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दीपावली की मध्यरात्रि में प्रशासन को दी गई खुली चुनौती, वीडियो में देखें पूरी बात - रांची में उड़ी नियमों की धज्जी

दीपावली में आतिशबाजी को लेकर केंद्र से लेकर राज्य सरकार ने गाइडलाइंस दिया था. प्रदूषण को देखते हुए पटाखे फोड़ने के लिए 2 घंटे दिए गए थे, बावजूद इसके नियम-कानून को धता बताकर राजधानी रांची में पॉश इलाके में दीपावली की देर रात कई घंटे तक आतिशबाजी होती रही.

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देर रात तक होती रही आतिशबाजी
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Published : Nov 15, 2020, 11:29 AM IST

रांचीः कोरोना अभी गया नहीं है. प्रदूषण की वजह से संक्रमण फैलने का खतरा भी है. इसे ध्यान में रखते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने वायु प्रदूषण की मात्रा के हिसाब से आतिशबाजी पर रोक को लेकर एक गाइडलाइन जारी किया था. झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने राजधानी रांची समेत 14 जिलों के शहरों की 5 नवंबर 2019 के वायु प्रदूषण की रिपोर्ट के आधार पर आदेश जारी किया था कि इन शहरों में रात 8:00 बजे से 10:00 बजे तक सिर्फ ग्रीन क्रैकर्स से आतिशबाजी की जा सकेगी. ऐसा नहीं करने वालों के खिलाफ अलग-अलग धाराओं का इस्तेमाल करते हुए कानूनी कार्रवाई की जाएगी. इसका असर भी दिखा लेकिन कुछ लोगों ने कायदे कानून की सारी सीमाएं लांघ दी.

देखें पूरा वीडियो

देर रात तक होती रही आतिशबाजी

देर रात राजधानी के कोकर इलाके से रिम्स जाने वाले रास्ते के बीच प्रसाद मार्ट के सामने इस तरह की आतिशबाजी हुई कि लोगों की नींद उड़ गई. सिर्फ कल्पना की जा सकती है कि जिन घरों में बुजुर्ग होंगे और जिन घरों में कोई मरीज होगा, उन पर क्या बीत रही होगी. लेकिन अब खुशी के इस त्यौहार को कुछ लोग स्टेटस सिंबल के रूप में इस्तेमाल करने लगे हैं, कानून की कोई फिक्र नहीं, समाज के प्रति कोई जिम्मेदारी नहीं. अपने दिखावे के लिए दूसरों को परेशान करने वाले ऐसे लोगों को इस बात की फिक्र नहीं कि कोरोना के इस दौर में ना जाने कितने लोग ऐसे हैं जो बेरोजगार हो गए हैं, ना जाने कितने ऐसे माता-पिता हैं जो अपने बच्चों को फुलझड़ी नहीं दे पाए होंगे. ऐसे हालात में एक दूसरे का हाथ थामने की जरूरत होती है. लेकिन कुछ लोगों को इसकी कोई परवाह नहीं, इसे क्या कहा जाए कि किसी सिरफिरे ने प्रशासन को सीधी चुनौती दी है तो शायद गलत नहीं होगा.

नियम-कानून को ठेंगा

प्रदूषण पर नियंत्रण करने के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेशों का पालन करते हुए झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने भी दीपावली पर पटाखे छोड़ने को लेकर कई शर्ते रखी थीं लेकिन दीपावली के दिन सरकार की शर्तों कि लोग धज्जियां उड़ाते दिखे. पूरी राजधानी में सरकार के इस आदेश की लोग धज्जियां उड़ाते देखे गये और कई इलाकों में रात 10:00 बजे के बाद भी अत्यधिक ध्वनि के बम और पटाखे की आतिशबाजी करते दिखे. जिसमें बूटीमोड़, खेलगांव, बरियातू सहित विभिन्न इलाकों में रात 10:00 बजे के बाद भी पटाखों की आवाज गूंजती सुनायी दी.

सरकार ने दिया था आदेश

मालूम हो कि राज्य सरकार ने 12 नवंबर को यह आदेश जारी करते हुए कहा था की रांची, रामगढ़, बोकारो, पलामू,पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला खरसावां, हजारीबाग, गिरिडीह,धनबाद, देवघर, गोड्डा, पाकुर एवं साहिबगंज के शहरी क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता स्तर प्रदूषित श्रेणी में आता है इसीलिए यहां पर सिर्फ ग्रीन पटाखे ही बेचे जाएंगे और रात 8:00 बजे से 10:00 बजे तक ही लोग पटाखे छोड़ सकते हैं.

इसे भी पढ़ें- दीपावली के जश्न के बाद दिल्ली की हवा में घुला 'जहर'


सामान्य पटाखे भी धड़ल्ले से बेचे गए

वहीं कई दुकानदारों ने हरित पटाखों की जगह समान्य पटाखे भी धड़ल्ले से बेचे. वहीं प्रशासन ने इसको लेकर ज्यादा सख्ती नहीं बरती. इसीलिए लोग राजधानी के कई इलाकों में वातावरण को स्वच्छ रखने में लापरवाह दिखे.

सजा का है प्रावधान
राज्य सरकार ने यह आदेश दिया था कि जो भी व्यक्ति निर्देशों का उल्लंघन करते हुए पाए जाएंगे, उन पर आईपीसी की धारा 188 एवं वायु (प्रदूषण निवारण और नियंत्रण) अधिनियम 1981 की धारा 37 एवं अन्य संगत अधिनियमों के तहत विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी.

रांचीः कोरोना अभी गया नहीं है. प्रदूषण की वजह से संक्रमण फैलने का खतरा भी है. इसे ध्यान में रखते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने वायु प्रदूषण की मात्रा के हिसाब से आतिशबाजी पर रोक को लेकर एक गाइडलाइन जारी किया था. झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने राजधानी रांची समेत 14 जिलों के शहरों की 5 नवंबर 2019 के वायु प्रदूषण की रिपोर्ट के आधार पर आदेश जारी किया था कि इन शहरों में रात 8:00 बजे से 10:00 बजे तक सिर्फ ग्रीन क्रैकर्स से आतिशबाजी की जा सकेगी. ऐसा नहीं करने वालों के खिलाफ अलग-अलग धाराओं का इस्तेमाल करते हुए कानूनी कार्रवाई की जाएगी. इसका असर भी दिखा लेकिन कुछ लोगों ने कायदे कानून की सारी सीमाएं लांघ दी.

देखें पूरा वीडियो

देर रात तक होती रही आतिशबाजी

देर रात राजधानी के कोकर इलाके से रिम्स जाने वाले रास्ते के बीच प्रसाद मार्ट के सामने इस तरह की आतिशबाजी हुई कि लोगों की नींद उड़ गई. सिर्फ कल्पना की जा सकती है कि जिन घरों में बुजुर्ग होंगे और जिन घरों में कोई मरीज होगा, उन पर क्या बीत रही होगी. लेकिन अब खुशी के इस त्यौहार को कुछ लोग स्टेटस सिंबल के रूप में इस्तेमाल करने लगे हैं, कानून की कोई फिक्र नहीं, समाज के प्रति कोई जिम्मेदारी नहीं. अपने दिखावे के लिए दूसरों को परेशान करने वाले ऐसे लोगों को इस बात की फिक्र नहीं कि कोरोना के इस दौर में ना जाने कितने लोग ऐसे हैं जो बेरोजगार हो गए हैं, ना जाने कितने ऐसे माता-पिता हैं जो अपने बच्चों को फुलझड़ी नहीं दे पाए होंगे. ऐसे हालात में एक दूसरे का हाथ थामने की जरूरत होती है. लेकिन कुछ लोगों को इसकी कोई परवाह नहीं, इसे क्या कहा जाए कि किसी सिरफिरे ने प्रशासन को सीधी चुनौती दी है तो शायद गलत नहीं होगा.

नियम-कानून को ठेंगा

प्रदूषण पर नियंत्रण करने के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेशों का पालन करते हुए झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने भी दीपावली पर पटाखे छोड़ने को लेकर कई शर्ते रखी थीं लेकिन दीपावली के दिन सरकार की शर्तों कि लोग धज्जियां उड़ाते दिखे. पूरी राजधानी में सरकार के इस आदेश की लोग धज्जियां उड़ाते देखे गये और कई इलाकों में रात 10:00 बजे के बाद भी अत्यधिक ध्वनि के बम और पटाखे की आतिशबाजी करते दिखे. जिसमें बूटीमोड़, खेलगांव, बरियातू सहित विभिन्न इलाकों में रात 10:00 बजे के बाद भी पटाखों की आवाज गूंजती सुनायी दी.

सरकार ने दिया था आदेश

मालूम हो कि राज्य सरकार ने 12 नवंबर को यह आदेश जारी करते हुए कहा था की रांची, रामगढ़, बोकारो, पलामू,पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला खरसावां, हजारीबाग, गिरिडीह,धनबाद, देवघर, गोड्डा, पाकुर एवं साहिबगंज के शहरी क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता स्तर प्रदूषित श्रेणी में आता है इसीलिए यहां पर सिर्फ ग्रीन पटाखे ही बेचे जाएंगे और रात 8:00 बजे से 10:00 बजे तक ही लोग पटाखे छोड़ सकते हैं.

इसे भी पढ़ें- दीपावली के जश्न के बाद दिल्ली की हवा में घुला 'जहर'


सामान्य पटाखे भी धड़ल्ले से बेचे गए

वहीं कई दुकानदारों ने हरित पटाखों की जगह समान्य पटाखे भी धड़ल्ले से बेचे. वहीं प्रशासन ने इसको लेकर ज्यादा सख्ती नहीं बरती. इसीलिए लोग राजधानी के कई इलाकों में वातावरण को स्वच्छ रखने में लापरवाह दिखे.

सजा का है प्रावधान
राज्य सरकार ने यह आदेश दिया था कि जो भी व्यक्ति निर्देशों का उल्लंघन करते हुए पाए जाएंगे, उन पर आईपीसी की धारा 188 एवं वायु (प्रदूषण निवारण और नियंत्रण) अधिनियम 1981 की धारा 37 एवं अन्य संगत अधिनियमों के तहत विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी.

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