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बिहार की तर्ज पर झारखंड में भी जातीय जनगणना कराने की राजद ने आवाज की बुलंद, दुविधा में कांग्रेस-झामुमो!

बिहार की तर्ज पर झारखंड में जातीय जनगणना (Caste Census in Jharkhand) कराने की मांग उठने लगी है. आरजेडी के नेता हेमंत सरकार से जातीय जनगणना कराने की मांग कर रहे हैं वहीं जेएमएम और कांग्रेस का स्टैंड क्लियर नहीं है.

Demand for Caste Census in Jharkhand
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Published : Jan 9, 2023, 4:31 PM IST

Updated : Jan 9, 2023, 8:23 PM IST

नेताओं के बयान

रांची: बिहार में राज्य स्तर पर जातीय जनगणना शुरू होने के बाद अब राष्ट्रीय जनता दल ने झारखंड में जातीय जनगणना (Caste Census in Jharkhand) कराने के लिए सरकार पर दवाब बनाना शुरू कर दिया है. झारखंड राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश उपाध्यक्ष राजेश यादव ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से यह मांग कर दी है कि राज्य की अनुमानित 52-55% ओबीसी आबादी की इच्छा के अनुरूप राज्य में जातीय जनगणना कराई जाए और मुख्यमंत्री खुद इसकी घोषणा करें.

ये भी पढ़ें- बिहार की तरह झारखंड में भी हो जातीय जनगणना, OBC को भी मिले न्याय: अंबा प्रसाद

सरकार में शामिल राष्ट्रीय जनता दल द्वारा जातीय जनगणना की मांग तेज कर देने से झारखंड मुक्ति मोर्चा और झारखंड कांग्रेस के नेता असमंजस की स्थिति में दिख रहे हैं. झारखंड कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर इस मुद्दे पर सिर्फ इतना कह पाते हैं कि हमलोगों ने भी पहले इस मुद्दे पर कहा था अब आगे चर्चा करने के बाद ही कुछ कह पाने की स्थिति में होंगे तो हर मुद्दे पर बढ़-चढ़कर बोलने वाले झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता सुप्रियो भट्टाचार्या ने कहा कि जातीय जनगणना का क्या प्रैक्टिकल अप्रोच है उसकी स्टडी करने की जरूरत है. इस पर पार्टी का अभी कोई स्टैंड क्लियर नहीं है. वहीं भारतीय कम्युनिष्ट पार्टी के नेता अजय सिंह ने जातीय जनगणना के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाकर जल्द निर्णय लेने की मांग सरकार से की है.

बिहार में जातीय जनगणना एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन गया था तथा विधानसभा से सर्वसम्मति से जातीय जनगणना कराने की मांग केंद्र से की गई थी. बिहार में भी राष्ट्रीय जनता दल जातीय जनगणना को लेकर काफी मुखर रहा था और अब उसने झारखंड में भी इसकी मांग तेज कर दी है. राजद के नेताओं ने कहा कि आखिर जिसके कल्याण के लिए सरकार योजनाएं बनाती हैं और बजटीय प्रावधान करती हैं. उनकी कुल संख्या कितनी है, उनकी आर्थिक, शैक्षणिक स्थिति कैसी है इसकी जानकारी तो होना ही चाहिए और इसलिए राष्ट्रीय जनता दल बिहार के तर्ज पर राज्य में जातीय जनगणना की बात मांग राज्य की हेमंत सोरेन सरकार से कर रही है.

राज्य के अनेक ओबीसी संगठन पहले से ही राज्य में जातीय जनगणना की मांग करते रहे हैं और अब राष्ट्रीय जनता दल द्वारा इस मांग को प्रमुखता से उठाने और लेफ्ट की पार्टी सीपीआई द्वारा सर्वदलीय बैठक बुलाए जाने की मांग के बाद झारखंड में भी इसपर राजनीति गर्माने की संभावना तेज हो गयी है.



बिहार में शनिवार 07 जनवरी से जातीय जनगणना (Caste Census in Bihar) की शुरुआत हो गई है जो दो चरणों में किए जाएंगे. पहले चरण में 07 जनवरी से 21 जनवरी तक मकानों की गिनती होगी. वहीं दूसरे चरण में 01 अप्रैल से 30 अप्रैल तक जनगणना के तहत जाति, स्किल एवं अन्य जानकारियां एकत्रित की जाएगी. अब बिहार के तर्ज पर ही झारखंड में भी राजद ने जातीय जनगणना कराने की मांग तेज कर राज्य की पिछड़ी जातियों के बीच अपने खोए जनाधार को बढ़ाने की कोशिश शुरू कर दी है.

नेताओं के बयान

रांची: बिहार में राज्य स्तर पर जातीय जनगणना शुरू होने के बाद अब राष्ट्रीय जनता दल ने झारखंड में जातीय जनगणना (Caste Census in Jharkhand) कराने के लिए सरकार पर दवाब बनाना शुरू कर दिया है. झारखंड राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश उपाध्यक्ष राजेश यादव ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से यह मांग कर दी है कि राज्य की अनुमानित 52-55% ओबीसी आबादी की इच्छा के अनुरूप राज्य में जातीय जनगणना कराई जाए और मुख्यमंत्री खुद इसकी घोषणा करें.

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सरकार में शामिल राष्ट्रीय जनता दल द्वारा जातीय जनगणना की मांग तेज कर देने से झारखंड मुक्ति मोर्चा और झारखंड कांग्रेस के नेता असमंजस की स्थिति में दिख रहे हैं. झारखंड कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर इस मुद्दे पर सिर्फ इतना कह पाते हैं कि हमलोगों ने भी पहले इस मुद्दे पर कहा था अब आगे चर्चा करने के बाद ही कुछ कह पाने की स्थिति में होंगे तो हर मुद्दे पर बढ़-चढ़कर बोलने वाले झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता सुप्रियो भट्टाचार्या ने कहा कि जातीय जनगणना का क्या प्रैक्टिकल अप्रोच है उसकी स्टडी करने की जरूरत है. इस पर पार्टी का अभी कोई स्टैंड क्लियर नहीं है. वहीं भारतीय कम्युनिष्ट पार्टी के नेता अजय सिंह ने जातीय जनगणना के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाकर जल्द निर्णय लेने की मांग सरकार से की है.

बिहार में जातीय जनगणना एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन गया था तथा विधानसभा से सर्वसम्मति से जातीय जनगणना कराने की मांग केंद्र से की गई थी. बिहार में भी राष्ट्रीय जनता दल जातीय जनगणना को लेकर काफी मुखर रहा था और अब उसने झारखंड में भी इसकी मांग तेज कर दी है. राजद के नेताओं ने कहा कि आखिर जिसके कल्याण के लिए सरकार योजनाएं बनाती हैं और बजटीय प्रावधान करती हैं. उनकी कुल संख्या कितनी है, उनकी आर्थिक, शैक्षणिक स्थिति कैसी है इसकी जानकारी तो होना ही चाहिए और इसलिए राष्ट्रीय जनता दल बिहार के तर्ज पर राज्य में जातीय जनगणना की बात मांग राज्य की हेमंत सोरेन सरकार से कर रही है.

राज्य के अनेक ओबीसी संगठन पहले से ही राज्य में जातीय जनगणना की मांग करते रहे हैं और अब राष्ट्रीय जनता दल द्वारा इस मांग को प्रमुखता से उठाने और लेफ्ट की पार्टी सीपीआई द्वारा सर्वदलीय बैठक बुलाए जाने की मांग के बाद झारखंड में भी इसपर राजनीति गर्माने की संभावना तेज हो गयी है.



बिहार में शनिवार 07 जनवरी से जातीय जनगणना (Caste Census in Bihar) की शुरुआत हो गई है जो दो चरणों में किए जाएंगे. पहले चरण में 07 जनवरी से 21 जनवरी तक मकानों की गिनती होगी. वहीं दूसरे चरण में 01 अप्रैल से 30 अप्रैल तक जनगणना के तहत जाति, स्किल एवं अन्य जानकारियां एकत्रित की जाएगी. अब बिहार के तर्ज पर ही झारखंड में भी राजद ने जातीय जनगणना कराने की मांग तेज कर राज्य की पिछड़ी जातियों के बीच अपने खोए जनाधार को बढ़ाने की कोशिश शुरू कर दी है.

Last Updated : Jan 9, 2023, 8:23 PM IST
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