रांची: झारखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ता राजीव कुमार को कैश कांड से जुड़े मनी लाउंड्रिंग के मामले में जमानत मिलने के बाद ईडी जमानत रद कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट जाएगी. ईडी सूत्रों के मुताबिक, ईडी राजीव कुमार को जमानत देने के हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी में जाएगी. वहीं, इस मामले में सीबीआई ने अपनी जांच शुरू कर दी है.
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ईडी ने दायर किया था चार्जशीट: ईडी ने इस मामले में पूर्व में राजीव कुमार और कोलकाता के कारोबारी अमित अग्रवाल के खिलाफ चार्जशीट दायर किया था. चार्जशीट दायर किए जाने के बाद झारखंड हाईकोर्ट ने अधिवक्ता राजीव कुमार को जमानत दे दी थी, वहीं दूसरी तरफ अमित अग्रवाल का जमानत झारखंड हाईकोर्ट से रद हो चुका है.
सीबीआई दिल्ली ने पीई दर्ज कर शुरू की जांच: कैश कांड में राजीव कुमार के खिलाफ कोलकाता के हेयर स्ट्रीट थाने में दर्ज केस में सरकारी पदाधिकारी, न्यायिक पदाधिकारियों व केंद्रीय एजेंसियों के अधिकारियों की भूमिका पर भी अमित अग्रवाल ने सवाल उठाए थे. इस केस में सीबीआई दिल्ली में पीई दर्ज किया गया है. पीई दर्ज किए जाने के बाद सीबीआई दिल्ली की एक टीम रांची आयी है. सीबीआई की टीम ने बुधवार को रांची में अधिवक्ता राजीव कुमार का बयान दर्ज कर लिया है.
क्या है मामला: 31 जुलाई को बंगाल पुलिस की डिटेक्टिव विंग ने राजीव कुमार को कोलकाता में गिरफ्तार किया था, तब उनके पास से 50 लाख नकदी भी बरामद की गई थी. इस मामले में कारोबारी अमित अग्रवाल ने एफआईआर दर्ज करायी थी. दर्ज एफआईआर में बताया गया था कि रांची हाईकोर्ट में शेल कंपनियों और अवैध खनन की जांच सीबीआई से कराने के लिए दर्ज याचिका से नाम हटाने के बदले राजीव कुमार ने चार करोड़ की मांग की थी, बाद में वह 50 लाख लेने कोलकाता आए थे. जिसके बाद बंगाल पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया था. बाद में मामले को ईडी ने टेकओवर कर लिया था.
झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी की अदालत में राजीव कुमार के द्वारा दायर जमानत याचिका पर सुनवाई हुई थी. सुनवाई के दौरान प्रार्थी के अधिवक्ता ने अदालत से जमानत की गुहार लगाई. उन्होंने अदालत को आश्वस्त किया कि राजीव कुमार जांच में सहयोग करेंगे. जब भी उन्हें बुलाया जाएगा वह हाजिर रहेंग. जिसके बाद अदालत ने उन्हें जांच में सहयोग करने की शर्त पर जमानत प्रदान करने का आदेश दिया था. इससे पहले 11 अक्टूबर को अधिवक्ता राजीव कुमार ने अपने वकील के माध्यम से हाई कोर्ट में नियमित जमानत याचिका दाखिल की थी.