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ईडी की रिमांड पर कोयला कारोबारी इजहार अंसारी, पूछताछ में खुल रहा है काले कारोबार का राज

Interrogation of coal businessman कोल लिंकेज घोटाला मामले में ईडी की पूछताछ जारी है. कोयला कारोबारी इजहार अंसारी से पूछताछ में कई खुलासा होने की संभावना है.

ED interrogation of coal businessman Izhar Ansari continues
ED interrogation of coal businessman Izhar Ansari continues
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jan 18, 2024, 10:13 AM IST

रांचीः कोल लिंकेज घोटाला मामले में ईडी के द्वारा गिरफ्तार कोयला कारोबारी इजहार अंसारी से पूछताछ लगातार जारी है. ईडी की जांच में इजहार का कबूलनामा झारखंड के कई अधिकारियों, सत्ता के करीबियों और कुछ राजनीतिक फैमिली के लिए मुसीबत खड़ा कर सकता है. इजहार ईडी के रिमांड पर है और उससे छह दिन तक पूछताछ की जाएगी.

कई आएंगे राडार परः झारखंड में जमीन घोटाला, साहिबगंज में अवैध खनन, मनरेगा घोटाले में राज्य के कई आईएएस अधिकारी पहले से ईडी के रडार पर हैं लेकिन अब कोल लिंकेज घोटाले की जांच में आए तथ्यों से भी पूर्व में जेल में बंद पूजा सिंघल और अन्य कई बड़े ब्यूरोक्रेट्स की परेशानी बढ़ेगी. ईडी ने जांच में पाया है कि राज्य के खनन विभाग, जेएसएमडीसी के अफसरों के साथ मिलीभगत कर अपनी शेल कंपनियों के नाम पर इजहार अंसारी सब्सिडी में कोयले का उठाव करता था. इस कोयले का इस्तेमाल स्थानीय कंपनियों में किया जाना था, लेकिन पुलिस, खनन विभाग के अफसरों की मिलीभगत से कोयले को राज्य के बाहर की मंडियों में बेच दिया जाता था, बदले में नौकरशाहों और नेताओं को कमीशन के तौर पर मोटी रकम दी जाती थी.

19 टन कोयले की कालाबाजारी से खुला राज, कई कारोबारी रडार परः इजहार के द्वारा किए जा रहे कोयले की कालाबाजारी का राज झारखंड के रामगढ़ से खुला था. 20 जनवरी 2019 को रामगढ़ की मांडू पुलिस ने 19 टन कोयले के साथ चालक सैयद सलमानी को गिरफ्तार किया था. इस मामले की जांच पुलिस ने की तो पाया कि सीसीएल के तोपा कोलियरी से कोयले की खेंप मेसर्स ओम कोक इंडस्ट्रीज के लिए निकली है, लेकिन इसे बनारस की मंडी में भेजा जा रहा था. ओम कोक इंडस्ट्री इश्तियाक अहमद और मंजूर हसन की साझेदारी फर्म है, लेकिन इसका कंट्रोल इजहार के हाथों में था. जब्त ट्रक भी इजहार अंसारी की ही थी. जांच में कोयला तस्करी में संजू साव, दीपक साव, मो असलम और रिजवान की भूमिका सामने आयी थी. जिसके बाद मांडू पुलिस ने इस केस में इन सभी पर चार्जशीट की थी. ईडी ने इसी केस को आधार बनाते हुए दिसंबर 2023 में ईसीआईआर दर्ज किया. अब ईडी कोल इंडिया से निर्गत कोयले की तस्करी के पहलुओं पर भी जांच कर रही है.

दोपहिया वाहनों का नंबर, ट्रक के नाम पर जारी हुए फर्जी चालानः ईडी ने जांच में पाया है कि कोयला की तस्करी और अवैध तरीके से बाहर की मंडी में बेचने के लिए सीसीएल, बीसीसीएल व जेएसएमडीसी से अवैध चालान का इस्तेमाल किया जाता था. कई जगह कोयले की ढुलाई ट्रकों से की गई, लेकिन चालान की पड़ताल की गई तो यह दोपहिया वाहनों के भी निकले. ईडी ने जांच में पाया है कि इजहार अंसारी के द्वारा नियंत्रित राजहंस इस्पात प्राइवेट लिमिटेड, कहकशां इंटरप्राइजेज, ओकाशा कोक इंडस्ट्रीज, ओला कोक इंडस्ट्रीज, मेसर्स अकर फ्यूल, मेसर्स फलक फ्यूल, मेसर्स एसएन कोल ब्रिकेट, मेसर्स एनए उद्योग के नाम पर कोयले का उठाव सब्सिडी पर किया गया था. कोयले के डाइवर्जन के लिए भी मेसर्स फलक फ्यूल के द्वारा किए जाने के साक्ष्य मिले हैं. कोयले की तस्करी के लिए ट्रक के मूवमेंट रिकॉर्ड के साथ छेड़छाड़ किए जाने का खुलासा भी ईडी की जांच में हुआ है.

रांचीः कोल लिंकेज घोटाला मामले में ईडी के द्वारा गिरफ्तार कोयला कारोबारी इजहार अंसारी से पूछताछ लगातार जारी है. ईडी की जांच में इजहार का कबूलनामा झारखंड के कई अधिकारियों, सत्ता के करीबियों और कुछ राजनीतिक फैमिली के लिए मुसीबत खड़ा कर सकता है. इजहार ईडी के रिमांड पर है और उससे छह दिन तक पूछताछ की जाएगी.

कई आएंगे राडार परः झारखंड में जमीन घोटाला, साहिबगंज में अवैध खनन, मनरेगा घोटाले में राज्य के कई आईएएस अधिकारी पहले से ईडी के रडार पर हैं लेकिन अब कोल लिंकेज घोटाले की जांच में आए तथ्यों से भी पूर्व में जेल में बंद पूजा सिंघल और अन्य कई बड़े ब्यूरोक्रेट्स की परेशानी बढ़ेगी. ईडी ने जांच में पाया है कि राज्य के खनन विभाग, जेएसएमडीसी के अफसरों के साथ मिलीभगत कर अपनी शेल कंपनियों के नाम पर इजहार अंसारी सब्सिडी में कोयले का उठाव करता था. इस कोयले का इस्तेमाल स्थानीय कंपनियों में किया जाना था, लेकिन पुलिस, खनन विभाग के अफसरों की मिलीभगत से कोयले को राज्य के बाहर की मंडियों में बेच दिया जाता था, बदले में नौकरशाहों और नेताओं को कमीशन के तौर पर मोटी रकम दी जाती थी.

19 टन कोयले की कालाबाजारी से खुला राज, कई कारोबारी रडार परः इजहार के द्वारा किए जा रहे कोयले की कालाबाजारी का राज झारखंड के रामगढ़ से खुला था. 20 जनवरी 2019 को रामगढ़ की मांडू पुलिस ने 19 टन कोयले के साथ चालक सैयद सलमानी को गिरफ्तार किया था. इस मामले की जांच पुलिस ने की तो पाया कि सीसीएल के तोपा कोलियरी से कोयले की खेंप मेसर्स ओम कोक इंडस्ट्रीज के लिए निकली है, लेकिन इसे बनारस की मंडी में भेजा जा रहा था. ओम कोक इंडस्ट्री इश्तियाक अहमद और मंजूर हसन की साझेदारी फर्म है, लेकिन इसका कंट्रोल इजहार के हाथों में था. जब्त ट्रक भी इजहार अंसारी की ही थी. जांच में कोयला तस्करी में संजू साव, दीपक साव, मो असलम और रिजवान की भूमिका सामने आयी थी. जिसके बाद मांडू पुलिस ने इस केस में इन सभी पर चार्जशीट की थी. ईडी ने इसी केस को आधार बनाते हुए दिसंबर 2023 में ईसीआईआर दर्ज किया. अब ईडी कोल इंडिया से निर्गत कोयले की तस्करी के पहलुओं पर भी जांच कर रही है.

दोपहिया वाहनों का नंबर, ट्रक के नाम पर जारी हुए फर्जी चालानः ईडी ने जांच में पाया है कि कोयला की तस्करी और अवैध तरीके से बाहर की मंडी में बेचने के लिए सीसीएल, बीसीसीएल व जेएसएमडीसी से अवैध चालान का इस्तेमाल किया जाता था. कई जगह कोयले की ढुलाई ट्रकों से की गई, लेकिन चालान की पड़ताल की गई तो यह दोपहिया वाहनों के भी निकले. ईडी ने जांच में पाया है कि इजहार अंसारी के द्वारा नियंत्रित राजहंस इस्पात प्राइवेट लिमिटेड, कहकशां इंटरप्राइजेज, ओकाशा कोक इंडस्ट्रीज, ओला कोक इंडस्ट्रीज, मेसर्स अकर फ्यूल, मेसर्स फलक फ्यूल, मेसर्स एसएन कोल ब्रिकेट, मेसर्स एनए उद्योग के नाम पर कोयले का उठाव सब्सिडी पर किया गया था. कोयले के डाइवर्जन के लिए भी मेसर्स फलक फ्यूल के द्वारा किए जाने के साक्ष्य मिले हैं. कोयले की तस्करी के लिए ट्रक के मूवमेंट रिकॉर्ड के साथ छेड़छाड़ किए जाने का खुलासा भी ईडी की जांच में हुआ है.

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