रांची: दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में वकीलों और पुलिस के बीच हुई हिंसक झड़प का असर रांची में भी देखने को मिल रहा है. बार काउंसिल ऑफ इंडिया और जिला बार एसोसिएशन ने बैठक कर अधिवक्ताओं के साथ किए गए हमले का विरोध किया है. वहीं, वकीलों के लिए एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग की गई. उन्होंने कहा कि यदि यह कानून लागू होता तो यह घटना नहीं होती, साथ ही बैठक में दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई करने की भी मांग की गई.
झारखंड बार काउंसिल के अध्यक्ष अजीत कुमार ने कहा कि दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में जो वकीलों के साथ घटना घटी, वह काफी निंदनीय है. इसको लेकर आज वकीलों ने विरोध करते हुए न्यायिक कार्य से खुद को अलग रखने का निर्णय लिया है. जिला बार एसोसिएशन के सचिव कुंदन प्रकाशन ने कहा कि दिल्ली में ही नहीं बल्कि पूरे देश भर में वकीलों के साथ पुलिस इस तरह की बर्बरता कर रही है.
ये भी देखें- गायक दिवस नायक का जगह-जगह हुआ स्वागत, निजी चैनल में गायकी के बाद सुर्खियों में आए थे दिवस
इस तरह की घटना फिर से हुई तो आगे चलकर इससे भी ज्यादा अधिवक्ताओं का विरोध होगा. वहीं, झारखंड हाई कोर्ट और रांची सिविल कोर्ट के अधिवक्ताओं के न्यायिक कार्यों से खुद को दूर रखने के कारण सोमवार को न्यायालय में कोई भी न्यायिक कार्य नहीं हो सका.
ये भी देखें- AJSU में शामिल होंगे MLA कुशवाहा शिवपूजन मेहता, हो सकते हैं NDA के प्रत्याशी
क्या है मामला
दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में गाड़ी पार्किंग को लेकर पुलिस और वकीलों के बीच विवाद उत्पन्न हो गया था. जिसके बाद कोर्ट परिसर में पुलिस और अधिवक्ताओं के बीच जमकर झड़प हुई. इस झड़प में कई अधिवक्ता गंभीर रूप से घायल हो गए हैं. देखते-देखते बड़ी संख्या में वकील परिसर में जमा हो गए. हंगामे के दौरान कई गाड़ियों को तोड़ा भी गया. साथ ही कई गाड़ियों को आग के हवाले भी कर दिए गए. अधिवक्ताओं के आक्रोश को शांत करने के लिए पुलिस ने कई राउंड फायरिंग भी जिसमें एक वकील घायल हो गया जिसकी इलजा के दारौन मौत हो गई.