रांची: झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो की तबीयत सोमवार को सदन के कार्यवाही के दौरान बिगड़ गई थी, जिसके बाद उन्हें आनन-फानन में अस्पताल में भर्ती कराया गया. यहां उन्हें डॉक्टर्स की देखरेख में आईसीयू में रखा गया था, लेकिन हालत में सुधार नहीं हुआ. इस पर पारस अस्पताल के चिकित्सकों ने चेन्नई के डॉक्टर्स से बात की तो डॉक्टर ने सुझाव दिया कि उन्हें एयरलिफ्ट कर चेन्नई भेजा जाए. पारस के चिकित्सकों ने भी सहमति दे दी है. इसके बाद शिक्षामंत्री जगरनाथ महतो को रात साढ़े आठ बजे एयर एंबुलेंस से चेन्नई भेजा गया. शिक्षामंत्री जगरनाथ महतों के साथ, उनके बेटे, भतीजे और डॉक्टर्स की टीम भी साथ गई है.
सीएम पहुंचे अस्पतालः झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो को एयरलिफ्ट कर सोमवार रात चेन्नई भेजा गया. इससे पहले सोमवार को विधानसभा में सत्र की कार्यवाही के दौरान ही उनकी तबीयत बिगड़ गई थी, जिसके बाद उन्हें आनन-फानन में रांची के पारस हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. फिर शाम 8 बजकर 30 मिनट पर चेन्नई से एयर एंबुलेंस रांची पहुंची, जहां से उन्हें एयरलिफ्ट करके भेजा गया. इससे पहले राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पारस हॉस्पिटल जाकर मंत्री जगरनाथ महतो हाल-चाल जाना. सीएम के अलावा मंत्री मिथलेश ठाकुर, हफिजुल हसन, विधायक-सांसद, रांची एसपी, डीसी सहित कई आला अधिकारी भी अस्पताल पहुंचे थे. सीएम हेमंत सोरेन खुद पूरे स्थिति की मॉनिटरिंग कर रहे हैं.
इस वजह से भेजा गया चेन्नईः गौरतलब है कि कोविड-19 की पहली लहर के दौरान भी जगरनाथ महतो लंबे समय तक बीमार थे, जिसके बाद उनका चेन्नई के एमजीएम अस्पताल में करीब 8 महीने तक इलाज चला था. इसके पीछे कोविड की पहली लहर में उनके फेफड़े में संक्रमण होना वजह बनी थी. इधर पारस हॉस्पिटल के इमरजेंसी वार्ड के डॉक्टर राजीव रंजन सिंह ने कहा शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो को लंग में संक्रमण को लेकर यहां भर्ती कराया गया. हालांकि इनके बेहतर इलाज के लिए एमजीएम हॉस्पिटल चेन्नई भेज दिया गया है.
बता दें कि 55 वर्षीय जगरनाथ महतो हृदय रोग से भी ग्रसित हैं. अक्टूबर 2018 में उन्हें दिल का दौरा पड़ा था, उसके बाद उन्हें रांची के मेडिका अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उनकी एक बार एनजियोप्लास्टी भी हो चुकी है.