रांची: झारखंड कांग्रेस में इनदिनों सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. एक तरफ जहां प्रदेश अध्यक्ष कह रहे हैं कि अधिकारी काम नहीं करना चाहते हैं. तो वहीं दूसरी तरफ उनके ही मंत्री कहते हैं कि अगर अधिकारी काम नहीं कर रहे हैं तो तमाम तरह की योजनाएं लोगों तक कैसी पहुंच रहीं हैं. उन्होंने उन योजनाओं के नाम भी बताए जिसका लोग लाभ उठा रहे हैं.
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झारखंड कांग्रेस के अध्यक्ष राजेश ठाकुर से जब यह मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना, बेरोजगारी भत्ता, छात्र- छात्राओं के लिए छात्रवृत्ति योजना को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि हमलोग लगातार प्रयास कर रहे हैं, लेकिन राज्य के अधिकारी काम नहीं करना चाहते. बावजूद इसके अपने प्रयासों से गठबंधन की सरकार जनता से किये वादे को पूरा करने की ओर बढ़ रही है.
कांग्रेस अध्यक्ष के बयान के ठीक उलट है कृषि मंत्री की राय: झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष ब्यूरोक्रेसी को लेकर भले ही विकास के प्रति रुचि नहीं दिखाने वाले अधिकारी के रूप में रखते हों. लेकिन उनकी ही पार्टी के मंत्री बादल पत्रलेख की सोच प्रदेश अध्यक्ष से पूरे 360 डिग्री उलट है. एक कार्यक्रम के दौरान राज्य के ब्यूरोक्रेट्स को लेकर पूछे गए सवाल पर कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कई सवाल उठाए उन्होंने कहा.
- अगर अधिकारी अगर काम नहीं करते तो 22 लाख लोगों को यूनिवर्सल पेंशन का लाभ कैसे मिलता?
- अधिकारी अगर काम नहीं करते तो 32 लाख छात्र छात्राओं को प्री और पोस्ट मैट्रिक स्टाइपेंड कैसे मिलता?
- अधिकारी अगर काम नहीं करते तो 05 लाख लोगों(किसानों) का कर्जा कैसे माफ होता?
- अधिकारी अगर काम नहीं करते तो साढ़े सात लाख लोगों को सावित्री बाई फूले योजना का लाभ कैसे मिलता?
- अधिकारी अगर काम नहीं करते तो साढ़े चार लाख किसानों का KCC कैसे बनता ?
झारखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष से जब उनके ही कोटे से मंत्री असहम हैं तो लोग प्रदेश अध्यक्ष की बातों पर कैसे भरोसा करेंगे. ऐसे में अधिकारियों के बारे में इन दोनों नेताओं की बात राज्य की जनता सुनेगी तो उनका भ्रमित हो जाना स्वभाविक है.