रांचीः साहिबगंज में अवैध खनन मामले में रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार में बंद सत्ता के पावर ब्रोकर माने जाने वाले प्रेम प्रकाश पर अब जमीन घोटाले में भी शिकंजा कसेगा. ईडी सूत्रों के अनुसार दो दिनों के भीतर ही प्रेम प्रकाश को रिमांड पर लेकर जमीन घोटाले में पूछताछ की जाएगी. प्रेम प्रकाश के विरुद्ध ईडी को पुख्ता साक्ष्य मिले हैं.
मंगलवार को हो सकती है प्रेम प्रकाश से पूछताछः रांची जमीन घोटाले में पहले से जेल में बंद प्रेम प्रकाश को ईडी रिमांड पर लेगी. बताते चलें कि प्रेम प्रकाश को प्रवर्तन निदेशालय ने वर्ष 2022 में साहिबगंज में 1000 करोड़ के अवैध खनन के मामले में गिरफ्तार किया था. अब प्रवर्तन निदेशालय प्रेम प्रकाश को रांची के चेशायर होम रोड में एक एकड़ जमीन की खरीद-बिक्री से जुड़े केस में रिमांड पर लेने की तैयारी में है. सोमवार को ईडी प्रेम प्रकाश को रिमांड पर लेने का आवेदन ईडी की विशेष अदालत में देगी. मंगलवार से प्रेम प्रकाश से पूछताछ हो सकती है.
जमीन घोटाले में ईडी ने दस्तावेजों में कहां पाई प्रेम की भूमिकाः ईडी ने रांची के चेशायर होम रोड की एक एकड़ जमीन की डील में प्रेम प्रकाश की मुख्य भूमिका पायी है. प्रेम प्रकाश के करीबी पुनीत भार्गव के नाम पर एक एकड़ जमीन की डील फर्जी दस्तावेजों के आधार पर 6 फरवरी 2021 को हुई थी. जिसके बाद में पुनीत भार्गव ने एक अप्रैल 2021 को उक्त जमीन विष्णु अग्रवाल को बिक्री कर दी थी. पुनीत भार्गव के अनुसार इस जमीन की डील में तकरीबन डेढ़ करोड़ रुपए प्रेम प्रकाश को मिले थे. ईडी ने अपनी जांच में पाया है कि यह पूरी जमीन विष्णु अग्रवाल ने पुनीत भार्गव से 1.80 करोड़ में ली थी. जमीन में फर्जी दस्तावेज बनाने वाले गिरोह के मास्टरमाइंड अफसर अली के करीबी के खाते में 25 लाख पुनीत भार्गव ने डाले थे, जिसमें से 18 लाख सद्दाम के ग्रीन ट्रेडर्स के खाते में डाले थे. अब इस मामले में ईडी प्रेम प्रकाश से उसकी भूमिका को लेकर पूछताछ करेगी.
अमित-प्रेम की जोड़ी मास्टरमाइंडः ईडी ने अपनी जांच में झारखंड में चर्चित अमित अग्रवाल और प्रेम प्रकाश की जोड़ी को ही मास्टरमाइंड माना है. वहीं ईडी की रिपोर्ट में जमीन घोटाले में रांची के पूर्व डीसी छवि रंजन को पद के दुरुपयोग का आरोपी बताया गया है. ईडी के दस्तावेजों के मुताबिक अफसर अली, प्रदीप बागची और उसके सहयोगियों ने रजिस्ट्रार आफ एश्योरेंस कोलकाता से फर्जी डीड बनवायी. इसके बाद प्रेम प्रकाश, अमित अग्रवाल ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर तत्कालीन डीसी छवि रंजन का इस्तेमाल कर जगत बंधु टी एस्टेट के नाम जमीन की रजिस्ट्री करा ली.
फर्जी तरीके से जमीन डील में अमित अग्रवाल की भूमिकाःअमित अग्रवाल ही इस जमीन डील से असल लाभान्वित होने वाला शख्स है. प्रवर्तन निदेशालय की जांच रिपोर्ट में इस बात का जिक्र है कि आरोपी अफसर अली, सद्दाम हुसैन एक बार रांची के पूर्व उपायुक्त छवि रंजन के कार्यालय में राजदीप कुमार के साथ गए थे. बताया जाता है कि राजदीप कुमार, प्रेम प्रकाश का खास सहयोगी था. वह अमित अग्रवाल और प्रेम प्रकाश के निर्देशों पर काम करता था. इस मीटिंग के दौरान सीओ बड़गाईं मनोज कुमार भी मौजूद थे. तब सीओ को तत्कालीन डीसी ने आदेश दिया था कि वह कोलकाता जाकर प्रदीप बागची के दावे का सत्यापन कराएं. ईडी ने कोर्ट को बताया है कि छवि रंजन ने सेना जमीन हथियाने में गलत तरीके से अमित अग्रवाल की मदद की थी.