रांचीः मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष हेमन्त सोरेन को ईडी की ओर से समन (ED Summons Hemant Soren) मिलने से झारखंड मुक्ति मोर्चा का पारा सातवें आसमान पर चढ़ा है. झारखंड मुक्ति मोर्चा इसे भाजपा के इशारे पर की गई कार्रवाई करार दे रही है. सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि हम लोग राजनीतिक मुकाबला करना जानते हैं, बहुत दिनों से जो साजिश चल रही थी वह अब खुलकर सामने आ रही है. एक एक कर लोगों को ब्लैकमेल किया जा रहा है, कहानियां गढ़ी जा रहीं हैं. आदिवासी राष्ट्रपति बनाने वाली भाजपा को एक आदिवासी के बेटे से कितनी नफरत है यह खुलकर सामने आ गया, राजनीतिक मुकाबला करने के लिए झामुमो तैयार है. सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि सड़क से लेकर सदन तक झामुमो संघर्ष करेगा. बहुत जल्द हमारा वही तेवर दिखेगा, जो चार दशक तक हमारी रही है.
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सीएम हेमंत सोरेन को ईडी के समन से खफा सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि आगामी आंदोलन को लेकर जल्द शेड्यूल मीडिया को बताएंगे. हम विधायक दल और सहयोगियों से विचार विमर्श के बाद यह फैसला करेंगे कि आगे मुख्यमंत्री की रणनीति क्या होगी. सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि हम सदन से सड़क तक आंदोलन करेंगे. इस दौरान बाबूलाल मरांडी के ट्वीट पर झामुमो नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि यह बाबूलाल मरांडी की स्वीकारोक्ति है कि स्क्रिप्ट कहां लिखी गई है.
झामुमो नेता ने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव में एक आदिवासी चेहरे को क्रेडिट लेने के लिए राष्ट्रपति बनाया गया और दूसरी ओर एक आदिवासी मुख्यमंत्री को भाजपा बर्दाश्त नहीं कर पा रही है. इसके लिए तमाम लोग पीछे लगाए गए. पहले भारतीय जनता पार्टी की ओर से एक कंप्लेन की गई. जिस पर राज्यपाल ने चुनाव आयोग से मंतव्य मांगा आज लगभग 3 महीने बीत जाने के बाद भी राज्यपाल का कोई कमेंट तक नहीं आया.
मोरबी की घटना पर टिप्पणीः मोरबी में हृदय विदारक घटना का जिक्र करते हुए सुप्रियो ने कहा कि कभी आप लोगों ने ऐसा देखा था कि दुर्घटना के बाद अगर जान जाती है तो 4 दिन बाद राजकीय शोक होता है. आदमी की जिस दिन जान जाती है उसी दिन से शोक व्यक्त हो जाता है और 4 दिन बाद तो वह संभल जाता है. यहां पर 4 दिन बाद शोक इसलिए घोषित किया गया ताकि प्रधानमंत्री वहां पर राजकीय कार्यक्रम कर सकें.