रांची: राज्य में बिजली संकट को गहराता देख राज्य सरकार ने डीवीसी के अधिकारियों के साथ सौहार्द्रपूर्ण वातावरण में उच्चस्तरीय बैठक की. डीवीसी के अधिकारियों के साथ बातचीत के बाद राज्य के 7 जिलों में दामोदर वैली कॉर्पोरेशन ने बिजली देने की सहमति प्रदान कर दी.
5,000 करोड़ रूपया बकाया
डीवीसी का राज्य सरकार के पास लगभग 5,000 करोड़ रूपया बकाया है. जिसको लेकर डीवीसी ने राज्य के 7 जिलों में बिजली देना बंद कर दिया था. जिसके बाद राज्य में बिजली संकट गहराने लगा और लोग सड़क पर आने लगे थे.
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400 करोड़ रुपए भुगतान हुआ
लोगों की परेशानियों और बढ़ते आक्रोश को देख राज्य सरकार ने दामोदर वैली कॉर्पोरेशन को शुक्रवार को 400 करोड़ रुपए भुगतान किए और बाकी राशि जल्द से जल्द देने का आश्वासन दिया. इसके बावजूद डीवीसी ने बिजली आपूर्ति ठप रखी.
बैठक में ये रहे मौजूद
डीवीसी के सख्त रवैया को देख राज्य सरकार ने डीवीसी के अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक की. जिसमें डीवीसी के सदस्य सचिव पीके मुखोपाध्याय, सदस्य वित्त एस हलधर और ईडी कमर्शियल अंजन कुमार मौजूद रहे. वहीं राज्य सरकार की ओर से झारखंड ऊर्जा विभाग के सचिव केएल ख्यान्गते, जेबीवीएनएल के एमडी राजीव अरुण एक्का और ईडी के के वर्मा मौजूद रहे.
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वर्तमान बिल हर महीने देगी सरकार
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि डीवीसी का लगभग 4500 करोड़ रूपया राज्य सरकार अगले 2 वर्षों में चुका देगी. वहीं, अब से डीवीसी की दी जाने वाली बिजली का वर्तमान बिल हर महीने दिया जाएगा. जिसपर डीवीसी के अधिकारियों ने सहमति जताई और शनिवार शाम के बाद डीवीसी कमांडिंग एरिया में रहने वाले लोगों को बिजली मुहैया होने लगी.
उच्चस्तरीय बैठक के बाद बिजली संकट समाप्त
गौरतलब है कि राज्य के 7 जिलों में डीवीसी बिजली मुहैया कराती है और राज्य सरकार इस बिजली के लिए डीवीसी को भुगतान करती है. पिछले 2 वर्षों से भुगतान नहीं होने के कारण डीवीसी ने 10 मार्च को 18-18 घंटे की बिजली कटौती कर दी थी. जिस कारण धनबाद, बोकारो, गिरिडीह, कोडरमा, हजारीबाग, रामगढ़ और चतरा जिले में बिजली संकट गहरा गया था. लेकिन शनिवार को राज्य के ऊर्जा विभाग और दामोदर वैली कॉर्पोरेशन के अधिकारियों की उच्चस्तरीय बैठक के बाद बिजली संकट समाप्त हो गया है और राज्य के डीवीसी कमांडिंग एरिया में लोगों को बिजली मुहैया होने लगी है.