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धनबाद से आमरण अनशन करने रांची पहुंचा कांग्रेस नेताओं का जत्था, जानिए फिर क्या हुआ - Dhanbad congress leaders reached ranchi

धनबाद के कांग्रेस नेताओं का एक गुट अनशन करने रांची के कांग्रेस भवन पहुंच गया. जैसे ही उनके पहुंचने की खबर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष को मिली, वे तुरंत प्रदेश कार्यालय पहुंचे और अनशन कर रहे नेताओं को समझाने की कोशिश की.

Demand of open Dhanbad District Congress Office
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Published : Aug 21, 2023, 9:00 PM IST

देखें पूरी खबर

रांची: धनबाद कांग्रेस के नाराज नेता सोमवार को रांची स्थित प्रदेश कांग्रेस कार्यालय पहुंचे गए. वे आमरण अनशन करते रांची पहुंचे थे. लेकिन इसके बारे में सूचना मिलते ही कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर कांग्रेस भवन पहुंचे और अनशन शुरू होने के पहले ही सभी नेताओं को अपने कक्ष में बुलाया और उनसे बात कर उनकी नाराजगी दूर की.

यह भी पढ़ें: Ranchi News: हेमंत सोरेन सरकार में शामिल कांग्रेस कोटे के चारों मंत्रियों की बैठक, जानिए क्या रहेगा खास

दरअसल, धनबाद जिला कांग्रेस कार्यालय को खुलवाने का मामला लेकर जिले के कांग्रेस नेताओं का जत्था आमरण अनशन करने रांची पहुंचा था. जिसके बाद प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने उन्हें कार्यालय खुलवाने का आश्वासन देकर उनका अनशन स्थगित कराया. इस दौरान राजेश ठाकुर ने माना कि 2011 से बंद धनबाद जिला कांग्रेस कार्यालय भवन को खुलवाने का पहले गंभीर प्रयास नहीं किया गया था. उन्होंने भरोसा दिलाया कि जल्द कांग्रेस का धनबाद जिला कार्यालय खुल जायेगा और वहीं से रांची जिला कांग्रेस कार्यक्रम संचालित करेगी.

2011 में सील कर दिया गया था जिला कांग्रेस कार्यालय: प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के आश्वासन पर प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आमरण अनशन को स्थगित करने की घोषणा करते हुए एससी झा ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष ने मामले की विस्तार से अद्यतन जानकारी दी है. उन्होंने आश्वासन भी दिया है कि जल्द ही धनबाद जिला कांग्रेस कार्यालय वहां काम करना शुरू कर देगा.

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा के शासनकाल में 2011 में राजनीतिक प्रतिद्वंदिता की वजह से जिला कांग्रेस का कार्यालय सील कर दिया गया था. उन्होंने बताया कि कार्यालय विधिक रूप से लीज पर लिया गया था. 1958 से वहां जिला कांग्रेस और इंटक की कोल मजदूर यूनियन RCMS संघ चल रहा था. लेकिन लीज समाप्त होने का हवाला देकर धनबाद जिला कांग्रेस कार्यालय को बंद कराया गया था. उन्होंने बताया कि कुछ सालों को छोड़ दें तो हर साल पार्टी 34 हजार रुपये सालाना लीज रेंट भी देती थी.

'आश्वासन के बाद उम्मीद बढ़ी है': प्रदेश अध्यक्ष से मुलाकात के बाद एससी झा ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष के आश्वासन से उम्मीद बढ़ी है. वह आमरण अनशन को स्थगित करते हैं. वहीं एससी झा ने कहा कि इस मामले में जिलाध्यक्ष संतोष सिंह ने धमकी भी दी थी, जिसे लेकर सनहा चिगुंडा थाने में दर्ज करा दी गई है.

प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे ने भी जब राज्य का प्रभार संभाला था. तब उन्होंने जल्द धनबाद जिले के कांग्रेस कार्यालय को खुलवाने का वादा किया था. लेकिन अभी तक जब यह नहीं खुला, तब कांग्रेस नेताओं का एक गुट अनशन करने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय पहुंच गया. धनबाद के वर्तमान जिलाध्यक्ष नहीं चाहते थे कि जिला का मामला मुख्यालय पहुंचें. इसलिए जिला कांग्रेस भी गुटों में बंट गया.

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रांची: धनबाद कांग्रेस के नाराज नेता सोमवार को रांची स्थित प्रदेश कांग्रेस कार्यालय पहुंचे गए. वे आमरण अनशन करते रांची पहुंचे थे. लेकिन इसके बारे में सूचना मिलते ही कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर कांग्रेस भवन पहुंचे और अनशन शुरू होने के पहले ही सभी नेताओं को अपने कक्ष में बुलाया और उनसे बात कर उनकी नाराजगी दूर की.

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दरअसल, धनबाद जिला कांग्रेस कार्यालय को खुलवाने का मामला लेकर जिले के कांग्रेस नेताओं का जत्था आमरण अनशन करने रांची पहुंचा था. जिसके बाद प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने उन्हें कार्यालय खुलवाने का आश्वासन देकर उनका अनशन स्थगित कराया. इस दौरान राजेश ठाकुर ने माना कि 2011 से बंद धनबाद जिला कांग्रेस कार्यालय भवन को खुलवाने का पहले गंभीर प्रयास नहीं किया गया था. उन्होंने भरोसा दिलाया कि जल्द कांग्रेस का धनबाद जिला कार्यालय खुल जायेगा और वहीं से रांची जिला कांग्रेस कार्यक्रम संचालित करेगी.

2011 में सील कर दिया गया था जिला कांग्रेस कार्यालय: प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के आश्वासन पर प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आमरण अनशन को स्थगित करने की घोषणा करते हुए एससी झा ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष ने मामले की विस्तार से अद्यतन जानकारी दी है. उन्होंने आश्वासन भी दिया है कि जल्द ही धनबाद जिला कांग्रेस कार्यालय वहां काम करना शुरू कर देगा.

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा के शासनकाल में 2011 में राजनीतिक प्रतिद्वंदिता की वजह से जिला कांग्रेस का कार्यालय सील कर दिया गया था. उन्होंने बताया कि कार्यालय विधिक रूप से लीज पर लिया गया था. 1958 से वहां जिला कांग्रेस और इंटक की कोल मजदूर यूनियन RCMS संघ चल रहा था. लेकिन लीज समाप्त होने का हवाला देकर धनबाद जिला कांग्रेस कार्यालय को बंद कराया गया था. उन्होंने बताया कि कुछ सालों को छोड़ दें तो हर साल पार्टी 34 हजार रुपये सालाना लीज रेंट भी देती थी.

'आश्वासन के बाद उम्मीद बढ़ी है': प्रदेश अध्यक्ष से मुलाकात के बाद एससी झा ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष के आश्वासन से उम्मीद बढ़ी है. वह आमरण अनशन को स्थगित करते हैं. वहीं एससी झा ने कहा कि इस मामले में जिलाध्यक्ष संतोष सिंह ने धमकी भी दी थी, जिसे लेकर सनहा चिगुंडा थाने में दर्ज करा दी गई है.

प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे ने भी जब राज्य का प्रभार संभाला था. तब उन्होंने जल्द धनबाद जिले के कांग्रेस कार्यालय को खुलवाने का वादा किया था. लेकिन अभी तक जब यह नहीं खुला, तब कांग्रेस नेताओं का एक गुट अनशन करने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय पहुंच गया. धनबाद के वर्तमान जिलाध्यक्ष नहीं चाहते थे कि जिला का मामला मुख्यालय पहुंचें. इसलिए जिला कांग्रेस भी गुटों में बंट गया.

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