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एडवोकेट एसोसिएशन ने की मांग, कार्यालय की तर्ज पर खुले झारखंड हाई कोर्ट - झारखंड एडवोकेट एसोसिएशन

कोरोना वायरस के संकट को देखते हुए हाई कोर्ट ने राज्य के सभी जिले के सिविल कोर्ट से ही सीधे हाई कोर्ट में याचिका दायर करने की छूट दी है. कोर्ट ने 3 महीने तक के लिए यह छूट दी है, इधर इस आदेश से हाई कोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन के अधिवक्ता नाखुश हैं. इस आदेश से हाई कोर्ट के अधिवक्ता के समक्ष संकट की स्थिति उत्पन्न हो जाएगी. इसको लेकर अधिवक्ताओं ने रजिस्ट्रार जनरल से मुलाकात की है.

Demand to open Jharkhand High Court on lines of office
झारखंड हाई कोर्ट
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Published : May 15, 2020, 2:37 PM IST

रांची: झारखंड के किसी भी जिले से केस दायर करने के फैसले से हाई कोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन के अधिवक्ता नाखुश दिखे. वो हाई कोर्ट में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए अदालत को खोलने की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि जिस तरह से कार्यालय चलाया जा रहा है. उसी तरह से कोर्ट रूम में भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए कोर्ट चलाया जाए.

देखें पूरी खबर
कोरोना वायरस के संकट को देखते हुए हाई कोर्ट ने राज्य के सभी जिले के सिविल कोर्ट से ही सीधे हाई कोर्ट में याचिका दायर करने की छूट दी है. कोर्ट ने 3 महीने तक के लिए यह छूट दी है. इधर इस आदेश से हाई कोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन के अधिवक्ता नाखुश हैं. उन्होंने बताया कि इस आदेश से हाई कोर्ट के अधिवक्ता के समक्ष संकट की स्थिति उत्पन्न हो जाएगी. इसी को देखते हुए इस आदेश में बदलाव की मांग को लेकर झारखंड एडवोकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष रितु कुमार अपने प्रतिनिधियों के साथ रजिस्ट्रार जनरल अंबुज नाथ से मिलने भी पहुंचे थे. रितु कुमार अपनी दुखद स्थिति से अवगत कराने के लिए रजिस्ट्रार जनरल के पास पहुंचे थे, लेकिन न्यायाधीश अनिल कुमार चौधरी की माता के निधन के कारण वे नहीं मिल सके. अब शनिवार को एसोसिएशन के सभी सदस्य फिर से मिलने जाएंगे.बता दें कि झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के आदेश पर रजिस्ट्रार अंबुज नाथ ने अधिसूचना जारी कर राज्य के सभी जिले के सिविल कोर्ट से सीधे ई फाइलिंग के माध्यम से केस दायर करने का आदेश दिया है. कोर्ट में याचिका दायर करने के लिए 3 महीने तक की छूट दी है. इसी छूट में एडवोकेट एसोसिएशन की ओर से बदलाव करने की मांग की गई है.

रांची: झारखंड के किसी भी जिले से केस दायर करने के फैसले से हाई कोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन के अधिवक्ता नाखुश दिखे. वो हाई कोर्ट में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए अदालत को खोलने की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि जिस तरह से कार्यालय चलाया जा रहा है. उसी तरह से कोर्ट रूम में भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए कोर्ट चलाया जाए.

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कोरोना वायरस के संकट को देखते हुए हाई कोर्ट ने राज्य के सभी जिले के सिविल कोर्ट से ही सीधे हाई कोर्ट में याचिका दायर करने की छूट दी है. कोर्ट ने 3 महीने तक के लिए यह छूट दी है. इधर इस आदेश से हाई कोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन के अधिवक्ता नाखुश हैं. उन्होंने बताया कि इस आदेश से हाई कोर्ट के अधिवक्ता के समक्ष संकट की स्थिति उत्पन्न हो जाएगी. इसी को देखते हुए इस आदेश में बदलाव की मांग को लेकर झारखंड एडवोकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष रितु कुमार अपने प्रतिनिधियों के साथ रजिस्ट्रार जनरल अंबुज नाथ से मिलने भी पहुंचे थे. रितु कुमार अपनी दुखद स्थिति से अवगत कराने के लिए रजिस्ट्रार जनरल के पास पहुंचे थे, लेकिन न्यायाधीश अनिल कुमार चौधरी की माता के निधन के कारण वे नहीं मिल सके. अब शनिवार को एसोसिएशन के सभी सदस्य फिर से मिलने जाएंगे.बता दें कि झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के आदेश पर रजिस्ट्रार अंबुज नाथ ने अधिसूचना जारी कर राज्य के सभी जिले के सिविल कोर्ट से सीधे ई फाइलिंग के माध्यम से केस दायर करने का आदेश दिया है. कोर्ट में याचिका दायर करने के लिए 3 महीने तक की छूट दी है. इसी छूट में एडवोकेट एसोसिएशन की ओर से बदलाव करने की मांग की गई है.
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