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बेहतर पुलिसिंग के लिए चालू होगा डायल 112, बजट में मिले 476.80 करोड़

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Published : Mar 3, 2021, 11:40 PM IST

झारखंड सरकार ने अपने बजट में बेहतर पुलिसिंग और आपदा प्रबंधन से निपटने पर विशेष जोर दिया गया है. इस बजट में केंद्रीय सेक्टर की स्कीम के लिए 237.65 करोड़, केंद्र प्रायोजित योजना के लिए 11.65 करोड़ और राज्य योजना के लिए 227.50 करोड़ रुपये आवंटित किए जाने का प्रस्ताव है.

Dial 112 to be started for better policing in Jharkhand
बेहतर पुलिसिंग के लिए चालू होगा डायल 112

रांची: झारखंड सरकार ने अपने बजट में बेहतर पुलिसिंग और आपदा प्रबंधन से निपटने पर विशेष जोर दिया गया है. बजट में गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग को वित्तिय साल 2021- 22 के लिए 476.80 करोड़ रुपए दिए गए हैं. इस बजट में केंद्रीय सेक्टर की स्कीम के लिए 237.65 करोड़, केंद्र प्रायोजित योजना के लिए 11.65 करोड़ और राज्य योजना के लिए 227.50 करोड़ रुपये आवंटित किए जाने का प्रस्ताव है.


ये भी पढ़ें-झारखंड बजट: शिक्षा के लिए सरकार ने दिए 13253 करोड़, स्कूलों का बनाया जाएगा आदर्श
112 डायल बनेगा कारगर
राज्य सरकार के बजट के अनुसार, राज्य में बेहतर विधि व्यवस्था संसाधन के लिए इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम 112 को पूरी तरह चालू कर लिया गया है. इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम में पुलिस की आपातकालीन सेवा 100 डायल, अग्निशमन के लिए 101, एंबुलेंस के लिए 108 को एकीकृत कर एकमात्र सेवा 112 चालू की जाएगी. गौरतलब है कि 112 सेवा 2020 में ही अक्टूबर महीनें तक चालू हो जानी थी. इसमें कुछ और कार्य बाकी है. इसे जल्द से जल्द पूरा करने का काम किया जा रहा है.


आकास्मिक प्रकृति योजनाओं का आखिरी साल
इस बजट में बताया गया है कि 13 अति उग्रवाद प्रभाव वाले जिलों में विशेष केंद्रीय योजना के तहत सुरक्षा उदेश्य से आकास्मिक प्रकृति की योजनाओं का आखिरी साल है. इस वित्तिय साल के अंत तक जो राशि प्राप्त होगी, उसका व्यय वित्तिय साल 2021- 22 में किया जाएगा. राज्य में उग्रवादी संगठनों से जुड़े युवाओं को मुख्यधारा में जोड़ने और उन्हें विकास के माध्यम से जीवन स्तर में सुधार लाने की प्राथमिकता का जिक्र भी बजट में बताया गया है.

ये भी पढ़ें-झारखंड बजट: ग्रामीण विकास के लिए 12,924 करोड़, 1100 लाख मानव दिवस का होगा सृजन

आपदा में आत्मनिर्भरता पर जोर
झारखंड में राज्य आपदा मोचन बल का गठन अब तक नहीं हो पाया है. ऐसे में आपदा की स्थिति में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) पर निर्भर रहना पड़ता है. बजट में बताया गया है कि एनडीआरएफ की जगह आत्मनिर्भरता की जगह आपदा की परिस्थितियों में एसडीआरएफ को मजबूत किए जाने का लक्ष्य है. वहीं, वज्रपात से होने वाली मौत को रोकने के लिए लोकेशन बेस्ड एसएमएस के माध्यम से आमलोगों को पूर्व सूचना देने की व्यवस्था को सुदृढ किए जाने की बात कही गई है.

रांची: झारखंड सरकार ने अपने बजट में बेहतर पुलिसिंग और आपदा प्रबंधन से निपटने पर विशेष जोर दिया गया है. बजट में गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग को वित्तिय साल 2021- 22 के लिए 476.80 करोड़ रुपए दिए गए हैं. इस बजट में केंद्रीय सेक्टर की स्कीम के लिए 237.65 करोड़, केंद्र प्रायोजित योजना के लिए 11.65 करोड़ और राज्य योजना के लिए 227.50 करोड़ रुपये आवंटित किए जाने का प्रस्ताव है.


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112 डायल बनेगा कारगर
राज्य सरकार के बजट के अनुसार, राज्य में बेहतर विधि व्यवस्था संसाधन के लिए इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम 112 को पूरी तरह चालू कर लिया गया है. इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम में पुलिस की आपातकालीन सेवा 100 डायल, अग्निशमन के लिए 101, एंबुलेंस के लिए 108 को एकीकृत कर एकमात्र सेवा 112 चालू की जाएगी. गौरतलब है कि 112 सेवा 2020 में ही अक्टूबर महीनें तक चालू हो जानी थी. इसमें कुछ और कार्य बाकी है. इसे जल्द से जल्द पूरा करने का काम किया जा रहा है.


आकास्मिक प्रकृति योजनाओं का आखिरी साल
इस बजट में बताया गया है कि 13 अति उग्रवाद प्रभाव वाले जिलों में विशेष केंद्रीय योजना के तहत सुरक्षा उदेश्य से आकास्मिक प्रकृति की योजनाओं का आखिरी साल है. इस वित्तिय साल के अंत तक जो राशि प्राप्त होगी, उसका व्यय वित्तिय साल 2021- 22 में किया जाएगा. राज्य में उग्रवादी संगठनों से जुड़े युवाओं को मुख्यधारा में जोड़ने और उन्हें विकास के माध्यम से जीवन स्तर में सुधार लाने की प्राथमिकता का जिक्र भी बजट में बताया गया है.

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आपदा में आत्मनिर्भरता पर जोर
झारखंड में राज्य आपदा मोचन बल का गठन अब तक नहीं हो पाया है. ऐसे में आपदा की स्थिति में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) पर निर्भर रहना पड़ता है. बजट में बताया गया है कि एनडीआरएफ की जगह आत्मनिर्भरता की जगह आपदा की परिस्थितियों में एसडीआरएफ को मजबूत किए जाने का लक्ष्य है. वहीं, वज्रपात से होने वाली मौत को रोकने के लिए लोकेशन बेस्ड एसएमएस के माध्यम से आमलोगों को पूर्व सूचना देने की व्यवस्था को सुदृढ किए जाने की बात कही गई है.

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