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1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति का विरोध, कैलाश यादव ने कहा- सत्ता के लिए लोगों के हितों को बेचा गया - स्थानीय नीति विवाद

हेमंत सोरेन कैबिनेट ने 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति (1932 Khatian Based Domicile) पर अपनी मुहर लगा दी है. इस फैसले के विरोध में लोग मुखर हो रहे हैं. ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत में अखिल भारतीय भोजपुरी, मगही, मैथिली और अंगिका मंच के अध्यक्ष कैलाश यादव ने कहा कि सत्ता सुख के लिए नेताओं ने करोड़ों लोगों के हितों को बेच दिया है.

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Published : Sep 17, 2022, 8:43 AM IST

Updated : Sep 17, 2022, 9:52 AM IST

रांचीः झारखंड में 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति (1932 Khatian Based Domicile) को लेकर हेमंत सोरेन कैबिनेट के फैसले के विरोध में आवाज अब तेज होती जा रही है. निशाने पर झारखंड मुक्ति मोर्चा के साथ साथ राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस भी है. भोजपुरी, मगही, मैथिली और अंगिका भाषा को झारखंड के कई जिलों में स्थानीय भाषा की सूची से हटाने के हेमंत सोरेन सरकार के फैसले का तीव्र विरोध करने वाले अखिल भारतीय भोजपुरी, मगही, मैथिली और अंगिका मंच के अध्यक्ष कैलाश यादव ने सरकार के इस फैसले पर जमकर भड़ास निकाली है. उन्होंने कहा है कि 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति झामुमो का एजेंडा हो सकता है पर कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल के झारखंड के नेताओं ने जिस तरह से चुप्पी साध रखी है, उसका खामियाजा इन दोनों दलों और उसके नेताओं को भुगतना पड़ेगा.


इसे भी पढ़ें- VIDEO: 1932 खतियान पर फैसले के बाद झारखंड में सियासी तूफान, उठ रहे कई सवाल


1932 आधारित डोमिसाइल ने लाखों लोगों को बेघर करने की व्यवस्था कर दी- कैलाश यादवः ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत में अखिल भारतीय भोजपुरी मगही मैथिली और अंगिका मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष कैलाश यादव ने कहा कि हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री बनाने में अनुसूचित जाति, जनजाति, अल्पसंख्यक, पिछड़े और अन्य सभी लोगों का योगदान है. लेकिन जिस तरह से उन्होंने असंवैधानिक 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति को मंजूरी दी है, उससे साफ है कि मुख्यमंत्री ने उन लोगों के साथ धोखा किया जिन्होंने उनपर विश्वास किया. आखिर असंवैधानिक कानून लाकर सरकार क्यों राज्य में प्रेम और भाईचारे का माहौल खराब करना चाहती है.

अखिल भारतीय भोजपुरी, मगही, मैथिली और अंगिका मंच के अध्यक्ष कैलाश यादव से खास बातचीत

1932 नहीं चलने देंगे- कैलाश यादवः कैलाश यादव ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति वह नहीं लागू होने देंगे. इसके लिए रविवार 18 सितंबर को एक कोर कमिटी की बैठक होगी, वहीं 21 को आमसभा का आयोजन होगा. पूर्व में झारखंड कांग्रेस के प्रदेश महासचिव रहे कैलाश यादव ने कहा कि 1932 झामुमो का एजेंडा हो सकता है पर कांग्रेस और राजद का नहीं है.

झामुमो की पिच पर कांग्रेस और राजद इस मुद्दे पर खेल रही है, जिसका नुकसान उन्हें उठाना ही होगा. उन्होंने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू नेता नीतीश कुमार और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है. उन्होंने साफ किया कि राज्य में 70 प्रतिशत लोग कहीं ना कहीं से राज्य में आकर बसें हैं, उनमें एक डर का माहौल है और ऐसे लोगों की लड़ाई जनता के सहयोग से लड़ी जाएगी.

रांचीः झारखंड में 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति (1932 Khatian Based Domicile) को लेकर हेमंत सोरेन कैबिनेट के फैसले के विरोध में आवाज अब तेज होती जा रही है. निशाने पर झारखंड मुक्ति मोर्चा के साथ साथ राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस भी है. भोजपुरी, मगही, मैथिली और अंगिका भाषा को झारखंड के कई जिलों में स्थानीय भाषा की सूची से हटाने के हेमंत सोरेन सरकार के फैसले का तीव्र विरोध करने वाले अखिल भारतीय भोजपुरी, मगही, मैथिली और अंगिका मंच के अध्यक्ष कैलाश यादव ने सरकार के इस फैसले पर जमकर भड़ास निकाली है. उन्होंने कहा है कि 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति झामुमो का एजेंडा हो सकता है पर कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल के झारखंड के नेताओं ने जिस तरह से चुप्पी साध रखी है, उसका खामियाजा इन दोनों दलों और उसके नेताओं को भुगतना पड़ेगा.


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1932 आधारित डोमिसाइल ने लाखों लोगों को बेघर करने की व्यवस्था कर दी- कैलाश यादवः ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत में अखिल भारतीय भोजपुरी मगही मैथिली और अंगिका मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष कैलाश यादव ने कहा कि हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री बनाने में अनुसूचित जाति, जनजाति, अल्पसंख्यक, पिछड़े और अन्य सभी लोगों का योगदान है. लेकिन जिस तरह से उन्होंने असंवैधानिक 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति को मंजूरी दी है, उससे साफ है कि मुख्यमंत्री ने उन लोगों के साथ धोखा किया जिन्होंने उनपर विश्वास किया. आखिर असंवैधानिक कानून लाकर सरकार क्यों राज्य में प्रेम और भाईचारे का माहौल खराब करना चाहती है.

अखिल भारतीय भोजपुरी, मगही, मैथिली और अंगिका मंच के अध्यक्ष कैलाश यादव से खास बातचीत

1932 नहीं चलने देंगे- कैलाश यादवः कैलाश यादव ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति वह नहीं लागू होने देंगे. इसके लिए रविवार 18 सितंबर को एक कोर कमिटी की बैठक होगी, वहीं 21 को आमसभा का आयोजन होगा. पूर्व में झारखंड कांग्रेस के प्रदेश महासचिव रहे कैलाश यादव ने कहा कि 1932 झामुमो का एजेंडा हो सकता है पर कांग्रेस और राजद का नहीं है.

झामुमो की पिच पर कांग्रेस और राजद इस मुद्दे पर खेल रही है, जिसका नुकसान उन्हें उठाना ही होगा. उन्होंने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू नेता नीतीश कुमार और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है. उन्होंने साफ किया कि राज्य में 70 प्रतिशत लोग कहीं ना कहीं से राज्य में आकर बसें हैं, उनमें एक डर का माहौल है और ऐसे लोगों की लड़ाई जनता के सहयोग से लड़ी जाएगी.

Last Updated : Sep 17, 2022, 9:52 AM IST
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