रांची: झारखंड में स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के दौरान घरों से बाहर निकलने के लिए हर व्यक्ति को ई - पास बनवाना जरूरी है, लेकिन ई-पास अब लोगों के लिए मजाक बन गया है. बिना जगह, स्थान, टेलीफोन नंबर और वाहन नंबर के भी ई- पास आसानी से बन जा रहा है. सब कुछ फर्जी डालने के बाद भी झारखंड में आसानी से ही पास जारी हो रहे हैं.
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बीजेपी विधायक नीलकंठ ने दिखाया विभाग को आइना
झारखंड सरकार के पूर्व मंत्री और खूंटी से बीजेपी के विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा ने परिवहन विभाग को निशाने पर लेते हुए एक ट्वीट किया है. ट्वीट के माध्यम से बीजेपी विधायक ने जो जानकारियां शेयर कि है, वह बड़े चौकाने वाले हैं. झारखंड में ई-पास बगैर फोन नंबर के भी बन जा रहा है. ई-पास वेबसाइट में ओटीपी की व्यवस्था ही नहीं है, जिसके कारण कोई भी किसी का नंबर उपयोग कर ई-पास बनवा रहा है. हैरत तो यह है कि 100 खामियों के बावजूद कैसे सरकार ने इस वेबसाइट को मान्यता दिया है, वर्तमान में तो ई-पास पोर्टल तो एक मजाक बनकर रह गया है.
पास में जो मन सो भरा जा रहा है
हम कुछ ऐसे ही पास की तस्वीरें दिखा रहे हैं, जिन्हें देखकर आप हंसे बगैर नहीं रह पाएंगे. जैसे एक व्यक्ति ने पास (परमिट का क्रमांक e-PASSJH/756714/2021) बनाने के दौरान मोबाइल नंबर की जगह पर लिखा-1234567899, जबकि वाहन संख्या की जगह Aby27290 लिखा है. वहीं स्थान की वैधता में लिखा है- कभी खुशी कभी गम, गिरिडीह झारखंड से बाबा का ढ़ाबा, नई दिल्ली. यात्रा के प्रयोजन में शादी और पहचान पत्र संख्या में में गलत नम्बर डाला हुआ है, लेकिन इसके बावजूद ई-पास बन कर तैयार हो जा रहा है.
ई-पास में नाम भी लिखा जा रहा उल्टा पुल्टा
एक ई- पास बनाने वाले ने तो हद ही कर दिया है. उसने पास में अपना नाम पटेल बाबू लिखा है. जबकि अपने वाहन का नंबर AB01CD2345 डाला है. सबसे हैरत भरा तो पटेल बाबू का मोबाइल नम्बर है. उसने मोबाइल नंबर की जगह 1234567890 लिख दिया है. वहीं किस स्थान तक जाना है वहां लिखा है - यहां वहां जहां तहां, रांची से वहां, देहरादुन. इन सब के बावजूद इस व्यक्ति का ई-पास जारी कर दिया गया है. जिसका क्रमांक e-PASSJH/740440/2021 है.
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बड़ी संख्या में बन रहे ई-पास
झारखंड में 16 मई से लेकर 19 मई यानी बुधवार को दोपहर तक 18 लाख के करीब लोगों ने ई-पास को लेकर रजिस्ट्रेशन करवाया, जिसमें से 15 लाख 30 हजार 455 लोगों ने इसका फायदा उठाया. राज्य पुलिस के अधिकारियों के मुताबिक, सड़क पर निकलने वाले अधिकांश लोगों के पास ई-पास था. वहीं परिवहन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, रविवार को ही सिर्फ ई-पास बनाने को लेकर काफी परेशानी हुई थी. सर्वर पर ट्रैफिक लोड बढ़ने के कारण कई बार वेबसाइट क्रैश कर गई थी, लेकिन ई-पास बनाने में कोई परेशानी न हो, इसलिए परिवहन विभाग ने तीन अलग-अलग सर्वर बनाए हैं, लेकिन अब इन सर्वर का लोग गलत प्रयोग कर रहे हैं. एक तरफ से कहा जाए तो झारखंड में ही पास के एक मजाक बन गया है. जिसे मन कर रहा है वही पास बनाकर सड़कों पर निकल जा रहा है. उसके पीछे की वजह यही है कि ई-पास आप बिना फोन नम्बर या फिर गलत जानकारी देकर भी बनवा सकते हैं.