रांची: झारखंड के गुमला जिले में नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के दौरान हुए लैंडमाइंस ब्लास्ट (Landmines Blast) में कोबरा बटालियन (Cobra Battalion) को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा. नक्सलियों के खिलाफ कई बड़ी सफलताएं दिलाने वाले श्वान द्रोण द सेवियर (Drona The Savior) इस हमले में शहीद हो गए.
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द्रोण ने दिलवाई थी महत्वपूर्ण सफलताएं
गुमला में नक्सल विरोधी अभियान के दौरान शहीद हुए श्वान द्रोण- द सेवियर ने बड़ी सफलताएं दिलवाई थी. 6 साल और 9 महीने की उम्र के बेल्जियम शेफर्ड श्वान द्रोण को 27 दिसंबर 2015 को 203 कोबरा बटालियन में तैनात किया गया था. सीआरपीएफ और पुलिस अधिकारियों के मुताबिक वह तबसे बटालियन की सेवा कर रहा था. शहीद होने के पहले श्वान द्रोण ने राज्य के लगभग सभी हिस्सों में 73 नक्सल अभियानों में भाग लिया था. 7 अप्रैल 2016 को पारसनाथ क्षेत्र में 40 किलोग्राम विस्फोटक के 4 कंटेनर, डेटोनेटर, कॉर्टेक्स, मोबाइल फोन, वॉकी टॉकी, जीपीएस की बरामदगी श्वान द्रोण ने करवाई थी.
पूरी बटालियन की बचाई जान
मंगलवार की सुबह भी गुमला में श्वान द्रोण ऑपरेशन का हिस्सा था, जहां उसने अपनी बहादुरी और बलिदान के साथ कोबरा कमांडो की एक पूरी टीम को सुबह 7:30 बजे एक शक्तिशाली आईईडी विस्फोट से बचाया और शहीद हो गए. अधिकारियों ने बताया कि श्वान द्रोण के निस्वार्थ बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा और उसे हमेशा वीरता के कार्य के लिए याद किया जाएगा.
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दिया गया गार्ड ऑफ ऑनर
शहीद द्रोण का अंतिम संस्कार गार्ड ऑफ ऑनर देकर किया गया. इस दौरान कोबरा के कई अधिकारी और जवान मौजूद थे, जिन्होंने श्वान द्रोण को अंतिम विदाई दी.