रांची: झारखंड के साहिबगंज में 1000 करोड़ के अवैध खनन मामले में डीएसपी प्रमोद मिश्रा से ईडी सोमवार को पूछताछ करेगी. डीएसपी मिश्रा को ईडी चार बार समन भेज चुकी है, लेकिन वे एजेंसी के दफ्तर नहीं पहुंचे. समन के खिलाफ डीएसपी प्रमोद मिश्रा झारखंड हाईकोर्ट गए, लेकिन कोर्ट ने भी उन्हें एजेंसी के सामने हाजिर होने का आदेश दे दिया.
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गिरफ्तारी पर रोक, पूछताछ पर नहीं: 1000 करोड़ के अवैध खनन और उससे जुड़े मनी लाउंड्रिंग के मामले में ईडी सोमवार को साहिबगंज के बरहरवा के पूर्व डीएसपी प्रमोद मिश्रा से पूछताछ करेगी. चार बार समन जारी होने के बावजूद एजेंसी के सामने नहीं जाने के लिए प्रमोद मिश्रा ने झारखंड हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिसके बाद हाईकोर्ट ने प्रमोद मिश्रा को समन पर उपस्थित होने का आदेश दिया, वहीं कोर्ट के आदेश में यह बताया गया था कि कोर्ट के समन पर उपस्थिति के दिन प्रमोद मिश्रा की गिरफ्तारी नहीं हो सकती है, जो प्रमोद मिश्रा के लिए एक राहत भरी बात रही.
पंकज मिश्रा का सहयोगी होने का अंदेशा: ईडी 1000 करोड़ के अवैध खनन और मनी लाउंड्रिंग की जांच कर रही है. ईडी ने इस मामले में डीएसपी प्रमोद मिश्रा को जेल में बंद पंकज मिश्रा का सहयोगी मान कर चल रही है. दरअसल पूर्व के पूछताछ में रिटायर, पुलिसकर्मी निराला ने बताया था कि प्रमोद मिश्रा ने अवैध वसूली के मामले में प्रति ट्रक उगाही के लिए एक बड़ा तंत्र इजाद किया था, उसी के जरिये काली कमाई होती थी. मामला सामने आने के बाद ईडी ने पहली बार प्रमोद मिश्रा दिसंबर 2022 में समन किया था.
टॉल प्लाजा केस में 24 घंटे के भीतर क्लीनचिट देकर आए संदेह के घेरे में: ईडी की जांच में यह बात भी सामने आई थी कि साहिबगंज के बरहरवा में टॉल प्लाजा का ठेका मैनेज करने से जुड़े केस में बरहरवा डीएसपी रहते हुए प्रमोद मिश्रा ने केस का सुपरविजन किया. सुपरविजन में 24 घंटे के भीतर ही बरहेट विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा और मंत्री आलमगीर आलम का नाम एफआईआर से हटा दिया गया. इस मामले में ईडी ने केस के अनुसंधानकर्ता मो सरफुद्दीन से पूछताछ की थी. जिसके प्रमोद मिश्रा की भूमिका का खुलासा किया. उसके बाद से ही प्रमोद मिश्रा ईडी के रडार पर आ गए.