ETV Bharat / state

42 वर्षों से सरकारी मुआवजे और नियोजन की आस लगाए विस्थापितों का टूटा सब्र, राजभवन के सामने कर रहे आमरण अनशन

author img

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Oct 31, 2023, 4:35 PM IST

चांडिल डैम के निर्माण के समय जब रैयतों से उनकी जमीन ली गई तो सरकार ने उनसे कई वादे किए गए थे. लेकिन वक्त बीतने के साथ सरकार अपने वादे को भूल गई. यही वजह है कि परेशान रैयत अपनी मांगों को लेकर राजभवन के सामने आमरण अनशन कर रहे हैं. Displaced people of Chandil Dam are Protesting.

Displaced people of Chandil Dam are Protesting in front of Raj Bhawan
Displaced people of Chandil Dam are Protesting in front of Raj Bhawan

रांची: झारखंड में पलायन और विस्थापन एक बड़ी समस्या है. सरकार विकास कार्य को ध्यान में रखकर जमीन अधिग्रहण का काम करती है. रैयतों को जमीन अधिग्रहण के वक्त बहुत भरोसा दिया जाता है. मगर वक्त जैसे -जैसे गुजरता है सरकार रैयतों से किए अपने वायदों को भूलती चली जाती है. कुछ ऐसा ही वाकया चांडिल डैम निर्माण से विस्थापित हुए लोगों का है, जिनकी जमीन तो ले ली गई मगर उन्हें मुआवजा के साथ प्रत्येक परिवार में एक सदस्य को नौकरी देने की बात सरकार भूल गई. सरकार की इस वादाखिलाफी से नाराज रैयत और उनके परिवार के लोग आमरण अनशन करने राजभवन तक पैदल मार्च करके पहुंचे हुए हैं.

ये भी पढ़ें: रांची में चांडिल डैम विस्थापितों का धरना, मुआवजे की मांग को लेकर राजभवन के समक्ष किया प्रदर्शन

चांडिल डैम निर्माण का काम 1978-80 के बीच में हुआ था. संयुक्त बिहार के समय केंद्र सरकार की योजना के तहत इस क्षेत्र के 84 मौजा के 116 गांव के रियासतों का जमीन अधिग्रहित किया गया था, जिसमें 09 गांव वर्तमान समय में पूरी तरह से चांडिल डैम में समाहित हो चुका है. इसके अलावा शेष गांवों की जमीन भी अधिग्रहित हो चुकी है. इन्हें प्रशासन लगातार नोटिस भेज रही है.

करीब 43 वर्षों से बन रहे इस चांडिल डैम के विस्तारीकरण के लिए प्रशासन द्वारा लगातार दवाब बनाया जा रहा हैं. बीते इन वर्षों में चार पीढ़ियां रैयतों के गुजर गए जो सरकार से प्रत्येक परिवार से एक व्यक्ति को नियोजन देने और जमीन अधिग्रहण की मुआवजा भुगतान की मांग कर रहे हैं. अपनी मांगों पर दबाव डालने के लिए चांडिल डैम विस्थापित मोर्चा के बैनर तले सैकड़ों लोग राजभवन पहुंचे. जहां आमरण अनशन कर वे अपनी मांगों को पूरा करने का आग्रह कर रहे हैं.

रांची: झारखंड में पलायन और विस्थापन एक बड़ी समस्या है. सरकार विकास कार्य को ध्यान में रखकर जमीन अधिग्रहण का काम करती है. रैयतों को जमीन अधिग्रहण के वक्त बहुत भरोसा दिया जाता है. मगर वक्त जैसे -जैसे गुजरता है सरकार रैयतों से किए अपने वायदों को भूलती चली जाती है. कुछ ऐसा ही वाकया चांडिल डैम निर्माण से विस्थापित हुए लोगों का है, जिनकी जमीन तो ले ली गई मगर उन्हें मुआवजा के साथ प्रत्येक परिवार में एक सदस्य को नौकरी देने की बात सरकार भूल गई. सरकार की इस वादाखिलाफी से नाराज रैयत और उनके परिवार के लोग आमरण अनशन करने राजभवन तक पैदल मार्च करके पहुंचे हुए हैं.

ये भी पढ़ें: रांची में चांडिल डैम विस्थापितों का धरना, मुआवजे की मांग को लेकर राजभवन के समक्ष किया प्रदर्शन

चांडिल डैम निर्माण का काम 1978-80 के बीच में हुआ था. संयुक्त बिहार के समय केंद्र सरकार की योजना के तहत इस क्षेत्र के 84 मौजा के 116 गांव के रियासतों का जमीन अधिग्रहित किया गया था, जिसमें 09 गांव वर्तमान समय में पूरी तरह से चांडिल डैम में समाहित हो चुका है. इसके अलावा शेष गांवों की जमीन भी अधिग्रहित हो चुकी है. इन्हें प्रशासन लगातार नोटिस भेज रही है.

करीब 43 वर्षों से बन रहे इस चांडिल डैम के विस्तारीकरण के लिए प्रशासन द्वारा लगातार दवाब बनाया जा रहा हैं. बीते इन वर्षों में चार पीढ़ियां रैयतों के गुजर गए जो सरकार से प्रत्येक परिवार से एक व्यक्ति को नियोजन देने और जमीन अधिग्रहण की मुआवजा भुगतान की मांग कर रहे हैं. अपनी मांगों पर दबाव डालने के लिए चांडिल डैम विस्थापित मोर्चा के बैनर तले सैकड़ों लोग राजभवन पहुंचे. जहां आमरण अनशन कर वे अपनी मांगों को पूरा करने का आग्रह कर रहे हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.