रांची: ईवीएम के बाद बहुत संभव है कि आने वाले दिनों में भारतीय लोकतंत्र में होने वाले चुनाव में वोटिंग परसेंटेज बढ़ाने में आरवीएम यानी रिमोट वोटिंग मशीन का बड़े पैमाने पर उपयोग हो. दरअसल, भारत में होने वाले चुनावों में वोट परसेंटेज बढ़ाने के लिए भारत निर्वाचन आयोग ने रिमोट वोटिंग मशीन के इस्तेमाल की योजना बनाई है, ताकि घरेलू प्रवासी भी मतदान कर सके.
ये भी पढ़ें: झारखंड में महिला वोटरों की संख्या बढ़ी, साल 2022 में जुड़े करीब 5 लाख 40 हजार मतदाता
इस योजना को अमल में लाने से पहले भारत निर्वाचन आयोग, राज्य और देश की सभी प्रमुख राजनीतिक पार्टियों से RVM पर उनकी राय भी लेना चाहता है. इसलिए दिल्ली के विज्ञान भवन में 16 जनवरी को आयोग सर्वदलीय बैठक आयोजित कर रहा है, जिसमें झारखंड के दो क्षेत्रीय दल झारखंड मुक्ति मोर्चा और आजसू पार्टी के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे और अपना फीडबैक देंगे.
भारत निर्वाचन आयोग क्यों बना रहा आरवीएम के उपयोग की योजना: भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है, भारत का संविधान अपने नागरिकों को वयस्क मतदान का अधिकार प्रदान करता है. भारत के संविधान के अनुच्छेद 326 में निहित अधिकार में जाति, धर्म, लिंग,आर्थिक स्थिति आदि का ध्यान दिए बिना सभी को मत देने का अधिकार है. एक स्थापित लोकतंत्र का एक अच्छा उपाय अन्य बातों के साथ-साथ यह है कि मतदाता के रूप में सभी पात्र नागरिकों का पंजीकरण हो और मतदान में मतदाताओं की अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित हो.
देश में एक तिहाई योग्य मतदाता नहीं करते मतदान: भारत में पिछले 75 वर्षों में निर्वाचन आयोग के आकंड़े बताते हैं कि मतदाताओं की संख्या यानि निबंधन और मतदान का प्रतिशत दोनों में वृद्धि की प्रवृत्ति देखी गई है. बावजूद इसके मतदाताओं की चुनाव में भागीदारी पिछले कुछ वर्षों से एक ठहराव की स्थिति में पहुंच गई है, जो चिंताजनक है. भारत निर्वाचन आयोग के लोकसभा चुनाव से जुड़े आंकड़े बताते हैं कि कुल मतदाताओं के लगभग एक तिहाई मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं करते हैं. दूसरे शब्दों में कहा जाए तो प्रत्येक तीन में से एक मतदान के लिए योग्य व्यक्ति अपने मत का प्रयोग चुनावी प्रक्रिया में नहीं करता है और यह संख्या काफी बड़ी, लगभग 30 करोड़ मतदाताओं की है.
लोकसभा चुनाव | ||
---|---|---|
वर्ष | मतदाता | वोटर टर्नआउट |
1951 | 17.32 करोड़ | 45.67% |
1957 | 19.37 करोड़ | 47.74% |
1962 | 21.64 करोड़ | 55.42% |
2009 | 71.70 करोड़ | 58.21% |
2014 | 83.40 करोड़ | 66.44% |
2019 | 91.20 करोड़ | 67.40% |
आरवीएम से क्या फायदा: इतनी बड़ी संख्या में मतदाताओं के चुनावी प्रक्रिया से अलग रहने से चिंतित भारत निर्वाचन आयोग वैसे घरेलू प्रवासियों के वोट सुनिश्चित करने की योजना बना रहा है, जिनका वोटर लिस्ट में नाम किसी राज्य में है और वह रोजी रोटी लिए दूसरे राज्यों में रह रहा है. ऐसे ही लोगों के लिए दूरस्थ मतदान का उपयोग कर घरेलू प्रवासियों की मतदाता भागीदारी में सुधार के लिए RVM का इस्तेमाल करने की योजना पर आगे बढ़ रहा है और दिल्ली में सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में इसका डेमो किया जाएगा.
झारखंड से आजसू और झामुमो के प्रतिनिधि करेंगे शिरकत: भारत निर्वाचन आयोग ने देश के सभी मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दलों को आरवीएम के डेमो के लिए आमंत्रित किया है, जिसमें झारखंड के दो क्षेत्रीय दल झारखंड मुक्ति मोर्चा और आजसू पार्टी के प्रतिनिधि शामिल होंगे. झामुमो की ओर से वरिष्ठ नेता सुप्रियो भट्टाचार्य भारत निर्वाचन आयोग की रिमोट वोटिंग मशीन पर बुलाई बैठक और इसके प्रोटोटाइप डेमोस्ट्रेशन में शामिल होंगे. झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता और सरकार में समन्वय समिति के सदस्य विंनोद पांडे ने कहा कि बैठक के बाद झामुमो पूरी स्पष्टता के साथ अपनी बात आयोग के समक्ष रखेगा.