रांची: झारखंड में मनरेगा घोटाला और अवैध खनन से जुड़ी जांच को लेकर ईडी एक्टिव है. इन दोनों ही मामले में एक विस्तृत रिपोर्ट ईडी ने झारखंड के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह और पुलिस मुख्यालय को भेजी है (ED gave detailed report in money laundering case). जिसमे मनरेगा घोटाले से जुड़े अफसरों को लेकर एक विस्तृत रिपोर्ट शामिल है.
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क्या है रिपोर्ट में: रिपोर्ट में मनरेगा घोटाले से जुड़े तथ्यों के आधार पर निलंबित आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल की भूमिका, जूनियर इंजीनियर और केस के आरोपी रामविनोद सिंन्हा, पूजा सिंघल के पति अभिषेक झा की भूमिका पर विस्तृत जानकारी है. वहीं, साहिबगंज में 1000 करोड़ से अधिक के अवैध खनन से जुड़े केस की मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में भी तत्कालीन खान सचिव पूजा सिंघल, मुख्यमंत्री के बरहेट विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा, साहिबगंज के डीएमओ विभूति कुमार, दुमका डीएमओ कृष्ण कुमार, पाकुड़ डीएमओ प्रदीप कुमार शाह समेत तीन अन्य डीएमओ की भूमिका पर विस्तृत रिपोर्ट दी है. राज्य सरकार और पुलिस मुख्यालय के स्तर पर इस रिपोर्ट की समीक्षा की जा रही है. समीक्षा के आधार पर राज्य की सरकार को मामले में संज्ञान लेना होगा. हालांकि रिपोर्ट में ईडी ने कोई कार्रवाई करने की अनुसंशा नहीं की है.
पद के दुरूपयोग व भ्रष्टाचार का मामला: ईडी के विस्तृत रिपोर्ट में पूजा सिंघल समेत अन्य पदाधिकारियों पर सनरेज मनरकारी पद पर रहते हुए पद का दुरूपयोग और भ्रष्टाचार का आरोप लगा है. ईडी ने मनरेगा घोटाले और अवैध खनन के मामलों में अबतक की जांच में आए तथ्यों के आधार पर रिपोर्ट दी है. रिपोर्ट में बताया गया है कि कैसे पूजा सिंघल ने पद पर रहते हुए मनरेगा घोटाले का पैसा लिया. इसके बाद इस राशि की मनी लॉन्ड्रिंग की, अस्पताल और अन्य कारोबार में मनी लॉन्ड्रिंग के पैसों का निवेश किया.
वहीं, पद पर रहते हुए अवैध खनन की राशि पूजा सिंघल ने राज्य के अलग अलग डीएमओ से वसूले. अबतक की जांच में विभूति कुमार, प्रदीप कुमार शाह, कृष्ण कुमार किस्कू, निशांत अभिषेक समेत अन्य डीएमओ रैंक के पदाधिकारियों से पैसे लिए गए.