के वक्त आर्थिक गतिविधियां प्रभावित होती हैं. इसलिए लोन लेने की बात कही जा रही है, लेकिन इस बात को समझने के बजाए हेमंत सरकार बेवजह की राजनीति कर रही है. कम ब्याज दर पर सरकार ने लोन लिए होते तो हजारीबाग, पलामू और दुमका मेडिकल कॉलेज का निर्माण कार्य चलता रहता. इससे रोजगार का सृजन होता. सड़के और भवन का निर्माण होता, लेकिन सरकार ने ऐसा कुछ नहीं किया.

ये भी पढ़ें- बीजेपी सांसद ने झारखंड के सीएम को लिखा पत्र, लव जिहाद के खिलाफ कठोर कानून बनाने की मांग


एम्स को छूट और दुमका, हजारीबाग, पलामू में एडमिशन पर रोक क्यों ?

जयंत सिन्हा से यह पूछा गया कि अगर आधारभूत संरचना का हवाला देकर दुमका, हजारीबाग और पलामू मेडिकल कॉलेज में एडमिशन पर रोक लगाई गई तो फिर देवघर स्थित एम्स में क्यों नहीं. क्योंकि वहां भी आधारभूत संरचना की कमी है. इस सवाल का जयंत सिन्हा ने गोलमोल जवाब दिया.


DVC का बकाया रघुवर सरकार से क्यों नहीं वसूला गया ?

जयंत सिन्हा से पूछा गया कि राज्य सरकार पर डीवीसी का कि 5,608.36 करोड़ रुपए बकाया था. इसमें 90 प्रतिशत से ज्यादा बकाया पूर्वर्ती सरकार के समय का था, फिर भी पूर्वर्ती रघुवर सरकार की ओर से किए गए त्रिपक्षीय समझौते के आधार पर डीवीसी की बकाया राशि की पहली किश्त ऐसे विकट दौर में क्यों वसूली गई. इसके जवाब में उन्होंने बस इतना कहा कि हेमंत सरकार राजनीति कर रही है. सरकार ने जो कमिटमेंट किया था उसे पूरा करना होता है. इसी वजह से समझौते के आधार पर वसूली हुई.

ये भी पढ़ें- भाजपा महाराष्ट्र में अगले तीन महीनों में सरकार बना लेगी: केंद्रीय मंत्री


क्या दो माह बाद झारखंड में भाजपा की सरकार बनेगी ?

जयंत सिन्हा से यह पूछा गया कि उपचुनाव के वक्त प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा था कि दो माह बाद झारखंड में भाजपा की सरकार बनने जा रही है. अब महाराष्ट्र के एक भाजपा नेता और केंद्र में राज्य मंत्री राव साहेब ने औरंगाबाद में कहा है कि दो से तीन माह के भीतर महाराष्ट्र में भाजपा की सरकार बनने जा रही है. इस तरह के दावे किस आधार पर किए जाते हैं. इसके जवाब में जयंत सिन्हा ने कहा कि इस जवाब उन्हीं लोगों से पूछना चाहिए. मैं अर्थव्यवस्था पर बात करने आया हूं.


पेट्रोल-डीजल की कीमत में क्यों नहीं दी जा रही राहत ?


जयंत सिन्हा से पूछा गया कि वर्तमान में एक लीटर पेट्रोल का बेस प्राइस करीब 25 रुपए है, फिर भी 81 रुपए प्रति लीटर क्यों बेचा जा रहा है. क्या कोरोना के बीच आम लोगों पर यह दोहरी मार नहीं है. इसके जवाब में उन्होंने कहा कि अभी 80 से 90 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज दिया जा रहा है. मनरेगा में रोजगार दिया जा रहा है. मुफ्त गैस कनेक्शन दिए गये हैं. इसके लिए सरकार को पैसे की जरूरत होती है. यही वजह है कि वित्तीय संतुलन को बनाए रखने के लिए ऐसा करना जरूरी है.

रांची: देश के पूर्व वित्त राज्य मंत्री सह भाजपा सांसद जयंत सिन्हा की दलील है कि पूर्ववर्ती रघुवर सरकार ने हेमंत सरकार को भरा हुआ खजाना हैंडओवर किया था, लेकिन वर्तमान सरकार की गलत नीतियों की वजह से खजाना खाली हो गया और अब इसको लेकर लोगों को गुमराह किया जा रहा है. ईटीवी भारत के वरिष्ठ सहयोगी राजेश कुमार सिंह से खास बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो उनकी पार्टी हैंडओवर के वक्त खजाने की स्थिति को लेकर श्वेत पत्र भी जारी करेगी. उन्होंने कहा कि पूर्वर्ती रघुवर सरकार के समय राज्य की आर्थिक स्थिति मजबूत थी. राजस्व 54 हजार करोड़ से बढ़कर 84 हजार करोड़ पहुंच गया था.

जयंत सिन्हा से खास बातचीत


GST कंपनशेसन क्यों नहीं दे रही है केंद्र सरकार ?

जयंत सिन्हा से यह पूछा गया कि जीएसटी कंपनसेशन मद में 2982 करोड़ रुपये आखिर केंद्र सरकार क्यों नहीं दे रही है. इसके जवाब में उन्होंने कहा कि आपदा के वक्त हर सरकार को लोन लेना ही पड़ता है. इसकी वजह यह है कि आपदा के वक्त आर्थिक गतिविधियां प्रभावित होती हैं. इसलिए लोन लेने की बात कही जा रही है, लेकिन इस बात को समझने के बजाए हेमंत सरकार बेवजह की राजनीति कर रही है. कम ब्याज दर पर सरकार ने लोन लिए होते तो हजारीबाग, पलामू और दुमका मेडिकल कॉलेज का निर्माण कार्य चलता रहता. इससे रोजगार का सृजन होता. सड़के और भवन का निर्माण होता, लेकिन सरकार ने ऐसा कुछ नहीं किया.

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एम्स को छूट और दुमका, हजारीबाग, पलामू में एडमिशन पर रोक क्यों ?

जयंत सिन्हा से यह पूछा गया कि अगर आधारभूत संरचना का हवाला देकर दुमका, हजारीबाग और पलामू मेडिकल कॉलेज में एडमिशन पर रोक लगाई गई तो फिर देवघर स्थित एम्स में क्यों नहीं. क्योंकि वहां भी आधारभूत संरचना की कमी है. इस सवाल का जयंत सिन्हा ने गोलमोल जवाब दिया.


DVC का बकाया रघुवर सरकार से क्यों नहीं वसूला गया ?

जयंत सिन्हा से पूछा गया कि राज्य सरकार पर डीवीसी का कि 5,608.36 करोड़ रुपए बकाया था. इसमें 90 प्रतिशत से ज्यादा बकाया पूर्वर्ती सरकार के समय का था, फिर भी पूर्वर्ती रघुवर सरकार की ओर से किए गए त्रिपक्षीय समझौते के आधार पर डीवीसी की बकाया राशि की पहली किश्त ऐसे विकट दौर में क्यों वसूली गई. इसके जवाब में उन्होंने बस इतना कहा कि हेमंत सरकार राजनीति कर रही है. सरकार ने जो कमिटमेंट किया था उसे पूरा करना होता है. इसी वजह से समझौते के आधार पर वसूली हुई.

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क्या दो माह बाद झारखंड में भाजपा की सरकार बनेगी ?

जयंत सिन्हा से यह पूछा गया कि उपचुनाव के वक्त प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा था कि दो माह बाद झारखंड में भाजपा की सरकार बनने जा रही है. अब महाराष्ट्र के एक भाजपा नेता और केंद्र में राज्य मंत्री राव साहेब ने औरंगाबाद में कहा है कि दो से तीन माह के भीतर महाराष्ट्र में भाजपा की सरकार बनने जा रही है. इस तरह के दावे किस आधार पर किए जाते हैं. इसके जवाब में जयंत सिन्हा ने कहा कि इस जवाब उन्हीं लोगों से पूछना चाहिए. मैं अर्थव्यवस्था पर बात करने आया हूं.


पेट्रोल-डीजल की कीमत में क्यों नहीं दी जा रही राहत ?


जयंत सिन्हा से पूछा गया कि वर्तमान में एक लीटर पेट्रोल का बेस प्राइस करीब 25 रुपए है, फिर भी 81 रुपए प्रति लीटर क्यों बेचा जा रहा है. क्या कोरोना के बीच आम लोगों पर यह दोहरी मार नहीं है. इसके जवाब में उन्होंने कहा कि अभी 80 से 90 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज दिया जा रहा है. मनरेगा में रोजगार दिया जा रहा है. मुफ्त गैस कनेक्शन दिए गये हैं. इसके लिए सरकार को पैसे की जरूरत होती है. यही वजह है कि वित्तीय संतुलन को बनाए रखने के लिए ऐसा करना जरूरी है.

Last Updated : Nov 26, 2020, 3:51 PM IST
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