रांची: मुख्यमंत्री के पूर्व प्रधान सचिव और वर्तमान में झारखंड सरकार के पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का से ईडी ने लगातार दूसरे दिन भी 12 घंटे तक पूछताछ की. इस दौरान राजीव अरुण एक्का अपने ऊपर लगे आरोपों से किनारा करते नजर आए. देर रात बाहर निकलने के बाद भी राजीव अरुण एक्का ने मीडिया कर्मियों से कोई बातचीत नहीं की.
दूसरे दिन भी 11 बजे से शुरू हुई पूछताछः राजीव अरुण एक्का मंगलवार की सुबह ठीक 11 बजे एजेंसी के दफ्तर पहुंच गए थे और पूछताछ के बाद रात के 10.05 बजे बाहर निकले. मंगलवार को तकरीबन 11.30 बजे से ईडी के अधिकारियों ने उनसे पूछताछ शुरू की. इसके बाद दोपहर दो बजे तक उनसे अधिकारियों ने जवाब-तलब किया. दोपहर दो बजे उन्हें लंच के लिए छोड़ा गया, इसके बाद दुबारा उनसे पूछताछ शुरू की गई.
ट्रांसफर-पोस्टिंग में विशाल चौधरी की भूमिका पर हुई पूछताछः ईडी के अधिकारियों ने मंगलवार को भी ट्रांसफर-पोस्टिंग में विशाल चौधरी की भूमिका पर पूछताछ की. हालांकि राजीव अरुण एक्का इस बात से इंकार करते रहे कि इस मामले में विशाल चौधरी की कोई भूमिका नहीं थी. सोमवार को वे विशाल चौधरी से दोस्ती की बात को स्वीकार किया था, लेकिन सरकारी काम-काज को प्रभावित करने में विशाल की भूमिका से वे इनकार करते रहे. मंगलवार को राजीव अरुण एक्का से ईडी के अधिकारियों ने ट्रांसफर-पोस्टिंग में वसूली से जुड़े सवाल भी पूछे, हालांकि एक्का ने वसूली की किसी भी तरह के बात से साफ इंकार कर दिया.
संपत्ति मामले में शुरू हुई जांचः वहीं दूसरी तरफ मंगलवार से ईडी ने राजीव अरुण एक्का की संपत्ति की भी जांच शुरू कर दी है. ईडी ने एक्का और उनके आश्रितों की पूरी संपत्ति का विवरण मांगा है. राजीव अरुण एक्का के द्वारा अपनी संपत्ति का विवरण जो डीओपीटी दिया है उस संपत्ति के विवरण से ईडी को दिए जाने वाले विवरण से मिलान किया जाएगा.
विशाल की कंपनी ने लिए थे ठेकेः ईडी के समक्ष यह बात आयी है कि राजीव अरुण एक्का का इस्तेमाल कर विशाल चौधरी ने कई ठेके भी हासिल किए थे. जानकारी के अनुसार रांची जेल में सीसीटीवी लगाने का काम भी विशाल चौधरी की कंपनी को मिला था. ईडी अब यह जांच कर रही है कि कहीं अपने प्रभाव से राजीव अरुण एक्का ने विशाल को काम तो नहीं दिलवाया. ईडी ने मंगलवार को कई सारे कागजात और जानकारियों के साथ राजीव अरुण एक्का को बुलाया था.