रांचीः झारखंड में बड़ी संख्या में महिलाएं कुपोषण और खून की कमी की समस्या से जूझ रहीं हैं. प्रसव के बाद ऐसी महिलाओं के बच्चे भी कुपोषित होते हैं और अक्सर सामान्य से कम वजन के होते हैं. ऐसे नवजात के जीवन की रक्षा के लिए जिले के कई अस्पतालों में कंगारू मदर केयर यूनिट (KMC UNIT)की स्थापना की गई है. यहां मां बच्चे को अपने शरीर के टेंपरेचर की मदद से सुरक्षित रखती हैं और फीड भी करा सकती हैं.
ये भी पढ़ें-कम वजन वाले नवजात को सीने से लगाकर जीवन देती है मां, कंगारू मदर केयर से जल्दी तंदुरुस्त हो रहे नौनिहाल
सदर अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञों का कहना है कि नवजात का शरीर मां के शरीर से गर्मी पाकर गर्म बना रहता है और इससे हाइपोथर्मिया का शिकार नहीं होता है. प्रख्यात महिला एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. किरण चंदेल के अनुसार कंगारू मदर केयर यूनिट का दूसरा लाभ यह होता है कि नवजात और मां के करीब रहने से दोनों में मजबूत बॉन्डिंग बनती है और मां से नवजात को भरपूर मात्रा में दूध मिलता है, जिससे हाइपोग्लेसिमिया के खतरे से भी नवजात बच जाता है.
बड़े काम की है KMC, नवजात को बचाए इन खतरों से
नवजात में मृत्यु दर में कमी लाना किसी चुनौती से कम नहीं है, मगर कंगारू मदर केयर उम्मीद की किरण बन कर उभरी है. जिसको जान लेने से कुपोषित माता अपने बच्चों की जान बचा सकती है. पढ़ें पूरी रिपोर्ट
रांचीः झारखंड में बड़ी संख्या में महिलाएं कुपोषण और खून की कमी की समस्या से जूझ रहीं हैं. प्रसव के बाद ऐसी महिलाओं के बच्चे भी कुपोषित होते हैं और अक्सर सामान्य से कम वजन के होते हैं. ऐसे नवजात के जीवन की रक्षा के लिए जिले के कई अस्पतालों में कंगारू मदर केयर यूनिट (KMC UNIT)की स्थापना की गई है. यहां मां बच्चे को अपने शरीर के टेंपरेचर की मदद से सुरक्षित रखती हैं और फीड भी करा सकती हैं.
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सदर अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञों का कहना है कि नवजात का शरीर मां के शरीर से गर्मी पाकर गर्म बना रहता है और इससे हाइपोथर्मिया का शिकार नहीं होता है. प्रख्यात महिला एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. किरण चंदेल के अनुसार कंगारू मदर केयर यूनिट का दूसरा लाभ यह होता है कि नवजात और मां के करीब रहने से दोनों में मजबूत बॉन्डिंग बनती है और मां से नवजात को भरपूर मात्रा में दूध मिलता है, जिससे हाइपोग्लेसिमिया के खतरे से भी नवजात बच जाता है.