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आदिवासी संगठनों के झारखंड बंद का दिखा असर, सड़क जाम से परेशान रही जनता

संथाली भाषा को प्रथम राजभाषा का दर्जा और संथाली भाषा के पुस्तकों को ओलचिकी में करने सहित कई मांगों को लेकर आदिवासी संगठन के झारखंड बंद का व्यापक असर दिखा. पूरे झारखंड में कई जगह प्रदर्शन किए गए और अपनी मांगों को मनवाने के लिए सड़क जाम किया गया. इससे जन जीवन भी प्रभावित हुआ.

Effect of Jharkhand bandh of tribal organizations
Effect of Jharkhand bandh of tribal organizations
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Published : Jul 4, 2023, 7:49 PM IST

जमशेदपुर, धनबाद, रामगढ़, जामताड़ा: झारखंड में संथाली भाषा को प्रथम राजभाषा का दर्जा देने के अलावा अन्य मांगों को लेकर आदिवासियों संगठनों ने झारखंड बंद बुलाया था. इस दौरान सड़क और रेल मार्ग प्रभावित हुआ है. आंदोलन को देखते हुए रेलवे ने कई ट्रेन के मार्ग बदल दिए. वहीं सड़क से जाने वाले यात्रियों को भी बंद के कारण परेशानी का सामना करना पड़ा.

ये भी पढ़ें: दुमका एसकेएम यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों ने ओलचिकी लिपि का किया विरोध, कहा- संथाली भाषा के लिए देवनागरी लिपि ही सबसे उपयुक्त

जनशताब्दी एक्स्प्रेस रद्द: झारखंड बंद के कारण टाटा नगर से होकर गुजरने वाली जनशताब्दी एक्सप्रेस को रद्द कर दिया गया. रेलवे ने इसे लेकर अधिसूचना जारी कर दी है. जमशेदपुर में ओलचिकी लिपि हुल बैसी के बैनर तले अपनी विभिन्न मांगों को लेकर बुलाए गए झारखंड बंद का ग्रामीण क्षेत्र में व्यापक असर देखने को मिला. जमशेदपुर के करंडीह सुंदर नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में सुबह से ही बंद समर्थक पारंपरिक परिधान में पारंपरिक हथियार के साथ सड़क पर उतरे और टायर जलाकर जोरदार प्रदर्शन किया. संथाली भाषा को प्रथम राजभाषा का दर्जा देने, संथाली शिक्षकों की बहाली, संताली एकेडमी का गठन और संथाली भाषा के पुस्तकों को ओलचिकी लिपि भाषा में विमोचन करने जैसे विभिन्न मुख्य मांगों को लेकर बंद समर्थकों ने राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया.

धनबाद में प्रदर्शन: यहां प्रदर्शन कर रहे लोगों ने एनएच 19 यानी जीटी रोड को पूरी तरह से जाम कर दिया. जाम के कारण कई घंटों तक यातायात पूरी तरह से बाधित रहा. प्रदर्शन कर रहे बैजनाथ हेंब्रम ने बताया कि पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत आज झारखंड बंद का ऐलान किया गया था. उन्होंने मांगें पूरी नहीं होने तक आंदोलन जारी रखने की बात भी कही है.

रामगढ़ के नया मोड़ में प्रदर्शन: यहां आदिवासी समाज के लोगों ने NH-33 को पूरी तरह जाम कर दिया, जिसके कारण सड़क पर दोनों और छोटी बड़ी गाड़ियों की लगभग 10 किलोमीटर तक जाम में फंसी रहीं. इससे यात्री खासा परेशान रहें.

जामताड़ा में रेलवे ओवरब्रिज के पास प्रदर्शन: ओलचिकी संथाली भाषा को मान्यता देने और लागू करने की मांग को लेकर मिहिजाम जामताड़ा एनएच 419 रेलवे ओवरब्रिज के पास लोगों ने प्रदर्शन किया. आदिवासी समाज और समर्थकों ने घंटों सड़क जामकर आवागमन को पूरी तरह से बाधित कर दिया. हालांकि जाम की स्थिति को देखते हुए स्थानीय विधायक और पुलिस प्रशासन मौके पर पहुंचे और फिर उनके हस्तक्षेप के बाद सड़क से जाम हटाया गया. विधायक इरफान अंसारी ने विधानसभा में की मांग उठाने और सरकार से उसे पूरा करवाने का आश्वासन दिया.

जमशेदपुर, धनबाद, रामगढ़, जामताड़ा: झारखंड में संथाली भाषा को प्रथम राजभाषा का दर्जा देने के अलावा अन्य मांगों को लेकर आदिवासियों संगठनों ने झारखंड बंद बुलाया था. इस दौरान सड़क और रेल मार्ग प्रभावित हुआ है. आंदोलन को देखते हुए रेलवे ने कई ट्रेन के मार्ग बदल दिए. वहीं सड़क से जाने वाले यात्रियों को भी बंद के कारण परेशानी का सामना करना पड़ा.

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जनशताब्दी एक्स्प्रेस रद्द: झारखंड बंद के कारण टाटा नगर से होकर गुजरने वाली जनशताब्दी एक्सप्रेस को रद्द कर दिया गया. रेलवे ने इसे लेकर अधिसूचना जारी कर दी है. जमशेदपुर में ओलचिकी लिपि हुल बैसी के बैनर तले अपनी विभिन्न मांगों को लेकर बुलाए गए झारखंड बंद का ग्रामीण क्षेत्र में व्यापक असर देखने को मिला. जमशेदपुर के करंडीह सुंदर नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में सुबह से ही बंद समर्थक पारंपरिक परिधान में पारंपरिक हथियार के साथ सड़क पर उतरे और टायर जलाकर जोरदार प्रदर्शन किया. संथाली भाषा को प्रथम राजभाषा का दर्जा देने, संथाली शिक्षकों की बहाली, संताली एकेडमी का गठन और संथाली भाषा के पुस्तकों को ओलचिकी लिपि भाषा में विमोचन करने जैसे विभिन्न मुख्य मांगों को लेकर बंद समर्थकों ने राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया.

धनबाद में प्रदर्शन: यहां प्रदर्शन कर रहे लोगों ने एनएच 19 यानी जीटी रोड को पूरी तरह से जाम कर दिया. जाम के कारण कई घंटों तक यातायात पूरी तरह से बाधित रहा. प्रदर्शन कर रहे बैजनाथ हेंब्रम ने बताया कि पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत आज झारखंड बंद का ऐलान किया गया था. उन्होंने मांगें पूरी नहीं होने तक आंदोलन जारी रखने की बात भी कही है.

रामगढ़ के नया मोड़ में प्रदर्शन: यहां आदिवासी समाज के लोगों ने NH-33 को पूरी तरह जाम कर दिया, जिसके कारण सड़क पर दोनों और छोटी बड़ी गाड़ियों की लगभग 10 किलोमीटर तक जाम में फंसी रहीं. इससे यात्री खासा परेशान रहें.

जामताड़ा में रेलवे ओवरब्रिज के पास प्रदर्शन: ओलचिकी संथाली भाषा को मान्यता देने और लागू करने की मांग को लेकर मिहिजाम जामताड़ा एनएच 419 रेलवे ओवरब्रिज के पास लोगों ने प्रदर्शन किया. आदिवासी समाज और समर्थकों ने घंटों सड़क जामकर आवागमन को पूरी तरह से बाधित कर दिया. हालांकि जाम की स्थिति को देखते हुए स्थानीय विधायक और पुलिस प्रशासन मौके पर पहुंचे और फिर उनके हस्तक्षेप के बाद सड़क से जाम हटाया गया. विधायक इरफान अंसारी ने विधानसभा में की मांग उठाने और सरकार से उसे पूरा करवाने का आश्वासन दिया.

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