रांची: बाबूलाल मरांडी के 14 वर्षों बाद बीजेपी में घर वापसी के बाद अब कांग्रेस के बड़े चेहरों का भी घर वापसी के कयास लगाए जा रहे हैं, लेकिन कांग्रेस पार्टी उन चेहरों को एक्सेप्ट करती है या नहीं यह बड़ा सवाल बना हुआ है, क्योंकि पार्टी का मानना है कि जिन्होंने पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ विधानसभा चुनाव में उतरने का काम किया है, उनकी पार्टी मे री इंट्री होने का सवाल नहीं उठता है.
झारखंड की राजनीति हमेशा से सुर्खियों में रही है. वर्तमान में बीजेपी छोड़ 14 सालों तक अलग राजनीति करने वाले बाबूलाल मरांडी के फिर से घर वापसी की चर्चा जोरों पर है. ऐसे में जब बाबूलाल ने घर वापसी की है, तो कांग्रेस के बड़े चेहरों के भी घर वापसी के कयास लागाए जा रहे है, लेकिन जिन्होंने विधानसभा चुनाव से पहले दल बदलकर पार्टी के प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ा है, उनकी कांग्रेस पार्टी में वापसी मुश्किल लग रही है. कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप बालमुचू, सुखदेव भगत, बरही के पूर्व विधायक मनोज यादव जैसे बड़े चेहरों के घर वापसी का रास्ता लगभग बंद माना जा रहा है.
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हालांकि प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष मानस सिन्हा का मानना है कि जब तक आलाकमान निर्देश नहीं देता तब तक बड़े चेहरे का पार्टी में वापसी करना संभव नहीं है, पहले उन्हें प्रदेश अध्यक्ष को माफीनामा लिखकर देना होगा, जिसे आलाकमान को अवगत कराया जाएगा और आलाकमान के अप्रूवल के बाद ही कोई बड़ा चेहरा पार्टी मे री इंट्री कर सकता है.
वहीं कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता लाल किशोरनाथ शाहदेव ने कहा है कि कांग्रेस के सदस्यता अभियान में साफ कर दिया गया है, कि गठबंधन के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले बड़े चेहरे की एंट्री पर विचार नहीं किया जाएगा, हालांकि अभी तक प्रदेश कार्यालय में वापसी के लिए कोई आवेदन भी नहीं मिला है, आवेदन आने के बाद ही कोई विचार किया जा सकता है.