रांची: झारखंड का कोई जिला नहीं बचा है जहां कोरोना ने दस्तक न दी हो. मरीजों की संख्या के मामले में कुछ समय पहले तक राजधानी रांची टॉप पर था, अब लौहनगरी टॉप पर है, जिसकी सबसे बड़ी वजह प्रवासी श्रमिक है. फिलहाल झारखंड में संक्रमित मरीजों की संख्या 3 डिजिट में है जो बहुत जल्द 4 डिजिट में कन्वर्ट हो जाएगी. अब सवाल है कि बढ़ती चुनौतियों से निपटने के लिए झारखंड का स्वास्थ्य मंत्रालय कितना तैयार है. इसे लेकर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने ईटीवी भारत के वरिष्ठ सहयोगी राजेश कुमार से खास बातचीत की.
मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि राज्य में पहले कोरोना संक्रमितों के सैंपल की जांच बहुत धीमी गति से चल रही थी, लेकिन अब जांच में बहुत तेजी आई है. राज्य में अबतक 30 ट्रू-नेट मशीन लगाए जा चुके हैं, जबकि 30 और लगाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि राज्य में अब 2500 टेस्ट हर दिन हो रहा है, जिसे और भी बढ़ाया जाएगा, राज्य में टेस्टिंग की गति में जितनी रफ्तार आएगी वैसे-वैसे राज्य कोरोना से मुक्त होते चला जाएगा. उन्होंने कहा कि राज्य में अगर कहीं किसी अस्पताल में जानबूझकर लापरवाही बरती जा रही है तो उसे संज्ञान में लेकर कार्रवाई की जाएगी.
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ईटीवी भारत से स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि राज्य में अबतक 90 हजार सैंपल की जांच हो चुकी है. उन्होंने कहा कि देश में ही स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव है उसमें झारखंड पिछड़ा राज्य है उसके बावजूद भी झारखंड सरकार ने कोरोना के रोकथाम के लिए पूरी ताकत झोंक दी है. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने जो एक ही हवाई जहाज में बड़े लोगों के साथ-साथ हवाई चप्पल पहनने वाले का भी एक साथ सफर करने की इक्छा जाहिर की थी वो उन्होंने कभी साकार नहीं किया, बल्कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ही ऐसा कर दिखाया. उन्होंने कहा कि कोरोना से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग हेमंत सरकार के नेतृत्व में पूरी तरह से तैयार है.