रांचीः झारखंड में कोरोना संक्रमण के खतरा को देखते हुए राज्य सरकार ने मिनी लॉकडाउन लगाया है, ताकि संक्रमण की संकट से निपटा जा सके. इस संकट में विवाहित महिला के लिए दोहरी आफत शराब बन गई है. राजधानी रांची में लॉकडाउन के दौरान आपराधिक घटनाओं में कमी आई है, लेकिन शराब की वजह से घरेलू हिंसा के मामले बढ़ गए है. स्थिति यह है कि प्रत्येक दिन औसतन पांच से अधिक मामले घरेलू हिंसा के आ रहे, जिसमें सबसे अधिक शराब पीकर मारपीट के मामले शामिल हैं.
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लगातार घरेलू हिंसा से जुड़े आ रहे मामले
राज्य में पिछले दो सफ्ताह से मिनी लॉकडाउन लगा है, जिसे स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह का नाम दिया गया है. लॉकडाउन में जरूरत के सामानों की दुकानों के साथ-साथ शराब की दुकानें भी दो बजे तक खुली रहती हैं. लॉकडाउन के दौरान शराब पीने वाले लोग अपने घरों में नशे की हालत में हंगामा करने के साथ साथ पत्नी के साथ मारपीट कर रहे हैं. इससे पुलिस की डायल 100 पर घरेलू हिंसा की शिकायतें काफी आ रही है.
सात-आठ रोजना आ रहे घरेलू हिंसा की शिकायत
पिछले वर्ष संपूर्ण लॉकडाउन के दौरान रांची पुलिस ने डायल 100 और डायल 112 के जरिए आमलोगों की मदद की थी. डायल 100 और डायल 112 पर जैसे ही कॉल कर कोई मदद की गुहार लगाता था, तो पुलिस तत्कल उसकी मदद के लिए पहुंच जाती थी. इस बार भी कंट्रोल रूम के जरिए पुलिस आम लोगों की मदद कर रही है. हैरानी की बात यह है कि इस बार डायल 100 पर सबसे ज्यादा मदद महिलाओं की ओर से मांगी जा रही है. मदद मांगने वाली महिला घरेलू हिंसा से पीड़ित होती हैं. स्थिति यह है कि राजधानी रांची में प्रत्येक दिन 7 से 8 ऐसे मामले आ रहे हैं, जो पति-पत्नी के बीच विवाद के होते हैं. इस विवाद का कारण शराब होता है.
कंट्रोल रूम में 24 घंटे पुलिस की तैनाती
कचहरी चौक स्थित कंट्रोल रूम में डायल 100 का कार्यालय है, जहां 24 घंटे पुलिस की टीम तैनात रहती है. यह टीम डायल 100 पर मिलने वाली शिकायतों को तत्काल संबंधित थाने को सूचना देकर निष्पादन करती है. पिछले कुछ दिनों से डायल 100 पर घरेलू हिंसा की शिकायतें अधिक मिल रही है. लॉकडाउन में सबसे ज्यादा परेशानी नशे के आदी हो चुके व्यक्ति के परिजनों को है. नशे की हालत में लोग सिर्फ बाहर ही हंगामा नहीं करते हैं, बल्कि घर पहुंच कर पत्नी के साथ मारपीट भी करते है.
की जा रही त्वरित कार्रवाई
डायल 100 के जरिए मिलने वाली सूचनाओं पर रांची पुलिस तत्काल कार्रवाई कर रही है. डायल 100 पर जैसे ही सूचना मिलती है, वैसे ही संबंधित इलाके के पीसीआर और थाना को सूचना दी जाती है. अगर मामला पारिवारिक विवाद के बाद हिंसा का होता है, तो पहली कोशिश समझा-बुझाकर मामले को शांत करने की होती है. लेकिन, मामला गंभीर होता है, तो महिला थाना या फिर पुलिसकर्मी खुद मौके पर पहुंचकर कार्रवाई करती है. दरअसल रांची पुलिस नहीं चाहती है कि छोटे-मोटे मामले में किसी को जेल भेजा जाए. सिटी डीएसपी डीएसपी अमित सिंह बताते है कि हाल के दिनों में घरेलू हिंसा के मामले बढ़ गए हैं. मामला ज्यादा गंभीर होती है, तो पुलिस कठोर कार्रवाई करती है.
पुलिस के सामने भी मुश्किल
पति-पत्नी के बीच विवाद की वजह से अमूमन पुलिस भी परेशान रहती है. पीड़ित महिला पुलिस को शिकायत तो कर देती है, लेकिन जब पुलिस कार्रवाई करने पहुंचती है तो पत्नी माफ करने की गुहार लगाने लगती है. इस स्थिति में घरेलू हिंसा के मामलों के निष्पादन में पुलिस को काफी मुश्किल झेलनी पड़ रही है. हालांकि, प्रारंभिक सूचना के बाद पुलिस का काम है एक्टिव होकर कार्रवाई करें, वह रांची पुलिस कर रही है.