रांची: राजधानी के जगन्नाथपुर थाना क्षेत्र के धोबी घाट मोहल्ले के एक कुएं से स्पेशल ब्रांच में पदस्थापित जमादार बोध नारायण मंडल का शव बरामद किया गया है. बोध नारायण 4 फरवरी से ही लापता थे. आखिरी बार 3 फरवरी को परिजनों से फोन पर उनकी बात हुई थी. पुलिस हत्या और हादसा दोनों पहलुओं पर जांच कर रही है.
बोध नारायण मंडल ने इसी महीने की 1 तारीख को धोबी घाट मोहल्ले में किराए का मकान लिया था. फिलहाल, वह अकेले ही वहां रह रहे थे. उनका पूरा परिवार बिहार के भागलपुर में था. पति के गायब होने की सूचना पाकर बोध नारायण की पत्नी 2 दिन पहले ही रांची आई थी और पति की तलाश में लगी हुई थी. पति की गुमशुदगी को लेकर उन्होंने जगन्नाथपुर थाना में मामला भी दर्ज करवाया था. इसी बीच शुक्रवार को यह सूचना मिली थी कि जिस किराए के मकान में बोध नारायण रहते थे, उसके ठीक बगल वाले कुएं में उनका शव पड़ा हुआ है. कपड़ों से बौद्ध नारायण की पहचान उनकी पत्नी ने की है. बोध नारायण बिहार के भागलपुर के रहने वाले थे और स्पेशल ब्रांच में कार्यरत थे.
ये भी पढ़ें-दुमकाः दोस्त ने ही की अपने दोस्त की हत्या, प्रेमिका के बारे में गलत अफवाह फैलाने से था नाराज
भाई ने कहा किसी से नहीं थी दुश्मनी
बोध नारायण मंडल के भाई विनोद मंडल ने बताया कि 3 फरवरी को आखरी बार भाई से बात हुई थी. 4 फरवरी से उनका फोन बंद था और वह कार्यालय भी नहीं जा रहे थे. कार्यालय नहीं जाने की वजह से पुलिस मुख्यालय स्थित स्पेशल ब्रांच के ऑफिस की ओर से बोध नारायण की पत्नी से संपर्क कर यह बताया गया कि उनके पति कई दिनों से कार्यालय नहीं आ रहे हैं, जिसके बाद पूरा परिवार रांची पहुंचा और बोध नरायण की तलाश में जुटा हुआ था. हालांकि, परिजनों ने बोध नारायण के किसी से भी दुश्मनी होने से इनकार किया है.
जांच में जुटी पुलिस
बोध नारायण का शव जिस कुएं से बरामद किया गया है, वह बहुत ज्यादा गहरा है और उसमें पानी भी नहीं है. आसपास के लोग उसमें घर के नाले से निकलने वाला पानी गिराते हैं. वहीं मामले की जानकारी मिलने के बाद स्पेशल ब्रांच के साथ-साथ जगन्नाथपुर पुलिस भी मौके पर पहुंची और मामले की तफ्तीश में जुटी गई. खबर लिखे जाने तक कुए से बोध नारायण का शव निकाला नहीं जा सका. इसके लिए एनडीआरएफ की मदद ली जा रही है.