रांची: चुनावी वर्ष होने की वजह से साल 2024 में झारखंड विधानसभा में इसकी झलक प्रारंभ से ही दिखने लगी थी. बजट सत्र के दौरान सरकार द्वारा भारी भरकम वार्षिक बजट पेश कर कई लोक लुभावन घोषणा की गई. बजट सत्र के दौरान वित्त मंत्री डॉ.रामेश्वर उरांव ने एक लाख 28 हजार 900 करोड़ का बजट पेश कर सभी को चौंकाया.
लोकसभा चुनाव की वजह से इस बार संक्षिप्त कार्यदिवस रखते हुए बजट सत्र 23 फरवरी से 2 मार्च तक रखा गया. इस दौरान तत्कालीन चंपाई सरकार ने राज्य की आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश कर राज्य की वास्तविक स्थिति से अवगत कराया. महज 7 दिनों के इस छोटे से कार्य दिवस में कई ऐसे महत्वपूर्ण विषय सदन में आए जिस पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच नोंकझोंक चलती रही.
झारखंड कर्मचारी चयन आयोग सीजीएल परीक्षा पेपर लीक की जांच सीबीआई से कराने की मांग को लेकर विपक्ष पहले दिन से ही सरकार पर दबाव बनाती दिखी. सदन के अंदर और बाहर इस मुद्दे को लेकर जहां भारतीय जनता पार्टी सरकार पर हमलावर होती दिखी. वहीं सत्ता पक्ष के लोग सफाई देते नजर आए. इन सबके बीच बजट सत्र के दौरान सदन में 146 अल्पसूचित प्रश्न, 177 तारांकित प्रश्न यानी 323 प्रश्न स्वीकृत हुए. इनमें से 16 अल्पसूचित प्रश्न एवं 17 तारांकित प्रश्न सदन में उत्तरित हुए. विभागों से कुल 299 में प्रश्नों के उत्तर प्राप्त हुए तथा शेष 24 प्रश्नों के उत्तर विभाग में लंबित पाए गए. ऑनलाइन सूचना प्रणाली के माध्यम से इस बजट सत्र में 73.46 प्रतिशत उत्तर प्राप्त हुए. 135 शून्यकाल इस बजट सत्र के दौरान स्वीकृत किए गए जबकि 30 ध्यानाकर्षण सूचना सदन में स्वीकृत हुए.
साल 2024 में कई महत्वपूर्ण विधेयक पास हुए
साल 2024 में झारखंड विधानसभा से कई महत्वपूर्ण विधेयक पास हुए जिस पर सत्तापक्ष विपक्ष उलझते रहे. बजट सत्र के अंतिम दिन सदन में सरकार के द्वारा कई महत्वपूर्ण विधेयक पास कराया गया, जिसमें झारखंड लोक कार्य संविदा विवाद मध्यस्थतम न्यायाधिकरण विधेयक 2024, झारखंड जमा कर्ताओं के हितों का संरक्षण विधेयक 2024, झारखंड राज्य विश्वविद्यालय विधेयक 2024, इंटरनेशनल विश्वविद्यालय विधेयक 2024 और झारखंड माल और सेवा कर संशोधन विधेयक 2024 शामिल है. झारखंड राज्य विश्वविद्यालय विधेयक 2024 के तहत सदन ने गिरिडीह में सर जेसी बोस विश्वविद्यालय की स्थापना की मंजूरी प्रदान की इसके तहत कोडरमा और गिरिडीह जिले में स्थित कॉलेज इसके अंतर्गत शामिल किया गया.
झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र
झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र 26 जुलाई से 2 अगस्त तक छह दिवसीय कार्यदिवस के साथ चला. इस सत्र के दौरान भारतीय जनता पार्टी के विधायकों ने स्पीकर रवींद्रनाथ महतो को पद से हटाने का नोटिस दिया. हालांकि इसमें वह सफल नहीं हुए. सदन में झारखंड में भी मिनी पाकिस्तान बनने का मुद्दा उठा बाबूलाल मरांडी ने सरकार से यह सवाल कर दबाव बनाने की कोशिश की. इन सबके बीच झारखंड निजी विश्वविद्यालय विधेयक 2024 के अलावा झारखंड विधानसभा से खनिज धारित भूमि उपकर विधेयक को पारित किया गया. विपक्ष के द्वारा बालू के मूल्य में बेतहाशा वृद्धि के विरोध में विधानसभा के बाहर सांकेतिक रूप से बालू बेचकर विरोध जताया. इसी सत्र में पहली बार भाजपा के 18 विधायक को सदन से सस्पेंड किया गया. स्पीकर रवींद्र नाथ महतो ने सदन के आचरण के अनुरूप नहीं होने की बात करते हुए 18 विधायकों को सस्पेंड करने का आदेश सुनाया.
रबीन्द्रनाथ महतो लगातार दूसरी बार बने स्पीकर
2024 के विधानसभा चुनाव में भारी जीत के बाद एक बार फिर झारखंड की सत्ता पर काबिज हुई हेमंत सरकार ने षष्ठम विधानसभा के कार्यकाल का पहला सत्र नौ से 12 दिसंबर तक आहुत किया. इस दौरान लगातार दूसरी बार रबीन्द्रनाथ महतो स्पीकर चुने गए. सदन में स्पीकर द्वारा सभी सदस्यों को विधानसभा की सदस्यता दिलाने के साथ साथ राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा और चालू वित्तीय वर्ष का दूसरा अनुपूरक बजट पास कराने में सरकार सफल रही.
खट्ठी मिठी यादों को समेटे पूर्व विधायक लंबोदर महतो कहते हैं कि पंचम विधानसभा का कार्यकाल कुल मिलाकर ठीक रहा. इस कार्यकाल के अंतिम वर्ष 2024 में सरकार ने कई विधेयक भी पास कराए. मगर सदन में प्रश्नकाल जैसी व्यवस्था समाप्त कर सत्तापक्ष ने सदन की व्यवस्था के खिलाफ काम करती नजर आई. चुनावी वर्ष होने की वजह से बेशक सरकार का ज्यादा फोकस चुनावी एजेंडा पर था. मगर जो सदन से पास किए गए उसे लागू करना भी सरकार का ही दायित्व है. इन सबके बीच स्पीकर कोर्ट ने इस साल कुछ महत्वपूर्ण फैसले दिए जिसमें दो विधायक लोबिन हेम्ब्रम और जे पी पटेल की सदस्यता रद्द की गई हालांकि बाबूलाल मरांडी, प्रदीप यादव मामले में सुनवाई पूरी होने के बाबजूद फैसला अब तक लंबित रखा गया है.
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