रांची: खूंटी जिला परिषद के बर्खास्त जूनियर इंजीनियर राम विनोद प्रसाद सिन्हा से 10 दिनों तक पूछताछ के बाद गुरुवार को ईडी ने उसे एके मिश्रा की विशेष अदालत में पेश किया. जहां से उसे खेलगांव स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार भेज दिया गया. इंजीनियर राम विनोद प्रसाद ने मनरेगा योजना में करोड़ों रुपए की हेराफेरी कर अपने सगे संबंधियों के खाते में पैसा जमा करवा दिया था और गिरफ्तारी के डर से काफी दिनों से फरार चल रहा था, इसी कड़ी में पुलिस ने उसे फकड़ने के लिए छापेमारी अभियान चलाया जहां बीते 17 जून को ईडी के टीम ने कोलकाता से गिरफ्तार करके रांची लायी.
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बर्खास्त इंजीनियर राम विनोद प्रसाद सिंह पर वर्तमान में 2.79 करोड़ रुपये मनी लाउंड्रिंग का आरोप है. आरोपी के खिलाफ अदालत में चार्जशीट दाखिल की गयी था. जिसके बाद उसकी गिरफ्तारी हुई है. यह पहला मामला जब किसी मामले में चार्जशीट दाखिल होने के बाद पूछताछ के लिए ईडी ने इंजीनियर को 29 जून को रिमांड पर लिया था.
बता दें कि आरोपी पर 2 करोड़ 79 लाख से अधिक मनी लाउंड्रिंग करने का आरोप है. यह पिछले डेढ़ से 2 साल से फरार चल रहा था. ईडी ने उसके ठिकानों पर छापामारी कर चुकी है. साथ ही उसके परिजनों के नाम की संपत्ति को भी अपने कब्जे में पूर्व में ही ले लिया है.