रांची: राजधानी रांची सहित पूरे राज्यभर में घंटों बिजली रानी रुठी रहती हैं. मांग के अनुरूप बिजली की आपूर्ति नहीं होने के कारण राज्यभर में बिजली को लेकर हाहाकार मचा हुआ है. राज्यभर में गर्मी के कारण अब 2500 मेगावाट तक डिमांड हो गई है. टीवीएनएल से 350 मेगावाट तक उत्पादन होता है, शेष बिजली झारखंड बिजली उत्पादन निगम, आधुनिक पावर, इनलैंड पावर के अलावा राष्ट्रीय ग्रिड, सेकी और इंडियन एनर्जी एक्सचेंज से लिया जा रहा है. दिन में डीवीसी कमांड एरिया से करीब 500 मेगावाट बिजली मिल रही है. हरमू के रहने वाले सूर्यकांत बताते हैं कि स्कूलों का समय सुबह 6 बजे से किए जाने के कारण सुबह जागना होता है. ऐसे में बिजली नहीं रहने से बच्चों के साथ-साथ उनके अभिभावकों को भी भारी परेशानी झेलनी पड़ती है
ये हाल है पीक ऑवर में बिजली का
तारीख | मांग (मेगावाट में) | आपूर्ति (मेगावाट में) | अंतर (मेगावाट में) |
15 अप्रैल | 2500 | 2250 | 250 |
16 अप्रैल | 2400 | 2300 | 100 |
17 अप्रैल | 2500 | 2300 | 200 |
18 अप्रैल | 2450 | 2300 | 150 |
19 अप्रैल | 2500 | 2300 | 200 |
20 अप्रैल | 2450 | 2100 | 350 |
21 अप्रैल | 2600 | 2100 | 500 |
बिजली विभाग ने निर्वाध बिजली का किया दावा: बिजली की किल्लत पर विभाग का अलग तर्क है. विभागीय अधिकारियों का मानना है कि निर्वाध बिजली की आपूर्ति के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं. रांची प्रक्षेत्र के महाप्रबंधक पीके श्रीवास्तव के अनुसार सारे ग्रिड और ट्रांसफार्मर काम कर रहे हैं. मांग के अनुरूप राज्य सरकार सेंट्रल पूल से बिजली खरीदकर राज्य के लोगों को उपलब्ध करा रही है.
राज्य में बिजली की आपूर्ति सामान्य बनाए रखने के लिए इंडियन एनर्जी एक्सचेंज से जेवीवीएनएल प्रतिदिन करीब 5 से 8 करोड रुपए की अतिरिक्त बिजली ₹12 प्रति यूनिट की दर से राज्य की जनता को मुहैया करा रही है. इसके अतिरिक्त सारे 500 करोड़ की बिजली सामान्य कोटि से खरीदी जा रही है, यानी हर दिन लगभग 600 करोड़ रुपए तक की बिजली राज्य सरकार खरीद रही है. इसके बावजूद भी राज्य में बिजली की किल्लत बनी हुई है.