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अब क्या होगा पल्स अस्पताल का! जानिए कानूनी तौर पर क्या होता है प्रोविजनली अटैच का मतलब

ईडी ने आईएएस पूजा सिंघल (IAS Pooja Singhal) और उनके पति अभिषेक झा की अचल संपति को अंतरिम रूप से अटैच किया है. जिसमें पल्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, पल्स डायग्नोस्टिक एंड इमेजिंग सेंटर भी शामिल है. ऐसे में अब सवाल उठता है कि क्या इन दोनों संस्थान पर मालिकाना हक किसका होगा?

ED provisionally attaches property of IAS Pooja Singhal
ED provisionally attaches property of IAS Pooja Singhal
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Published : Dec 1, 2022, 10:06 PM IST

रांची: प्रवर्तन निदेशाल यानी ईडी ने मनरेगा घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार निलंबित आईएएस पूजा सिंघल (IAS Pooja Singhal) की 82.77 करोड़ की अचल संपत्ति को अंतरिम (प्रोविजनल) रूप से अटैच कर लिया है. इसमें रांची के बरियातू में मौजूद पल्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल (Pulse Super Specialty Hospital), पल्स डायग्नोस्टिक एंड इमेजिंग सेंटर और दो जमीन शामिल हैं. अब सवाल है कि प्रोविजनल रुप से अटैच करने से पल्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल और पल्स डायग्नोस्टिक एंड इमेजिंग सेंटर पर क्या असर पड़ेगा. क्या अब दोनों प्रतिष्ठानों पर पूजा सिंघल के पति अभिषेक झा का मालिकाना हक खत्म हो जाएगा. क्या अभिषेक झा के पास दोनों प्रतिष्ठानों के संचालन का अधिकार नहीं रहेगा. क्या पल्स अस्पताल बंद हो जाएगा. इन सवालों का जवाब सभी जानना चाहते हैं.

ये भी पढ़ें- पूजा सिंघल के खिलाफ ईडी की बड़ी कार्रवाई, पल्स अस्पताल और डायग्नोस्टिक सेंटर को किया अटैच

इन सवालों का जवाब जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने कानून के जानकारों से बात की. झारखंड के पूर्व महाधिवक्ता अजीत कुमार ने बताया कि विजय मदन लाल चौधरी के मामले में सुप्रीम कोर्ट और उसी जजमेंट के आधार पर ईडी बनाम श्यामल चक्रवर्ती मामले में झारखंड हाई कोर्ट ने अपने आर्डर में प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट के प्रावधानों के तहत प्रोविजनल अटैच को स्पष्ट किया है. इसके मुताबिक किसी भी संपत्ति को प्रोविजनल रूप से अटैच करने का मतलब यह नहीं है कि संबंधित संपत्ति पर सरकार का अधिकार हो जाएगा. यह तब संभव होगा जब संबंधित मामले में आरोपी को सजा होगी. उसके बाद कोर्ट के आदेश पर CONFISCATION (जब्ती) की कार्रवाई की जाएगी. इसी के बाद संबंधित अचल संपत्ति पर सरकार का अधिकार हो पाएगा.

उन्होंने कहा कि ईडी की इस कार्रवाई के बाद पल्स हॉस्पिटल समेत अन्य प्रॉपर्टी पर थर्ड पार्टी राइट नहीं रहेगा. इसका मतलब यह है कि अस्पताल और जांच सेंटर के संचालन का अधिकार पहले की तरह पूजा सिंघल के पति अभिषेक झा के पास रहेगा लेकिन कोर्ट से फाइनल जजमेंट आने तक ना तो वे इन संपत्तियों को बेच पाएंगे और ना किसी को ट्रांसफर कर पाएंगे.

रांची: प्रवर्तन निदेशाल यानी ईडी ने मनरेगा घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार निलंबित आईएएस पूजा सिंघल (IAS Pooja Singhal) की 82.77 करोड़ की अचल संपत्ति को अंतरिम (प्रोविजनल) रूप से अटैच कर लिया है. इसमें रांची के बरियातू में मौजूद पल्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल (Pulse Super Specialty Hospital), पल्स डायग्नोस्टिक एंड इमेजिंग सेंटर और दो जमीन शामिल हैं. अब सवाल है कि प्रोविजनल रुप से अटैच करने से पल्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल और पल्स डायग्नोस्टिक एंड इमेजिंग सेंटर पर क्या असर पड़ेगा. क्या अब दोनों प्रतिष्ठानों पर पूजा सिंघल के पति अभिषेक झा का मालिकाना हक खत्म हो जाएगा. क्या अभिषेक झा के पास दोनों प्रतिष्ठानों के संचालन का अधिकार नहीं रहेगा. क्या पल्स अस्पताल बंद हो जाएगा. इन सवालों का जवाब सभी जानना चाहते हैं.

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इन सवालों का जवाब जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने कानून के जानकारों से बात की. झारखंड के पूर्व महाधिवक्ता अजीत कुमार ने बताया कि विजय मदन लाल चौधरी के मामले में सुप्रीम कोर्ट और उसी जजमेंट के आधार पर ईडी बनाम श्यामल चक्रवर्ती मामले में झारखंड हाई कोर्ट ने अपने आर्डर में प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट के प्रावधानों के तहत प्रोविजनल अटैच को स्पष्ट किया है. इसके मुताबिक किसी भी संपत्ति को प्रोविजनल रूप से अटैच करने का मतलब यह नहीं है कि संबंधित संपत्ति पर सरकार का अधिकार हो जाएगा. यह तब संभव होगा जब संबंधित मामले में आरोपी को सजा होगी. उसके बाद कोर्ट के आदेश पर CONFISCATION (जब्ती) की कार्रवाई की जाएगी. इसी के बाद संबंधित अचल संपत्ति पर सरकार का अधिकार हो पाएगा.

उन्होंने कहा कि ईडी की इस कार्रवाई के बाद पल्स हॉस्पिटल समेत अन्य प्रॉपर्टी पर थर्ड पार्टी राइट नहीं रहेगा. इसका मतलब यह है कि अस्पताल और जांच सेंटर के संचालन का अधिकार पहले की तरह पूजा सिंघल के पति अभिषेक झा के पास रहेगा लेकिन कोर्ट से फाइनल जजमेंट आने तक ना तो वे इन संपत्तियों को बेच पाएंगे और ना किसी को ट्रांसफर कर पाएंगे.

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