रांचीः भाषा विवाद और स्थानीयता को परिभाषित करने की मांग को लेकर आजसू 7 मार्च को विधानसभा का घेराव करेगी. शुक्रवार को आजसू प्रमुख सुदेश महतो ने पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक कर आंदोलन की रूपरेखा तय की.
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आजसू के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश कुमार महतो ने कहा कि राज्य के नीतिगत निर्णय में झारखंडी भावना और आम अवाम की भागीदारी को कोई जगह नहीं मिल रही है. राज्य की स्थिति ऐसी हो गई है मानो सत्ता और सिस्टम झारखंड के मालिक बन बैठे हैं. जनादेश का हर मोड़ पर अपमान हो रहा है और संसाधनों की चौतरफा लूट मची हुई है. आजसू पार्टी केंद्रीय कार्यालय में सभी जिलों के प्रभारी, प्रवक्ता, कोषाध्यक्ष एवं सोशल मीडिया प्रभारी के साथ बैठक के दौरान सुदेश महतो ने कहा कि झारखंड की चुनौतियां बढ़ गईं हैं और राज्य के लोगों में हताशा है. यह बेहद अफसोस जनक है कि झारखंडी अपनी पहचान की तलाश में सड़कों पर आंदोलन करने को मजबूर हैं.
सुदेश महतो ने कहा कि ऐसे में आजसू पार्टी की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है. हमें मजबूती से सरकार के निर्णय के खिलाफ जनमत को गोलबंद करना होगा. झारखंडी भावना से जुड़े हर आंदोलन की आवाज आजसू बनेगी. सवा दो साल में झामुमो कांग्रेस ने राज्य को जिस मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया है, इससे यह समय चुप बैठने का नहीं है. उन्होंने कहा कि राज्य की मौजूदा स्थिति हमें चुप बैठने की इजाजत नहीं देती. सड़क से सदन तक हम आवाज उठाएंगे और हर जरूरी मुद्दे पर सरकार को रोकेंगे और टोकेंगे.
7 मार्च को विधानसभा घेरावः भाषा एवं स्थानीय नीति को लेकर झारखंड में उपजे असंतोष और जनभावना के मद्देनजर सरकार के निर्णय के खिलाफ 7 मार्च को आजसू पार्टी झारखंड विधानसभा का घेराव करेगी. बैठक में इसे सफल बनाने के लिए पदाधिकारियों से बारी-बारी से चर्चा की गई. इसके अलावे 10 से 15 फरवरी तक सभी विधायकों एवं सांसदों से मिलकर भाषा विवाद पर उनकी राय को जानने का निर्णय लिया गया. बैठक में सुदेश महतो ने कहा कि कार्यकर्ता जनता की हर समस्या पर नजर रखें तथा उन समस्याओं के निदान के लिए शासन और प्रशासन से निवेदन करें और एक निश्चित अवधि में उन समस्याओं का निदान न हो पाए तो फिर आंदोलन करें.
बैठक में मुख्य रूप से आजसू पार्टी के प्रधान महासचिव रामचंद्र सहिस, केंद्रीय महासचिव डॉ. लंबोदर महतो, केंद्रीय उपाध्यक्ष उमाकांत रजक, हसन अंसारी एवं कुशवाहा शिवपूजन मेहता, केंद्रीय महासचिव रोशनलाल चौधरी, केंद्रीय मुख्य प्रवक्ता डॉ. देवशरण भगत, केंद्रीय सचिव माधव चंद्र महतो, दीपक पटेल, गोपीनाथ सिंह, अजय सिंह, सतीश कुमार, मनोज चंद्रा एवं हरेलाल महतो, अनुशासन समिति के अध्यक्ष श्री सुबोध प्रसाद, केंद्रीय प्रवक्ता डॉ. विनय भूषण, अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष राधेश्याम गोस्वामी, केंद्रीय कोषाध्यक्ष नंदू पटेल, महिला संगठन सचिव वर्षा गाड़ी , केंद्रीय कार्यालय सचिव बनमाली मंडल, नईम अंसारी एवं अरविंद सिंह आदि मौजूद थे.