रांची: राज्य में डेंगू का प्रकोप लगातार जारी है. रांची में भी डेंगू के मरीजों में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है. राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स के डेंगू वार्ड में मरीजों की संख्या 26 हो गई है. स्वास्थ्य विभाग ने राज्य के सभी सिविल सर्जन को आदेश जारी किया है कि डेंगू के मरीजों की पहचान कर उसका सही उपचार करने के लिए कदम उठाए जाए. डेंगू मादा एडीज इजिप्टी मच्छर के काटने से होता है. इन मच्छरों के शरीर पर चीते जैसे धारियां होती है और यह मच्छर खासकर सुबह में काटते हैं.
डेंगू वार्ड में मरीजों का इलाज कर रहे वरिष्ठ चिकित्सक डॉ विद्यापति ने बताया कि रांची में बारिश के समाप्ति के बाद वायरल मरीजों की संख्या बढ़ जाती है. खासकर डेंगू के मरीज ज्यादा पाए जाते हैं, क्योंकि बारिश के बाद गड्ढों में बारिश का पानी जम जाता है. जहां डेंगू मच्छर के पनपने की संभावना ज्यादा होती है. वहीं, उन्होंने बताया कि डेंगू के लक्षण का पता चलते ही मरीजों को तुरंत डॉक्टरों के पास सलाह लेने के लिए पहुंचना चाहिए, ताकि जल्द से जल्द मरीज स्वस्थ्य हो सके.
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डेंगू के लक्षण
- ठंड लगने के बाद अचानक तेज बुखार आना
- मांस पेशियों और जोड़ में दर्द होना बहुत ज्यादा कमजोरी होना भूख ना लगना
- गर्दन और छाती पर लाल गुलाबी रंग के दाग आना
इस साल अब तक कुल रांची में डेंगू के 84 मरीज पाए गए हैं. फिलहाल रिम्स में बोकारो, पलामू, गुमला, सहित अन्य जिलों के कुल 26 मरीज भर्ती हैं. रिम्स में इलाज करा रहे मरीजों का भी कहना है कि रिम्स के डेंगू वार्ड में व्यवस्था मुहैया जरूर कराई गई है, लेकिन कर्मचारियों की लापरवाही की वजह से मरीजों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.