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रांची में इंस्पायर अवार्ड को लेकर शिक्षा पदाधिकारीयों ने की ई-मीटिंग, मानकों पर हुई चर्चा

रांची में विज्ञान, नोडल शिक्षकों के साथ इंस्पायर अवॉर्ड मानकों को लेकर ऑनलाइन पंजीकरण को लेकर ई-मीटिंग का आयोजन किया गया. ई-मीटिंग की अध्यक्षता आरआरडीई अरविंद विजय बिलूंग ने की.

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Published : Aug 7, 2020, 4:09 PM IST

Education officials held an e-meeting regarding the Inspire Award in Ranchi
रांची में इंस्पायर अवार्ड को लेकर शिक्षा पदाधिकारीयों ने की ई-मीटिंग

रांची: भारत सरकार के विज्ञान, प्रौद्योगिकी विभाग ,राष्ट्रीय नवप्रवर्तन प्रतिस्ठान, भारत पूर्वी प्रक्षेत्र और राज्य नोडल कार्यालय, झारखंड के संयुक्त तत्ववावधान में विगत दो दिनों से लगातार वेबिनार के माध्यम से रांची, पलामू , गढ़वा, लातेहार, गुमला, दुमका जिेले के लगभग 500 विज्ञान, नोडल शिक्षकों के साथ इंस्पायर अवॉर्ड माणक के तहत ऑनलाइन पंजीकरण को लेकर ई-मीटिंग का आयोजन किया गया. ई-मीटिंग की अध्यक्षता आरआरडीई अरविंद विजय बिलूंग ने की. बिलूंग ने राष्ट्रीय आयोजकों, जिलास्तरीय पदाधिकारियों और शिक्षकों को संबोधित करते हुए निर्देश दिया है कि हर कोटि के विद्यालय जहां वर्ग छः से दस तक या फिर इनमे से कोई एक, दो, तीन, चार या फिर पांचों कक्षाएं संचालित हैं.

उनके विद्यालय से नवाचारी विचारों को उचित अवसर उपलब्ध कराने के लिए पांच बच्चों का 30 सितम्बर तक पंजीकरण अनिवार्य है. इसके लिए सबंधित शिक्षा पदाधिकारी, जिला नोडल पदाधिकारी, एक सक्रिय समर्पित अनुभवी विज्ञान शिक्षक, सहायक नोडल अधिकारी और एक कार्यालय प्रभारी को नॉमिनेट कर दायित्व सौंपा जाएगा. Covid-19 की चुनौतियों के साथ किशोरावस्था के जेहन में पनप रहे निदानात्मक नवाचारी आविष्कारों को उचित अवसर देने का इंस्पायर से बेहतर कोई और विकल्प नहीं हो सकता है. बिलूंग ने इंस्पायर की प्रतियोगिता को आई क्यू के साथ साथ शारीरिक स्वस्थता भावनात्मक समभाव और आध्यात्मिक सम्पन्नता (SQ)का समेकित पर्याय बताया.

ये भी पढ़ें: बाबूलाल मरांडी को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बनाने का मामला, बीजेपी ने की राज्यपाल से मुलाकात

उन्होंने NIF के वैज्ञानिकों को आश्वस्त किया कि मिशन मोड में आंदोलन के रूप में बच्चों को इस योजना से जोड़ा जाएगा. हजारों की संख्या में बच्चे पंजीकृत किए जाएंगे और DLEPC और SLEPC होते हुए NLEPC में झारखंड का परचम लहराएंगे. विदित हो कि अभी तक झारखंड के 196 बच्चों ने राष्ट्रीय स्तर पर और 13 बच्चों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जापान तक जाकर झारखंड का गौरव बढ़ाया है. डॉ. विवेक कुमार वरीय वैज्ञानिक और राहुल प्रकाश क्षेत्रीय समन्वयक राष्ट्रीय नवप्रवर्तन प्रतिष्ठान भारत ने विस्तार से इस अवार्ड की योजना क्रियान्वयन विद्यालय से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक की प्रतिभागिता और उपलब्धियों पर स्टेप बाय स्टेप प्रेजेंटेशन के माध्यम से प्रस्तुति दी और कार्यान्वयन से सम्बंधित शिक्षकों के प्रश्नो का उत्तर देते हुए उनकी समस्यायों का समाधान किया है. इस मीटिंग में जिला शिक्षा पदाधिकारी रांची, पलामू ,गढ़वा, लातेहार, गुमला, दुमका सहित विभिन्न स्तरीय आयोजनों से जुड़े शिक्षकों और कर्मियों ने भी भाग लिया.

रांची: भारत सरकार के विज्ञान, प्रौद्योगिकी विभाग ,राष्ट्रीय नवप्रवर्तन प्रतिस्ठान, भारत पूर्वी प्रक्षेत्र और राज्य नोडल कार्यालय, झारखंड के संयुक्त तत्ववावधान में विगत दो दिनों से लगातार वेबिनार के माध्यम से रांची, पलामू , गढ़वा, लातेहार, गुमला, दुमका जिेले के लगभग 500 विज्ञान, नोडल शिक्षकों के साथ इंस्पायर अवॉर्ड माणक के तहत ऑनलाइन पंजीकरण को लेकर ई-मीटिंग का आयोजन किया गया. ई-मीटिंग की अध्यक्षता आरआरडीई अरविंद विजय बिलूंग ने की. बिलूंग ने राष्ट्रीय आयोजकों, जिलास्तरीय पदाधिकारियों और शिक्षकों को संबोधित करते हुए निर्देश दिया है कि हर कोटि के विद्यालय जहां वर्ग छः से दस तक या फिर इनमे से कोई एक, दो, तीन, चार या फिर पांचों कक्षाएं संचालित हैं.

उनके विद्यालय से नवाचारी विचारों को उचित अवसर उपलब्ध कराने के लिए पांच बच्चों का 30 सितम्बर तक पंजीकरण अनिवार्य है. इसके लिए सबंधित शिक्षा पदाधिकारी, जिला नोडल पदाधिकारी, एक सक्रिय समर्पित अनुभवी विज्ञान शिक्षक, सहायक नोडल अधिकारी और एक कार्यालय प्रभारी को नॉमिनेट कर दायित्व सौंपा जाएगा. Covid-19 की चुनौतियों के साथ किशोरावस्था के जेहन में पनप रहे निदानात्मक नवाचारी आविष्कारों को उचित अवसर देने का इंस्पायर से बेहतर कोई और विकल्प नहीं हो सकता है. बिलूंग ने इंस्पायर की प्रतियोगिता को आई क्यू के साथ साथ शारीरिक स्वस्थता भावनात्मक समभाव और आध्यात्मिक सम्पन्नता (SQ)का समेकित पर्याय बताया.

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उन्होंने NIF के वैज्ञानिकों को आश्वस्त किया कि मिशन मोड में आंदोलन के रूप में बच्चों को इस योजना से जोड़ा जाएगा. हजारों की संख्या में बच्चे पंजीकृत किए जाएंगे और DLEPC और SLEPC होते हुए NLEPC में झारखंड का परचम लहराएंगे. विदित हो कि अभी तक झारखंड के 196 बच्चों ने राष्ट्रीय स्तर पर और 13 बच्चों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जापान तक जाकर झारखंड का गौरव बढ़ाया है. डॉ. विवेक कुमार वरीय वैज्ञानिक और राहुल प्रकाश क्षेत्रीय समन्वयक राष्ट्रीय नवप्रवर्तन प्रतिष्ठान भारत ने विस्तार से इस अवार्ड की योजना क्रियान्वयन विद्यालय से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक की प्रतिभागिता और उपलब्धियों पर स्टेप बाय स्टेप प्रेजेंटेशन के माध्यम से प्रस्तुति दी और कार्यान्वयन से सम्बंधित शिक्षकों के प्रश्नो का उत्तर देते हुए उनकी समस्यायों का समाधान किया है. इस मीटिंग में जिला शिक्षा पदाधिकारी रांची, पलामू ,गढ़वा, लातेहार, गुमला, दुमका सहित विभिन्न स्तरीय आयोजनों से जुड़े शिक्षकों और कर्मियों ने भी भाग लिया.

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