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नेता प्रतिपक्ष पर संशय बरकरार, CM ने कहाः जब BJP खुद को नहीं मान रही विपक्ष इसका मतलब सतापक्ष का है हिस्सा

झारखंड विधानसभा का बजट सत्र शुक्रवार से शुरू होने जा रहा है. बजट सत्र को लेकर स्पीकर रवींद्रनाथ महतो ने सभी दलों के विधायक दल के नेताओं को बुलाया था. इस बैठक में भाजपा की ओर से कोई भी शामिल नहीं हुआ. स्पीकर रवींद्रनाथ महतो ने इस बाबत कहा कि उन्होंने बीजेपी के वरिष्ठ नेता सीपी सिंह को बैठक में बुलाया था लेकिन सिंह ने तकनीकी कारणों का हवाला देकर बैठक में आने में असमर्थता जताई.

नेता प्रतिपक्ष पर संशय बरकरार, CM ने कहाः जब BJP खुद को नहीं मान रही विपक्ष इसका मतलब सतापक्ष का है हिस्सा
विधायक दल के नेताओं की बैठक
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Published : Feb 27, 2020, 7:31 PM IST

रांचीः झारखंड विधानसभा का बजट सत्र हंगामेदार होने के पूरे आसार हैं. दरअसल अजीबोगरीब परिस्थिति में एक तरफ जहां अभी तक प्रमुख विपक्षी दल के विधायक दल के नेता का नाम असेंबली में अपडेट नहीं हुआ है. वहीं दूसरी तरफ नेता प्रतिपक्ष को लेकर भी संशय बरकरार है. 28 फरवरी से शुरू होने वाले बजट सत्र को लेकर स्पीकर रवींद्रनाथ महतो ने गुरुवार को सभी दलों के विधायक दल के नेताओं को बुलाया था.

देखें रवींद्रनाथ महतो का बयान

बैठक का मकसद बजट सत्र को सुचारू रूप से चलाने पर चर्चा करना था. हैरत की बात यह रही कि सत्ता पक्ष के अलावा विपक्ष के कुछ दलों के प्रतिनिधि शामिल हुए. वहीं प्रमुख विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी का कोई प्रतिनिधि बैठक में शामिल नहीं हुआ. दरअसल भाजपा में नेता विधायक दल को लेकर पेंच अभी तक असेंबली में फंसा हुआ है.

और पढे़- 3 मिनट लेट होने से नहीं मिली छात्रा को एग्जाम सेंटर में इंट्री, सरकार तक पहुंचा मामला

नेता प्रतिपक्ष को लेकर लग सकता है समय

स्पीकर रवींद्रनाथ महतो ने इस बाबत कहा कि उन्होंने बीजेपी के वरिष्ठ नेता सीपी सिंह को बैठक में बुलाया था लेकिन सिंह ने तकनीकी कारणों का हवाला देकर बैठक में आने में असमर्थता जताई. स्पीकर ने कहा कि प्रतिपक्ष के नेता पर कानूनी सलाह के बाद इस बाबत कुछ कहेंगे. उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष के पास कई तरह के पत्र आते हैं. इसका यह तात्पर्य नहीं कि उन्हीं पत्रों के आधार पर कोई कार्रवाई की जाए. स्पीकर ने कहा कि वह उस मामले में कानूनी पक्ष जान समझकर नैसर्गिक न्याय करने की कोशिश करेंगे. उन्होंने कहा कि बीजेपी में हुई घटनाक्रम की कानूनी सलाह के बाद ही कोई निर्णय ले सकेंगे. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष को लेकर अभी और समय भी लग सकता है.

और पढ़ें- जमशेदपुर में जनजातीय नृत्य समारोह का आयोजन, 'पाइका' ने लोगों को किया मंत्रमुग्ध

विपक्ष नहीं तो बीजेपी भी है सत्तापक्ष का हिस्सा

वहीं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बीजेपी के बैठक में हिस्सा नहीं लेने पर कहा कि अगर बीजेपी खुद को विपक्ष नहीं मानती है तो इसका यही मतलब है कि वह सत्ता पक्ष का एक हिस्सा है. उन्होंने कहा कि स्वस्थ परंपरा के तहत सभी दलों के विधायक दल के नेताओं को बैठक में हिस्सा लेना चाहिए. साथ उन्होंने कहा कि स्पीकर बीजेपी के अंदर हुए घटनाक्रम को लेकर निर्णय लेंगे.

देखें सुदेश महतो का बयान

दो विधायक वाली आजसू बैठेगी विपक्ष में

दो विधायकों वाली आजसू पार्टी के मुखिया सुदेश महतो ने साफ किया कि वह सदन में विपक्ष की भूमिका में रहेंगे. दरअसल अब आजसू पार्टी एनडीए में शामिल नहीं है. 2019 में विधानसभा चुनाव में आजसू ने बीजेपी से अपनी राह अलग कर ली थी. फिलहाल पार्टी के दो विधायक झारखंड विधानसभा में सिल्ली से सुदेश कुमार महतो और गोमिया से लंबोदर महतो विधायक हैं.

देखें सरयू राय का बयान

सरयू राय का दावा कानून सम्मत निर्णय लेंगे स्पीकर

निर्दलीय विधायक और पूर्ववर्ती सरकार में मंत्री सरयू राय ने कहा कि बीजेपी के लोग नहीं थे. इस बारे में स्पीकर ने भी कुछ नहीं कहा स्पीकर अपने विवेक का इस्तेमाल कर सकते हैं सदन में निर्णय ले सकते हैं.

रांचीः झारखंड विधानसभा का बजट सत्र हंगामेदार होने के पूरे आसार हैं. दरअसल अजीबोगरीब परिस्थिति में एक तरफ जहां अभी तक प्रमुख विपक्षी दल के विधायक दल के नेता का नाम असेंबली में अपडेट नहीं हुआ है. वहीं दूसरी तरफ नेता प्रतिपक्ष को लेकर भी संशय बरकरार है. 28 फरवरी से शुरू होने वाले बजट सत्र को लेकर स्पीकर रवींद्रनाथ महतो ने गुरुवार को सभी दलों के विधायक दल के नेताओं को बुलाया था.

देखें रवींद्रनाथ महतो का बयान

बैठक का मकसद बजट सत्र को सुचारू रूप से चलाने पर चर्चा करना था. हैरत की बात यह रही कि सत्ता पक्ष के अलावा विपक्ष के कुछ दलों के प्रतिनिधि शामिल हुए. वहीं प्रमुख विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी का कोई प्रतिनिधि बैठक में शामिल नहीं हुआ. दरअसल भाजपा में नेता विधायक दल को लेकर पेंच अभी तक असेंबली में फंसा हुआ है.

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नेता प्रतिपक्ष को लेकर लग सकता है समय

स्पीकर रवींद्रनाथ महतो ने इस बाबत कहा कि उन्होंने बीजेपी के वरिष्ठ नेता सीपी सिंह को बैठक में बुलाया था लेकिन सिंह ने तकनीकी कारणों का हवाला देकर बैठक में आने में असमर्थता जताई. स्पीकर ने कहा कि प्रतिपक्ष के नेता पर कानूनी सलाह के बाद इस बाबत कुछ कहेंगे. उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष के पास कई तरह के पत्र आते हैं. इसका यह तात्पर्य नहीं कि उन्हीं पत्रों के आधार पर कोई कार्रवाई की जाए. स्पीकर ने कहा कि वह उस मामले में कानूनी पक्ष जान समझकर नैसर्गिक न्याय करने की कोशिश करेंगे. उन्होंने कहा कि बीजेपी में हुई घटनाक्रम की कानूनी सलाह के बाद ही कोई निर्णय ले सकेंगे. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष को लेकर अभी और समय भी लग सकता है.

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विपक्ष नहीं तो बीजेपी भी है सत्तापक्ष का हिस्सा

वहीं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बीजेपी के बैठक में हिस्सा नहीं लेने पर कहा कि अगर बीजेपी खुद को विपक्ष नहीं मानती है तो इसका यही मतलब है कि वह सत्ता पक्ष का एक हिस्सा है. उन्होंने कहा कि स्वस्थ परंपरा के तहत सभी दलों के विधायक दल के नेताओं को बैठक में हिस्सा लेना चाहिए. साथ उन्होंने कहा कि स्पीकर बीजेपी के अंदर हुए घटनाक्रम को लेकर निर्णय लेंगे.

देखें सुदेश महतो का बयान

दो विधायक वाली आजसू बैठेगी विपक्ष में

दो विधायकों वाली आजसू पार्टी के मुखिया सुदेश महतो ने साफ किया कि वह सदन में विपक्ष की भूमिका में रहेंगे. दरअसल अब आजसू पार्टी एनडीए में शामिल नहीं है. 2019 में विधानसभा चुनाव में आजसू ने बीजेपी से अपनी राह अलग कर ली थी. फिलहाल पार्टी के दो विधायक झारखंड विधानसभा में सिल्ली से सुदेश कुमार महतो और गोमिया से लंबोदर महतो विधायक हैं.

देखें सरयू राय का बयान

सरयू राय का दावा कानून सम्मत निर्णय लेंगे स्पीकर

निर्दलीय विधायक और पूर्ववर्ती सरकार में मंत्री सरयू राय ने कहा कि बीजेपी के लोग नहीं थे. इस बारे में स्पीकर ने भी कुछ नहीं कहा स्पीकर अपने विवेक का इस्तेमाल कर सकते हैं सदन में निर्णय ले सकते हैं.

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