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सांसद निशिकांत और देवघर डीसी के बीच का विवाद पहुंचा दिल्ली, कल विशेषाधिकार समिति के सामने पक्ष रखेंगे मंजूनाथ भजंत्री, जानें क्या है पूरा मामला - झारखंड न्यूज

झारखंड के गोड्डा से सांसद निशिकांत दुबे और देवघर डीसी मंजूनाथ भजंत्री के बीच का विवाद दिल्ली पहुंच गया है. गुरुवार को विशेषाधिकार समिति के सामने मंजूनाथ भजंत्री अपना पक्ष रखेंगे. क्या है पूरा मामला जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर.

Nishikant Dubey Manjunath Bhajantri Controversy
Nishikant Dubey Manjunath Bhajantri Controversy
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Published : May 17, 2023, 4:46 PM IST

रांची: देवघर एयरपोर्ट पर नाइट टेकऑफ/लैंडिंग सुविधा नहीं होने के बावजूद शाम 5.30 बजे के बाद चार्टड प्लेन के उड़ान भरने को लेकर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और देवघर के डीसी मंजूनाथ भजंत्री के बीच का विवाद दिल्ली पहुंच गया है. सांसद की शिकायत पर कल यानी 18 मई को देवघर डीसी को लोकसभा की विशेषाधिकार समिति के सामने मौखिक जवाब देना है. देवघर डीसी ने ईटीवी भारत को कंफर्म किया है कि वह 18 मई को दिल्ली जाकर अपना जवाब पेश करेंगे. विशेषाधिकार समिति ने उन्हें 15 मई को नोटिस जारी किया था.

ये भी पढ़ें- देवघर एयरपोर्ट ATC विवाद: एक दूसरे से भिड़ गए डीसी और सांसद, ट्विटर पर छिड़ गया वार

क्या है सांसद निशिकांत दुबे का आरोप: यह घटना 31 अगस्त 2022 को घटी थी. गोड्डा के भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने 5 सितंबर 2022 को लोकसभा स्पीकर को पत्र लिखकर देवघर डीसी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का मामला लाया था. उनका कहना था कि देवघर के डीसी उनकी लोकप्रियता बर्दाश्त नहीं कर पाते हैं. उनपर अक्सर झूठे मुकदमे दर्ज करवाते हैं. उन्हें सीएम का संरक्षण प्राप्त है. निशिकांत दुबे ने 31 अगस्त 2022 की घटना का जिक्र किया.

उन्होंने स्पीकर को बताया कि वह 31 अगस्त को सांसद मनोज तिवारी और अपने दो पुत्रों के अलावा अन्य के साथ चार्टर्ड प्लेन से दुमका गये थे. वहां एक नाबालिग लड़की को जिंदा जला दिया गया था. उस पीड़ित परिवार से मुलाकात की गई. वहां से वह दिल्ली लौटने के लिए देवघर एयरपोर्ट पहुंचे. देवघर एयरपोर्ट के कर्मियों ने उनका स्वागत किया और नये एयरपोर्ट की व्यवस्था से अवगत कराने का आग्रह किया. इसी बीच देवघर के डीसी आ पहुंचे और मुझसे, मेरे बेटों और अन्य गणमान्य से बदतमीजी करने लगे. जब एयरपोर्ट के डायरेक्टर ने आपत्ति जतायी तो उनपर भी चिल्लाने लगे. वह कहने लगे कि ये लोग एटीसी में आने के लिए अधिकृत नहीं है. वह यह भी कहने लगे कि सांसद के दबाव डालने पर टेक ऑफ का क्लीयरेंस क्यों दिया गया. इसके बाद उन्होंने हम सभी के खिलाफ एफआईआर भी करवा दिया. लेकिन इसपर एयरपोर्ट ऑथोरिटी ऑफ इंडिया ने कोई आपत्ति नहीं जतायी. इसलिए डीसी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए.

क्या है देवघर डीसी का जवाब: देवघर के डीसी मंजूनाथ भजंत्री ने इस बात को सीरे से खारिज कर दिया कि वह 31 अगस्त 2022 को एयरपोर्ट गये ही नहीं थे. उनकी तो सांसद से मुलाकात भी नहीं हुई थी. फोन पर भी बात नहीं हुई थी. उन्होंने तो 1 सितंबर को देवघर एयरपोर्ट के टर्मिनल लाउंज में रिव्यू मीटिंग की थी. सांसद ने जो आरोप लगाये हैं वह पूरी तरह निराधार है. उन्होंने सांसद की शिकायत पर 30 दिसंबर 2022 को राज्य के कार्मिक, प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग को पत्र लिखकर अपनी ओर से स्थिति स्पष्ट की. उन्होंने कहा कि देवघर एयरपोर्ट के सुरक्षा प्रभारी सह डीएसपी सुमन आनन ने 31 अगस्त को पाया कि सांसद निशिकांत दुबे, उनके दो पुत्र, सांसद मनोज तिवारी और अन्य बिना अनुमति के एटीसी यानी एयर ट्रैफिक कंट्रोल में घुस गये थे. यहां वे शाम 5.30 के बाद भी उड़ान के लिए एटीसी के कर्मियों पर क्लियरेंस का दबाव डाल रहे थे.

क्या था डीएसपी की प्राथमिकी में: डीएसपी सुमन आनन ने कुंडा थाना प्रभारी को प्राथमिकी दर्ज करने के लिए जो पत्र भेजा था उसमें आखिर क्या लिखा हुआ था. प्राथमिकी के मुताबिक यह मामला 31 अगस्त 2022 का है. उस दिन सांसद निशिकांत दुबे चार्टर्ड प्लेन से दोपहर 1.05 बजे देवघर एयरपोर्ट पहुंचे थे. उनके साथ उनके दो पुत्र कनिष्क कान्त दुबे और महिकान्त दुबे के अलावा भाजपा सांसद मनोज तिवारी, कपिल मिश्रा, शेषाद्री दुबे और सुनील तिवारी भी पहुंचे थे. उसी दिन शाम को सांसद निशिकांत दुबे के नेतृत्व में सभी यात्री शाम 5.25 बजे प्लेन में सवार हो गये. प्लेन का दरवाजा भी बंद हो चुका था. फिर अचानक पायलट प्लेन से उतरे और एटीसी में चले गये. ऐसा देख डीएसपी भी पायलट के पीछे-पीछे गये. उस वक्त एटीसी में एयरपोर्ट के डायरेक्टर संदीप ढिंगरा और चार्टर्ड प्लेन के पायलट मौजूद थे. उस दौरान पायलट द्वारा एटीसी कर्मियों पर दबाव डालकर कहा जा रहा था कि आज ही जाना जरूरी है, इसलिए क्लियरेंस दिया जाए. इस दौरान एटीसी के कर्मी मोबाइल पर क्लियरेंस के लिए कहीं बात कर रहे थे. इसी बीच सांसद निशिकांत दुबे, उनके दो पुत्र और मनोज तिवारी समेत अन्य भी एटीसी में आ गये. उन्होंने भी क्लियरेंस के लिए दवाब डालना शुरू कर दिया. इसके बाद उन्हें क्लियरेंस भी मिल गया. इससे साफ है कि न सिर्फ सुरक्षा मानकों का उल्लंघन कर एटीसी में प्रवेश किया गया बल्कि नाइट विजन सुविधा नहीं होने के बावजूद टेकऑफ के लिए दबाव डाला गया. इसको आधार बनाकर उन्होंने प्लेन के पायलट, सांसद निशिकांत दुबे, उनके पुत्र कनिष्क और महिकांत के अलावा सांसद मनोज तिवारी, मुकेश पाठक, देवता पांडेय, पिंटू तिवारी और एयरपोर्ट डायरेक्टर संदीप ढिंगरा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आवेदन दिया.

सांसद ने डीसी के खिलाफ दिल्ली में करायी प्राथमिकी: डीसी के मुताबिक सांसद समेत अन्य पर प्राथमिकी की जानकारी उन्हें 1 सितंबर को मिली. इसी बीच 3 सितंबर को मीडिया से पता चला कि सांसद ने दिल्ली के नॉर्थ एवेन्यू थाने में उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवाई है. डीसी का आरोप है कि उनके खिलाफ झूठा और मनगढंत कहानी बनाकर एफआईआर किया गया है. सांसद ने आईपीसी के चेप्टर-VI की धारा 124A , देशद्रोह के आरोप में एफआईआर दर्ज कराया है. जबकि सांसद राज्य सरकार की परिधि में नहीं आते हैं. अगर जिला दंडाधिकारी की भूमिका निभाने पर देशद्रोह और अन्य गंभीर आरोंपों की धारा के तहत प्राथमिकी होगी तो एक डीसी को अपने विधिक कर्तव्यों को संपादित करना नामुमकिन हो जाएगा. उन्होंने कहा कि जब सांसद से मुलाकात ही नहीं हुई थी तो किस आधार पर गाली गलौज का आरोप लगा दिया गया. डीसी का कहना है कि सांसद लगातार उनके खिलाफ सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक कमेंट करते हैं. साथ ही ईडी, सीबीआई और इनकम टैक्स को टैग कर धमकाने की कोशिश करते हैं.

अब देखना है कि लोकसभा की विशेषाधिकार हनन समिति के सामने देवघर के डीसी द्वारा जवाब पेश करने के बाद यह मामला कौन से रूप लेता है. खास बात है कि इस मामले में देवघर एयरपोर्ट के तत्कालीन डायरेक्टर संदीप ढींगरा से फोन पर बात की गई तो उन्होंने इस मसले पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. उन्होंने बस इतना कहा कि शायद यह मामला हाईकोर्ट में क्वास हो चुका है.

रांची: देवघर एयरपोर्ट पर नाइट टेकऑफ/लैंडिंग सुविधा नहीं होने के बावजूद शाम 5.30 बजे के बाद चार्टड प्लेन के उड़ान भरने को लेकर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और देवघर के डीसी मंजूनाथ भजंत्री के बीच का विवाद दिल्ली पहुंच गया है. सांसद की शिकायत पर कल यानी 18 मई को देवघर डीसी को लोकसभा की विशेषाधिकार समिति के सामने मौखिक जवाब देना है. देवघर डीसी ने ईटीवी भारत को कंफर्म किया है कि वह 18 मई को दिल्ली जाकर अपना जवाब पेश करेंगे. विशेषाधिकार समिति ने उन्हें 15 मई को नोटिस जारी किया था.

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क्या है सांसद निशिकांत दुबे का आरोप: यह घटना 31 अगस्त 2022 को घटी थी. गोड्डा के भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने 5 सितंबर 2022 को लोकसभा स्पीकर को पत्र लिखकर देवघर डीसी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का मामला लाया था. उनका कहना था कि देवघर के डीसी उनकी लोकप्रियता बर्दाश्त नहीं कर पाते हैं. उनपर अक्सर झूठे मुकदमे दर्ज करवाते हैं. उन्हें सीएम का संरक्षण प्राप्त है. निशिकांत दुबे ने 31 अगस्त 2022 की घटना का जिक्र किया.

उन्होंने स्पीकर को बताया कि वह 31 अगस्त को सांसद मनोज तिवारी और अपने दो पुत्रों के अलावा अन्य के साथ चार्टर्ड प्लेन से दुमका गये थे. वहां एक नाबालिग लड़की को जिंदा जला दिया गया था. उस पीड़ित परिवार से मुलाकात की गई. वहां से वह दिल्ली लौटने के लिए देवघर एयरपोर्ट पहुंचे. देवघर एयरपोर्ट के कर्मियों ने उनका स्वागत किया और नये एयरपोर्ट की व्यवस्था से अवगत कराने का आग्रह किया. इसी बीच देवघर के डीसी आ पहुंचे और मुझसे, मेरे बेटों और अन्य गणमान्य से बदतमीजी करने लगे. जब एयरपोर्ट के डायरेक्टर ने आपत्ति जतायी तो उनपर भी चिल्लाने लगे. वह कहने लगे कि ये लोग एटीसी में आने के लिए अधिकृत नहीं है. वह यह भी कहने लगे कि सांसद के दबाव डालने पर टेक ऑफ का क्लीयरेंस क्यों दिया गया. इसके बाद उन्होंने हम सभी के खिलाफ एफआईआर भी करवा दिया. लेकिन इसपर एयरपोर्ट ऑथोरिटी ऑफ इंडिया ने कोई आपत्ति नहीं जतायी. इसलिए डीसी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए.

क्या है देवघर डीसी का जवाब: देवघर के डीसी मंजूनाथ भजंत्री ने इस बात को सीरे से खारिज कर दिया कि वह 31 अगस्त 2022 को एयरपोर्ट गये ही नहीं थे. उनकी तो सांसद से मुलाकात भी नहीं हुई थी. फोन पर भी बात नहीं हुई थी. उन्होंने तो 1 सितंबर को देवघर एयरपोर्ट के टर्मिनल लाउंज में रिव्यू मीटिंग की थी. सांसद ने जो आरोप लगाये हैं वह पूरी तरह निराधार है. उन्होंने सांसद की शिकायत पर 30 दिसंबर 2022 को राज्य के कार्मिक, प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग को पत्र लिखकर अपनी ओर से स्थिति स्पष्ट की. उन्होंने कहा कि देवघर एयरपोर्ट के सुरक्षा प्रभारी सह डीएसपी सुमन आनन ने 31 अगस्त को पाया कि सांसद निशिकांत दुबे, उनके दो पुत्र, सांसद मनोज तिवारी और अन्य बिना अनुमति के एटीसी यानी एयर ट्रैफिक कंट्रोल में घुस गये थे. यहां वे शाम 5.30 के बाद भी उड़ान के लिए एटीसी के कर्मियों पर क्लियरेंस का दबाव डाल रहे थे.

क्या था डीएसपी की प्राथमिकी में: डीएसपी सुमन आनन ने कुंडा थाना प्रभारी को प्राथमिकी दर्ज करने के लिए जो पत्र भेजा था उसमें आखिर क्या लिखा हुआ था. प्राथमिकी के मुताबिक यह मामला 31 अगस्त 2022 का है. उस दिन सांसद निशिकांत दुबे चार्टर्ड प्लेन से दोपहर 1.05 बजे देवघर एयरपोर्ट पहुंचे थे. उनके साथ उनके दो पुत्र कनिष्क कान्त दुबे और महिकान्त दुबे के अलावा भाजपा सांसद मनोज तिवारी, कपिल मिश्रा, शेषाद्री दुबे और सुनील तिवारी भी पहुंचे थे. उसी दिन शाम को सांसद निशिकांत दुबे के नेतृत्व में सभी यात्री शाम 5.25 बजे प्लेन में सवार हो गये. प्लेन का दरवाजा भी बंद हो चुका था. फिर अचानक पायलट प्लेन से उतरे और एटीसी में चले गये. ऐसा देख डीएसपी भी पायलट के पीछे-पीछे गये. उस वक्त एटीसी में एयरपोर्ट के डायरेक्टर संदीप ढिंगरा और चार्टर्ड प्लेन के पायलट मौजूद थे. उस दौरान पायलट द्वारा एटीसी कर्मियों पर दबाव डालकर कहा जा रहा था कि आज ही जाना जरूरी है, इसलिए क्लियरेंस दिया जाए. इस दौरान एटीसी के कर्मी मोबाइल पर क्लियरेंस के लिए कहीं बात कर रहे थे. इसी बीच सांसद निशिकांत दुबे, उनके दो पुत्र और मनोज तिवारी समेत अन्य भी एटीसी में आ गये. उन्होंने भी क्लियरेंस के लिए दवाब डालना शुरू कर दिया. इसके बाद उन्हें क्लियरेंस भी मिल गया. इससे साफ है कि न सिर्फ सुरक्षा मानकों का उल्लंघन कर एटीसी में प्रवेश किया गया बल्कि नाइट विजन सुविधा नहीं होने के बावजूद टेकऑफ के लिए दबाव डाला गया. इसको आधार बनाकर उन्होंने प्लेन के पायलट, सांसद निशिकांत दुबे, उनके पुत्र कनिष्क और महिकांत के अलावा सांसद मनोज तिवारी, मुकेश पाठक, देवता पांडेय, पिंटू तिवारी और एयरपोर्ट डायरेक्टर संदीप ढिंगरा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आवेदन दिया.

सांसद ने डीसी के खिलाफ दिल्ली में करायी प्राथमिकी: डीसी के मुताबिक सांसद समेत अन्य पर प्राथमिकी की जानकारी उन्हें 1 सितंबर को मिली. इसी बीच 3 सितंबर को मीडिया से पता चला कि सांसद ने दिल्ली के नॉर्थ एवेन्यू थाने में उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवाई है. डीसी का आरोप है कि उनके खिलाफ झूठा और मनगढंत कहानी बनाकर एफआईआर किया गया है. सांसद ने आईपीसी के चेप्टर-VI की धारा 124A , देशद्रोह के आरोप में एफआईआर दर्ज कराया है. जबकि सांसद राज्य सरकार की परिधि में नहीं आते हैं. अगर जिला दंडाधिकारी की भूमिका निभाने पर देशद्रोह और अन्य गंभीर आरोंपों की धारा के तहत प्राथमिकी होगी तो एक डीसी को अपने विधिक कर्तव्यों को संपादित करना नामुमकिन हो जाएगा. उन्होंने कहा कि जब सांसद से मुलाकात ही नहीं हुई थी तो किस आधार पर गाली गलौज का आरोप लगा दिया गया. डीसी का कहना है कि सांसद लगातार उनके खिलाफ सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक कमेंट करते हैं. साथ ही ईडी, सीबीआई और इनकम टैक्स को टैग कर धमकाने की कोशिश करते हैं.

अब देखना है कि लोकसभा की विशेषाधिकार हनन समिति के सामने देवघर के डीसी द्वारा जवाब पेश करने के बाद यह मामला कौन से रूप लेता है. खास बात है कि इस मामले में देवघर एयरपोर्ट के तत्कालीन डायरेक्टर संदीप ढींगरा से फोन पर बात की गई तो उन्होंने इस मसले पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. उन्होंने बस इतना कहा कि शायद यह मामला हाईकोर्ट में क्वास हो चुका है.

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