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चुनाव आयोग ने तैयार किया वीएमएस ऐप, मांडर उपचुनाव में पहली बार होगा इस्तेमाल, जानिए कैसे होगा काम

चुनाव आयोग मांडर उपचुनाव में एक ऐप को प्रयोग के तौर पर शुरू कर रहा है. इससे चुनाव के दौरान उपयोग में लिए जाने वाले वाहनों का पूरा डाटा ऐप के माध्यम से जहां ऑनलाइन हो जाएगा. वहीं, गाड़ी मालिकों के बकाया भुगतान की शिकायत भी दूर हो जायेगी.

Election Commission has prepared VMS app
Election Commission has prepared VMS app
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Published : Jun 16, 2022, 4:40 PM IST

Updated : Jun 16, 2022, 5:41 PM IST

रांची: अब चुनाव के बाद निजी वाहन मालिकों को डीसी कार्यालय का चक्कर पैमेंट के लिए नहीं लगाना पड़ेगा. इवेंट व्हेकिल मैनेजमेंट सिस्टम के जरिए चुनाव के दौरान उपयोग में आनेवाली गाड़ियों की सारी जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध रहेगी. एनआईसी और मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय द्वारा तैयार इस ऐप को मांडर उपचुनाव में प्रयोग के तौर पर शुरू किया जा रहा है. झारखंड देश का पहला राज्य होगा जहां चुनाव के वक्त उपयोग में आनेवाली निजी-सरकारी गाड़ियों के लिए इस तरह का वीएमएस (व्हेकिल मैनेजमेंट सिस्टम) ऐप तैयार किया गया है. इससे चुनाव के दौरान उपयोग में लिए जाने वाले वाहनों का पूरा डाटा ऐप के माध्यम से जहां ऑनलाइन हो जाएगा. वहीं, गाड़ी मालिकों के बकाया भुगतान की शिकायत भी दूर हो जायेगी.

ये भी पढ़ें- मांडर विधानसभा उपचुनाव: शांतिपूर्ण और निष्पक्ष मतदान की तैयारी में जुटा चुनाव आयोग, 429 सेंटरों पर होगा मतदान


कैसे करेगा यह ऐप काम और क्या मिलेगा इससे लाभ: चुनाव के वक्त गाड़ी प्रशासन द्वारा लिये जाने के बाद वीएमएस पर रजिस्ट्रेशन वाहन मालिक करेंगे. रजिस्ट्रेशन होने के बाद इसकी सूचना एसएमएस से भी वाहन मालिकों के नंबर पर चला जाएगा. ऐप में गाड़ी का नंबर, वाहन मालिक का नाम, पता और वाहन चुनाव कार्य के लिए कब और कहां चुनाव आयोग ने अधिग्रहित किया, गाड़ी कब्जे में लेने और मुक्त करने वक्त की मीटर रीडिंग, गाड़ी के प्रकार और दिये गये पेट्रोल-डीजल का हिसाब भी दर्ज रहेगा.

के रवि कुमार, मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी

गाड़ी मालिक को भुगतान से संबंधित ब्योरा भी ऑनलाइन ऐप के माध्यम से जाना जा सकेगा. मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार ने इस ऐप की जानकारी देते हुए कहा कि आम तौर पर चुनाव के बाद गाड़ी मालिकों की शिकायत पेमेंट को लेकर होती थी. इस ऐप के जरिए जहां हर दिन मॉनिटरिंग सीईओ कार्यालय से की जा सकेगी वहीं इसमें होने वाली गड़बड़ियों की रोकथाम भी हो सकेगी. उन्होंने कहा कि इसमें कई फीचर दिये गये हैं जिससे पारदर्शिता आयेगी. इसके बाबजूद भी यदि वाहन मालिकों की कोई शिकायत होगी तो उसे 45 दिनों के अंदर दूर करने की व्यवस्था की गई है. उन्होंने कहा कि एनआईसी द्वारा जल्द ही इसको लेकर मोबाइल ऐप भी तैयार कर लिया जायेगा जिससे और भी सुलभ हो जायेगा.

रांची: अब चुनाव के बाद निजी वाहन मालिकों को डीसी कार्यालय का चक्कर पैमेंट के लिए नहीं लगाना पड़ेगा. इवेंट व्हेकिल मैनेजमेंट सिस्टम के जरिए चुनाव के दौरान उपयोग में आनेवाली गाड़ियों की सारी जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध रहेगी. एनआईसी और मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय द्वारा तैयार इस ऐप को मांडर उपचुनाव में प्रयोग के तौर पर शुरू किया जा रहा है. झारखंड देश का पहला राज्य होगा जहां चुनाव के वक्त उपयोग में आनेवाली निजी-सरकारी गाड़ियों के लिए इस तरह का वीएमएस (व्हेकिल मैनेजमेंट सिस्टम) ऐप तैयार किया गया है. इससे चुनाव के दौरान उपयोग में लिए जाने वाले वाहनों का पूरा डाटा ऐप के माध्यम से जहां ऑनलाइन हो जाएगा. वहीं, गाड़ी मालिकों के बकाया भुगतान की शिकायत भी दूर हो जायेगी.

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कैसे करेगा यह ऐप काम और क्या मिलेगा इससे लाभ: चुनाव के वक्त गाड़ी प्रशासन द्वारा लिये जाने के बाद वीएमएस पर रजिस्ट्रेशन वाहन मालिक करेंगे. रजिस्ट्रेशन होने के बाद इसकी सूचना एसएमएस से भी वाहन मालिकों के नंबर पर चला जाएगा. ऐप में गाड़ी का नंबर, वाहन मालिक का नाम, पता और वाहन चुनाव कार्य के लिए कब और कहां चुनाव आयोग ने अधिग्रहित किया, गाड़ी कब्जे में लेने और मुक्त करने वक्त की मीटर रीडिंग, गाड़ी के प्रकार और दिये गये पेट्रोल-डीजल का हिसाब भी दर्ज रहेगा.

के रवि कुमार, मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी

गाड़ी मालिक को भुगतान से संबंधित ब्योरा भी ऑनलाइन ऐप के माध्यम से जाना जा सकेगा. मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार ने इस ऐप की जानकारी देते हुए कहा कि आम तौर पर चुनाव के बाद गाड़ी मालिकों की शिकायत पेमेंट को लेकर होती थी. इस ऐप के जरिए जहां हर दिन मॉनिटरिंग सीईओ कार्यालय से की जा सकेगी वहीं इसमें होने वाली गड़बड़ियों की रोकथाम भी हो सकेगी. उन्होंने कहा कि इसमें कई फीचर दिये गये हैं जिससे पारदर्शिता आयेगी. इसके बाबजूद भी यदि वाहन मालिकों की कोई शिकायत होगी तो उसे 45 दिनों के अंदर दूर करने की व्यवस्था की गई है. उन्होंने कहा कि एनआईसी द्वारा जल्द ही इसको लेकर मोबाइल ऐप भी तैयार कर लिया जायेगा जिससे और भी सुलभ हो जायेगा.

Last Updated : Jun 16, 2022, 5:41 PM IST
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