रांची: ईडी की गिरफ्त में आए 100 करोड़ से अधिक संपत्ति के मालिक चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम ने एजेंसी के पूछताछ में कई राज खोले हैं. रविवार को वीरेंद्र राम की रिमांड का तीसरा दिन था. तीसरे दिन इंजीनियर ने मंत्री से लेकर कई अधिकारियो के नाम लिए हैं जो उसके हर काम में मददगार थे. ईडी के शिकंजे में आए चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम ने टेंडर मैनेज करने के खेल और मैनेज के बदले कमीशनखोरी में शामिल दो दर्जन से अधिक हाईप्रोफाइल लोगों के नाम एजेंसी के सामने लाये हैं.
इंजीनियर से टेंडर मैनेज करवाकर उनसे जिन लोगों ने लाभ कमाया उसमें राज्य सरकार के मंत्री, कई विधायक, आईएएस अधिकारी जिसमें सचिव रैंक के अधिकारी भी शामिल थे. गौरतलब है कि वीरेंद्र राम के पद पर रहते जो भी ठेके दिए गए सभी के बारे में एक एक कर ईडी पड़ताल कर रही है. रिमांड के तीसरे दिन जिन अधिकारियों और मंत्रियों के नाम वीरेंद्र राम के द्वारा लिए गए हैं उनसे भी पूछताछ की जाएगी.
हर ठेके की जानकारी जुटा रही ईडी: दरअसल यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि विरेंद्र राम के द्वारा किन किन ठेकों में किसे लाभांवित किया गया. उसके बदले कितनी रकम किसे दी गई. वहीं खुद वीरेद्र राम ने कितने की उगाही कमीशन के तौर पर की. यह ईडी पड़ताल कर रही है. वीरेंद्र के द्वारा अपनी स्वीकारोक्ति बयान में जो बातें बतायी गई हैं. ईडी उसका सत्यापन काफी गहराई से कर रही है.
जांच हो रही, क्या चीफ इंजीनियर बनाने के लिए भी दिए पैसे: ईडी यह पड़ताल कर रही है कि वीरेंद्र राम ने अधीक्षण अभियंता के पद पर रहते हुए चीफ इंजीनियर का पद हासिल किया था. वह भी तब जब 2019 में घूसखोरी और 2.67 करोड़ की बरामदगी के मामले में उनकी भूमिका एसीबी की जांच मे संदिग्ध के तौर पर उभरी थी, लेकिन सारे मामले मैनेज हो गए. यहां तक कि भ्रष्टाचार के मामले की जांच तक आगे नहीं बढ़ी, दूसरी तरफ वीरेंद्र राम को लगातार बड़े पद मिलते रहे.