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अबतक कोविड ड्यूटी में शिक्षक, कैसे होगी पढ़ाई और परीक्षा की तैयारी!

कोरोना महामारी को देखते हुए राज्य के सैकड़ों शिक्षकों को कोविड ड्यूटी (Teachers engaged in Covid-19 Duty in Jharkhand) में लगाया गया था. लेकिन शिक्षा विभाग और उपायुक्त के निर्देश के बाद भी अब तक इन शिक्षकों को रिलीज नहीं किया गया है. मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षा को देखते हुए विभिन्न शिक्षक संघ कोविड ड्यूटी में लगे शिक्षकों को रिलीज करने की मांग कर रहे हैं.

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Published : Feb 14, 2022, 12:21 PM IST

रांची: कोरोना महामारी को देखते हुए झारखंड के सैकड़ों शिक्षकों को कोविड ड्यूटी (Teachers engaged in Covid-19 Duty in Jharkhand) में लगाया गया था. लेकिन शिक्षा विभाग और उपायुक्त के निर्देश के बाद भी अब तक इन शिक्षकों को रिलीज नहीं किया गया है. इससे स्कूल प्रबंधकों की परेशानियां बढ़ गई हैं. मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षा को देखते हुए विभिन्न शिक्षक संघ कोविड ड्यूटी में लगे शिक्षकों को रिलीज करने की मांग कर रहे हैं.

इसे भी पढ़ें: 10-12वीं की ऑफलाइन बोर्ड परीक्षा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका



रिलीज करने का निर्देश जारी: कोरोना के शुरुआती दौर से ही इस महामारी से लड़ने के लिए विभिन्न विभागों के साथ-साथ शिक्षा विभाग के कर्मचारियों और शिक्षकों को भी कोविड ड्यूटी में नियुक्त किया गया था. पिछले 2 वर्षों से ऐसे कई शिक्षक हैं, जो पठन-पाठन को छोड़कर कोविड ड्यूटी से जुड़े तमाम काम कर रहे हैं. बार-बार इन्हें रिलीज करने की मांग की जा रही है. हालांकि, शिक्षा विभाग और उपायुक्त स्तर पर इन्हें रिलीज करने का निर्देश भी जारी हुआ है. लेकिन इसकी फाइल अभी भी सिविल सर्जन कार्यालय से उपायुक्त कार्यालय तक चक्कर काट रही है.

देखें पूरी खबर

मामले को लेकर सिविल सर्जन कार्यालय से भी संपर्क साधा गया, लेकिन उन्होंने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया. दूसरी ओर डीसी कार्यालय से जानकारी मिली है कि इन शिक्षकों को रिलीज करने के लिए पत्र जारी कर दिया गया है. लगातार दो सालों से शिक्षकों को कोविड ड्यूटी देना और अबतक इन्हें ड्यूटी से मुक्त नहीं करना, मामला काफी गंभीर है, लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. इस बाबत माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष गंगा प्रसाद ने सवाल खड़ा किया है. उनकी माने तो विभाग विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है.

परीक्षाएं और रिजल्ट होगी प्रभावित: इस ओर जल्द से जल्द ध्यान देने की जरूरत है नहीं तो मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षा और उसका रिजल्ट भी प्रभावित होगा. इन परीक्षाओं को लेकर 2 महीने ही शेष बचे हैं और अभी भी सिलेबस कुछ विषयों का कंप्लीट नहीं हुआ है, जो शिक्षक सिलेबस कंप्लीट करवाएंगे वह शिक्षक स्कूल ड्यूटी में है ही नहीं. मामला काफी गंभीर है शिक्षा विभाग जल्द से जल्द इस ओर ध्यान दें नहीं तो स्थिति और खराब होगी.

शिक्षक स्थानांतरित संशोधित नियमावली कार्मिक विभाग के पास: इधर शिक्षक स्थानांतरण संशोधित नियमावली एक बार फिर कार्मिक विभाग को सहमति के लिए भेजी गई है. जानकारी मिली है कि राज्य के सरकारी स्कूलों के पुरुष शिक्षकों का गृह जिलों में तबादला नहीं हो सकेगा. नियमावली के तहत तबादले का मौका सिर्फ पति-पत्नी, महिला, दिव्यांग और असाध्य रोग से पीड़ित शिक्षकों को ही मिल सकेगा. यह प्रावधान शिक्षक स्थानांतरण संशोधित नियमावली में किया गया है. मामले को लेकर झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ से जुड़े लोगों का कहना है कि यह अवसर सभी को देना चाहिए था. संशोधित नियमावली इसीलिए बनाई गई थी, लेकिन इसमें भी सरकार अड़चन लगा रही है.


रांची: कोरोना महामारी को देखते हुए झारखंड के सैकड़ों शिक्षकों को कोविड ड्यूटी (Teachers engaged in Covid-19 Duty in Jharkhand) में लगाया गया था. लेकिन शिक्षा विभाग और उपायुक्त के निर्देश के बाद भी अब तक इन शिक्षकों को रिलीज नहीं किया गया है. इससे स्कूल प्रबंधकों की परेशानियां बढ़ गई हैं. मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षा को देखते हुए विभिन्न शिक्षक संघ कोविड ड्यूटी में लगे शिक्षकों को रिलीज करने की मांग कर रहे हैं.

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रिलीज करने का निर्देश जारी: कोरोना के शुरुआती दौर से ही इस महामारी से लड़ने के लिए विभिन्न विभागों के साथ-साथ शिक्षा विभाग के कर्मचारियों और शिक्षकों को भी कोविड ड्यूटी में नियुक्त किया गया था. पिछले 2 वर्षों से ऐसे कई शिक्षक हैं, जो पठन-पाठन को छोड़कर कोविड ड्यूटी से जुड़े तमाम काम कर रहे हैं. बार-बार इन्हें रिलीज करने की मांग की जा रही है. हालांकि, शिक्षा विभाग और उपायुक्त स्तर पर इन्हें रिलीज करने का निर्देश भी जारी हुआ है. लेकिन इसकी फाइल अभी भी सिविल सर्जन कार्यालय से उपायुक्त कार्यालय तक चक्कर काट रही है.

देखें पूरी खबर

मामले को लेकर सिविल सर्जन कार्यालय से भी संपर्क साधा गया, लेकिन उन्होंने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया. दूसरी ओर डीसी कार्यालय से जानकारी मिली है कि इन शिक्षकों को रिलीज करने के लिए पत्र जारी कर दिया गया है. लगातार दो सालों से शिक्षकों को कोविड ड्यूटी देना और अबतक इन्हें ड्यूटी से मुक्त नहीं करना, मामला काफी गंभीर है, लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. इस बाबत माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष गंगा प्रसाद ने सवाल खड़ा किया है. उनकी माने तो विभाग विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है.

परीक्षाएं और रिजल्ट होगी प्रभावित: इस ओर जल्द से जल्द ध्यान देने की जरूरत है नहीं तो मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षा और उसका रिजल्ट भी प्रभावित होगा. इन परीक्षाओं को लेकर 2 महीने ही शेष बचे हैं और अभी भी सिलेबस कुछ विषयों का कंप्लीट नहीं हुआ है, जो शिक्षक सिलेबस कंप्लीट करवाएंगे वह शिक्षक स्कूल ड्यूटी में है ही नहीं. मामला काफी गंभीर है शिक्षा विभाग जल्द से जल्द इस ओर ध्यान दें नहीं तो स्थिति और खराब होगी.

शिक्षक स्थानांतरित संशोधित नियमावली कार्मिक विभाग के पास: इधर शिक्षक स्थानांतरण संशोधित नियमावली एक बार फिर कार्मिक विभाग को सहमति के लिए भेजी गई है. जानकारी मिली है कि राज्य के सरकारी स्कूलों के पुरुष शिक्षकों का गृह जिलों में तबादला नहीं हो सकेगा. नियमावली के तहत तबादले का मौका सिर्फ पति-पत्नी, महिला, दिव्यांग और असाध्य रोग से पीड़ित शिक्षकों को ही मिल सकेगा. यह प्रावधान शिक्षक स्थानांतरण संशोधित नियमावली में किया गया है. मामले को लेकर झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ से जुड़े लोगों का कहना है कि यह अवसर सभी को देना चाहिए था. संशोधित नियमावली इसीलिए बनाई गई थी, लेकिन इसमें भी सरकार अड़चन लगा रही है.


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