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ये कैसा इंसाफ! रिम्स में कोरोना वॉरियर्स को मिलना था इंसेंटिव, लेकिन कट गई सैलरी - रिम्स

कोरोना काल में रिम्स (RIMS) के कई डॉक्टर और कर्मचारी संक्रमित हो गए थे. इस दौरान वो आइसोलेशन में चले गए थे. जितने दिनों तक संक्रमित डॉक्टर और कर्मचारी अवकाश पर रहे, उतने दिनों की उनकी सैलरी रिम्स प्रबंधन ने काट ली है, जिसके बाद से उनमें काफी नाराजगी है.

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डॉक्टरों की कटी सैलरी
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Published : Jun 18, 2021, 8:50 PM IST

Updated : Jun 19, 2021, 11:26 AM IST

रांची: ग्लोबल महामारी कोरोना के खिलाफ जारी जंग में जिन डॉक्टरों, पारा मेडिकल स्टाफ और नर्सों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योद्धा की उपाधि दी है, जिन्हें वॉरियर्स बताकर झारखंड सरकार के मुखिया हेमंत सोरेन ने एक महीने के वेतन के बराबर प्रोत्साहन राशि देने घोषणा की, वहीं राज्य के ऑटोनॉमस मेडिकल संस्थान रिम्स में कोरोना योद्धाओं की सैलरी काटी जा रही है.

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मरीज का इलाज करते डॉक्टर

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कोरोना संक्रमितों की सेवा करते हुए रिम्स के कई वॉरियर्स संक्रमित हो गए, जिसके बाद वो होम आइसोलेशन में चले गए. इस दौरान जितने दिन वह अवकाश पर रहे, उतने दिनों की सैलरी रिम्स प्रबंधन ने काट ली. रिम्स का वित्तीय अधिकार निदेशक के पास होता है. ऐसे में जब अधीक्षक ने सभी डॉक्टरों और स्टाफ का होम आइसोलेशन काल की छुट्टी ओके कर फाइल बढ़ाई थी, तो फिर किसी का 14 दिन का तो किसी का 21 दिन का वेतन क्यों कट गया? यह अनुमान लगाना मुश्किल नहीं है.

देखें पूरी खबर

रिम्स के कई विभागों के कर्मचारियों की कटी सैलरी
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कोरोना संक्रमण के शिकार हुए दर्जनों डॉक्टर, लैब टेक्नीशियन, नर्सों की कोरोना के चलते ड्यूटी पर नहीं रहने के कारण सैलरी काट ली गई है. रिम्स के कार्डियक थोरेसिक सर्जरी के हेड डॉ अंशुल, उनकी डेंटिस्ट पत्नी डॉ अर्पिता, ब्लड बैंक की हेड डॉ सुषमा, लैब टेक्नीशियन रवि रंजन और सत्यज्योति जैसे कई कर्मचारी हैं, जिन्हें एक महीने की सैलरी इंसेंटिव में मिलना था, लेकिन उनकी कई दिनों की सैलरी काट ली गई है.

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काम करते डॉक्टर


इसे भी पढ़ें: अपनी सुरक्षा के लिए धरने पर बैठे धरती के भगवान! डॉक्टरों ने की CMPA लागू करने की मांग


क्या कहते हैं डॉक्टर्स और कर्मचारी
कोरोना संक्रमित होने की वजह से अवकाश पर रहने वाले डॉक्टर्स और स्टाफ जिनकी सैलरी काटी गई है, वह इसे हतोत्साहित करने वाला और नियम विरुद्ध बता रहे हैं. कर्मचारियों का कहना है कि केंद्र सरकार का निर्देश है कि कोरोना का शिकार होकर अवकाश पर रहने वालों की सैलरी नहीं काटी जाएगी, लेकिन यहां उत्साहित करने की जगह हतोत्साहित किया जा रहा है.



रिम्स प्रबंंधन ने क्या कहा
पूरे कोरोना काल में जिन्होंने वॉरियर्स की भूमिका निभाई, वह जब खुद कोरोना संक्रमित हो गए तो उनकी ही सैलरी क्यों काट ली गई और वह भी तब जब अधीक्षक ने अपनी सहमति के साथ अटेंडेंस रजिस्टर को निदेशक के यहां भेज दिया था? इस सवाल पर रिम्स के जनसम्पर्क अधिकारी और अधीक्षक ने कहा कि लेखा अधिकारी के स्तर पर यह हुआ होगा. इस सवाल का जवाब उन अधिकारियों के पास भी नहीं था. जब रिम्स अधीक्षक ने फाइल ओके कर बढ़ाई थी, तब क्यों सैलरी काटी गई. जबकि कई कर्मचारियों ने तो यहां तक कहा कि कोरोना संक्रमित होने और नेगेटिव होने दोनों की जानकारी प्रबंधन को दी गई थी.

इसे भी पढ़ें: पीएम मोदी ने की फ्रंटलाइन वॉरियर के लिए क्रैश कोर्स की शुरुआत

होल्ड पर रखी गई है सैलरी: जनसंपर्क अधिकारी

रिम्स के जनसंपर्क अधिकारी डॉ डीके सिन्हा कहते हैं कि सैलरी काटी नहीं गई है, बल्कि होल्ड पर रखी गई है. जबकि हकीकत यह है कि कई दिनों की राशि काट कर सैलरी भुगतान किया गया है.

रांची: ग्लोबल महामारी कोरोना के खिलाफ जारी जंग में जिन डॉक्टरों, पारा मेडिकल स्टाफ और नर्सों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योद्धा की उपाधि दी है, जिन्हें वॉरियर्स बताकर झारखंड सरकार के मुखिया हेमंत सोरेन ने एक महीने के वेतन के बराबर प्रोत्साहन राशि देने घोषणा की, वहीं राज्य के ऑटोनॉमस मेडिकल संस्थान रिम्स में कोरोना योद्धाओं की सैलरी काटी जा रही है.

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रिम्स के कई विभागों के कर्मचारियों की कटी सैलरी
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कोरोना संक्रमण के शिकार हुए दर्जनों डॉक्टर, लैब टेक्नीशियन, नर्सों की कोरोना के चलते ड्यूटी पर नहीं रहने के कारण सैलरी काट ली गई है. रिम्स के कार्डियक थोरेसिक सर्जरी के हेड डॉ अंशुल, उनकी डेंटिस्ट पत्नी डॉ अर्पिता, ब्लड बैंक की हेड डॉ सुषमा, लैब टेक्नीशियन रवि रंजन और सत्यज्योति जैसे कई कर्मचारी हैं, जिन्हें एक महीने की सैलरी इंसेंटिव में मिलना था, लेकिन उनकी कई दिनों की सैलरी काट ली गई है.

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रिम्स प्रबंंधन ने क्या कहा
पूरे कोरोना काल में जिन्होंने वॉरियर्स की भूमिका निभाई, वह जब खुद कोरोना संक्रमित हो गए तो उनकी ही सैलरी क्यों काट ली गई और वह भी तब जब अधीक्षक ने अपनी सहमति के साथ अटेंडेंस रजिस्टर को निदेशक के यहां भेज दिया था? इस सवाल पर रिम्स के जनसम्पर्क अधिकारी और अधीक्षक ने कहा कि लेखा अधिकारी के स्तर पर यह हुआ होगा. इस सवाल का जवाब उन अधिकारियों के पास भी नहीं था. जब रिम्स अधीक्षक ने फाइल ओके कर बढ़ाई थी, तब क्यों सैलरी काटी गई. जबकि कई कर्मचारियों ने तो यहां तक कहा कि कोरोना संक्रमित होने और नेगेटिव होने दोनों की जानकारी प्रबंधन को दी गई थी.

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होल्ड पर रखी गई है सैलरी: जनसंपर्क अधिकारी

रिम्स के जनसंपर्क अधिकारी डॉ डीके सिन्हा कहते हैं कि सैलरी काटी नहीं गई है, बल्कि होल्ड पर रखी गई है. जबकि हकीकत यह है कि कई दिनों की राशि काट कर सैलरी भुगतान किया गया है.

Last Updated : Jun 19, 2021, 11:26 AM IST
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