रांची: साहिबगंज के नींबू पहाड़ी में अवैध खनन के खिलाफ कंप्लेन करने वाला शख्स विजय हांसदा अपने बयान से मुकर गया है. उसको ईडी ने अपना गवाह बनाया था. लेकिन मंगलवार को रांची के प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के स्पेशल कोर्ट में उसने यह कहने से इनकार कर दिया कि उसे धमकी दी गई थी.
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ईडी के सूत्रों के मुताबिक बुधवार को भी कोर्ट में उसका बयान दर्ज होगा. सुनवाई के दौरान अवैध खनन का अभियुक्त बच्चू यादव भी कोर्ट में मौजूद था. वह फिलहाल जमानत पर है. बयान रिकार्ड कराने के दौरान उसने इस बात से इनकार कर दिया कि बच्चू यादव समेत अन्य का अवैध खनन से कोई कनेक्शन है और उसे धमकी मिली है. इस दौरान विशेष लोक अभियोजक अतिश कुमार ने एजेंसी का पक्ष रखा.
दरअसल, विजय हांसदा ने नींबू पहाड़ी पर हुए अवैध खनन और धमकी मामले की सीबीआई से जांच को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. बाद में उसने दोबारा याचिका दायर कर हाईकोर्ट को बताया कि उसने पूर्व में कोई याचिका दायर की ही नहीं है. इसपर पिछले दिनों हाईकोर्ट के न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी ने पर्दे के पीछे से किसी के होने की आशंका जताते हुए पूरे मामले की सीबीआई से जांच कराने को कहा था. कोर्ट ने 18 अगस्त को सीबीआई को पीई दर्ज कर एक माह में प्रारंभिक जांच करने को कहा था.
आपको बता दें कि नींबू पहाड़ में विस्फोट से ग्रामीणों के घरों में दरार पड़ गई थी. तब इलाके के प्रधान विजय हांसदा ने ग्रामीणों के साथ मिलकर 2 मई 2022 को विरोध जताया था. लेकिन सरकारी अंगरक्षकों के सहयोग से ग्रामीणों को भगा दिया गया था. तब विजय हांसदा ने थाना में पंकज मिश्रा, विष्णु यादव, पवितर यादव, राजेश यादव, बच्चू यादव, संजय यादव और सुभाष मंडल के खिलाफ अवैध खनन करने और जातिसूचक शब्द का इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुए लिखित शिकायत की थी.