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मुंबई में छिपकर रह रहा था हार्डकोर नक्सली, हजारीबाग पुलिस ने किया गिरफ्तार - NAXALITE ARRESTED

हजारीबाग पुलिस ने महाराष्ट्र पुलिस की सहायता से हार्डकोर नक्सली को मुंबई से गिरफ्तार किया है. इस पर कई मामले दर्ज हैं.

NAXALITE ARRESTED
पुलिस की गिरफ्त में आरोपी (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Feb 21, 2025, 7:51 PM IST

हजारीबाग: झारखंड पुलिस ने महाराष्ट्र पुलिस के सहयोग से हार्डकोर नक्सली तुलसी महतो उर्फ दिलीप महतो को महाराष्ट्र के यवतमाल थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया है. उसे कड़ी सुरक्षा में हजारीबाग लाया गया. हजारीबाग लाने के बाद शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में उसकी शारीरिक जांच करायी गयी. जिसके बाद उसे कोर्ट में पेश कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.

हार्डकोर उग्रवादी तुलसी महतो उर्फ दिलीप महतो 56 वर्ष का है. जो मूल रूप से आंगो थाना क्षेत्र के चोह ग्राम का रहने वाला है. इसे हिंदी के अलावा मराठी और खोरठा भी आता है. यह 2001 से नक्सली संगठन से जान बचाकर मुंबई में छिपकर काम कर रहा था. 1993 में इसने नक्सली संगठन से जुड़ा था. तुलसी महतो जनरल कमांडर मिथिलेश सिंह, सब जोल कमांडर सोहन मांझी, वगार जी, करू गंझू, किशोर मांझी, विजय मांझी, किशोर दा, विजय दा का सहयोगी बताया जाता है. जिसके ऊपर मांडू थाना, विष्णुगढ़ थाना, सदर थाना ,चौपारण थाना, चुरचु थाना में आधे दर्जन से अधिक मामला दर्ज है.

हार्डकोर नक्सली गिरफ्तार (ईटीवी भारत)

पुलिस के अनुसार 1993 में तुलसी महतो नक्सली संगठन एमसीसी से जुड़ा. ग्रामीणों के अनुसार उसकी जमीन को उसके परिवार वाले हड़पने की कोशिश की थी, जिसके बाद अपनी जमीन बचाने के लिए वह 1993 में नक्सली संगठन किसान कमेटी से जुड़ गया. यहां वह संगठन के सदस्यों के लिए खाना बनाता था. इसी बीच 1997 में उसकी मुलाकात नक्सली संगठन के जोनल कमांडर मिथिलेश सिंह और सब जोनल कमांडर सोहन मांझी, किशोर दा और विजय दास से हुई. उन लोगों ने इसे एरिया कमांडर की जिम्मेदारी दी.

नक्सली संगठन में शामिल होने के बाद तुलसी महतो ने हथियार चलाना सीखा. बताया जाता है कि उसके ऊपर लवी का ₹50000 गबन करने का आरोप लगा. उससे पैसे की मांग की गई. पैसा नहीं देने पर उसे चतरो चट्टी थाना क्षेत्र के जंगल में ले जाया गया. जहां जनता दरबार में उसके साथ मारपीट की गई. इसके बाद उससे हथियार और गोली वापस ले लिया गया. नक्सलियों ने फरमान सुनाया गया कि 10 दिनों के अंदर 50 हजार रुपया जमा करो नहीं तो जान से मार दिया जाएगा. इसी दौरान 2001 में जान बचाकर मुंबई भाग गया. जिसे आंगो और महाराष्ट्र पुलिस ने संयुक्त ऑपरेशन चला कर गिरफ्तार किया है.

तुलसी महतो जनरल कमांडर मिथिलेश सिंह, सब जोल कमांडर सोहन मांझी, वगार जी, करू गंझू, किशोर मांझी, विजय मांझी, किशोर दा, विजय दा का सहयोगी बताया जाता है. जिसके ऊपर मांडू थाना, विष्णुगढ़ थाना, सदर थाना, चौपारण थाना, चुरचु थाना में आधा दर्जन से अधिक मामले दर्ज हैं.

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हार्डकोर उग्रवादी तुलसी महतो उर्फ दिलीप महतो 56 वर्ष का है. जो मूल रूप से आंगो थाना क्षेत्र के चोह ग्राम का रहने वाला है. इसे हिंदी के अलावा मराठी और खोरठा भी आता है. यह 2001 से नक्सली संगठन से जान बचाकर मुंबई में छिपकर काम कर रहा था. 1993 में इसने नक्सली संगठन से जुड़ा था. तुलसी महतो जनरल कमांडर मिथिलेश सिंह, सब जोल कमांडर सोहन मांझी, वगार जी, करू गंझू, किशोर मांझी, विजय मांझी, किशोर दा, विजय दा का सहयोगी बताया जाता है. जिसके ऊपर मांडू थाना, विष्णुगढ़ थाना, सदर थाना ,चौपारण थाना, चुरचु थाना में आधे दर्जन से अधिक मामला दर्ज है.

हार्डकोर नक्सली गिरफ्तार (ईटीवी भारत)

पुलिस के अनुसार 1993 में तुलसी महतो नक्सली संगठन एमसीसी से जुड़ा. ग्रामीणों के अनुसार उसकी जमीन को उसके परिवार वाले हड़पने की कोशिश की थी, जिसके बाद अपनी जमीन बचाने के लिए वह 1993 में नक्सली संगठन किसान कमेटी से जुड़ गया. यहां वह संगठन के सदस्यों के लिए खाना बनाता था. इसी बीच 1997 में उसकी मुलाकात नक्सली संगठन के जोनल कमांडर मिथिलेश सिंह और सब जोनल कमांडर सोहन मांझी, किशोर दा और विजय दास से हुई. उन लोगों ने इसे एरिया कमांडर की जिम्मेदारी दी.

नक्सली संगठन में शामिल होने के बाद तुलसी महतो ने हथियार चलाना सीखा. बताया जाता है कि उसके ऊपर लवी का ₹50000 गबन करने का आरोप लगा. उससे पैसे की मांग की गई. पैसा नहीं देने पर उसे चतरो चट्टी थाना क्षेत्र के जंगल में ले जाया गया. जहां जनता दरबार में उसके साथ मारपीट की गई. इसके बाद उससे हथियार और गोली वापस ले लिया गया. नक्सलियों ने फरमान सुनाया गया कि 10 दिनों के अंदर 50 हजार रुपया जमा करो नहीं तो जान से मार दिया जाएगा. इसी दौरान 2001 में जान बचाकर मुंबई भाग गया. जिसे आंगो और महाराष्ट्र पुलिस ने संयुक्त ऑपरेशन चला कर गिरफ्तार किया है.

तुलसी महतो जनरल कमांडर मिथिलेश सिंह, सब जोल कमांडर सोहन मांझी, वगार जी, करू गंझू, किशोर मांझी, विजय मांझी, किशोर दा, विजय दा का सहयोगी बताया जाता है. जिसके ऊपर मांडू थाना, विष्णुगढ़ थाना, सदर थाना, चौपारण थाना, चुरचु थाना में आधा दर्जन से अधिक मामले दर्ज हैं.

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