रांची: साइबर अपराध के बढ़ते दायरे और लगातार उभरते नए मॉड्यूल्स पुलिस के लिए चुनौती बनकर सामने आ रहे हैं. साइबर अपराध पुलिस के लिए इतनी बड़ी चुनौती साबित हो रहा है कि अब सभी राज्य एक साथ मिलकर साइबर क्रिमिनल के खिलाफ वार के लिए आगे आ चुके हैं. इस तरह के अपराध पर ब्रेक लगाने के लिए, राज्यों की पुलिस की मदद के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय के द्वारा इंडियन साइबर कोआर्डिनेशन सेंटर (I4C) का गठन किया गया है.
इंडियन साइबर कोऑर्डिनेशन सेंटर के असिस्टेंट पुलिस कमिश्नर जितेंद्र कुमार सिंह लगातार अलग-अलग राज्यों की पुलिस के साथ साइबर अपराध पर ब्रेक लगाने के लिए कोऑर्डिनेटर कर रहे हैं. इस अपराध के नए आयाम किस तरह के हैं, कौन-कौन से नए मॉड्यूल देश भर में काम कर रहे हैं. इन सभी मुद्दों पर ईटीवी भारत के संवाददाता प्रशांत कुमार से एसीपी जितेंद्र कुमार सिंह ने विशेष बातचीत की.
चार सेक्टर में डिवाइड है साइबर अपराध: एसीपी जितेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि 'हम साइबर क्राइम के रूट कॉज के तहत काम कर रहे हैं. साइबर अपराध चार सेक्टर में बंटा हुआ है जिसमें बैंकिंग, टेलकम, आईटी सेक्टर और फॉरेन बॉडी शामिल हैं. इन्हीं के आधार पर साइबर क्राइम टिका हुआ है. ऐसे में इंडियन साइबर कोऑर्डिनेशन सेंटर इन सेक्टरों में आ रहे साइबर क्राइम की शिकायतों पर टेक्निकल जांच करता है. जांच रिपोर्ट को साइबर प्रिवेंशन के लिए स्टेट पुलिस के साथ साझा किया जाता है. झारखंड पुलिस भी साइबर क्राइम पर ब्रेक लगाने के लिए बेहतर काम कर रही है.'
मेवात मॉड्यूल को किया गया ध्वस्त: हरियाणा का मेवात शहर साइबर अपराध के लिए बेहद बदनाम था. मेवात में सोशल इंजीनियरिंग को साइबर क्राइम में तब्दील कर दिया गया था. इसके बाद दो महीने पहले हरियाणा पुलिस के द्वारा मेवात में एक बड़ी रेड की गई थी. इस रेड में 5000 से ज्यादा जवान शामिल थे. इस छापेमारी में 100 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया था, जिसका बढ़िया इफेक्ट साइबर क्राइम को रोकने में मिला है. अब पुलिस इस और ध्यान दे रही है कि कहीं मेवात के साइबर अपराधी देश से किसी दूसरे हिस्सों से साइबर अपराध को अंजाम न दें.
देश भर में हो रहे साइबर क्राइम: एसीपी जितेंद्र कुमार सिंह के अनुसार झारखंड का जामताड़ा मॉड्यूल जरूर पूरे देश भर में विख्यात है, यह भी सही है कि देवघर, धनबाद और गिरिडीह जैसे शहर से भी साइबर ठगी की जा रही है. लेकिन या सिर्फ झारखंड में नहीं है. जो आंकड़े झारखंड के हैं वैसे ही देश भर में सामने आ रहे हैं. लेकिन पिछले कुछ सालों से झारखंड पुलिस के द्वारा साइबर अपराध पर ब्रेक लगाने के लिए बेहतर कार्य किया जा रहा है, खासकर सीआईडी के द्वारा. झारखंड पुलिस के साइबर क्राइम पर नकल करने के लिए उन्हें एक्सपर्ट बनाया जा रहा है.
55 लाख सिम कार्ड ब्लाक: एसीपी जितेंद्र कुमार सिंह के अनुसार एक व्यक्ति को केवल 9 सिम मिलने की पॉलिसी है. सिम खरीदने वालों की ई मॉनिटरिंग शुरू कर दी गई है. इसी के तहत देश भर में 55 लाख सिम कार्ड को बंद कर दिया गया है. ये सभी सिम साइबर फ्रॉड के लिए प्रयोग किया जा रहा था. वहीं अब बल्क सिम कार्ड की खरीदारी के लिए भी फिजिकल वेरिफिकेशन शुरू कर दिया गया है.
सेक्सटॉर्शन पर हो रही है बड़ी कार्रवाई: साइबर अपराध का एक आधार सेक्सटॉर्शन भी है. इस तरह के मामले लगातार थानों में रिपोर्ट हो रहे हैं इस मामले को लेकर एसीपी जितेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि एक बेहतरीन इंटेलिजेंस कार्रवाई सेक्सटॉर्शन को लेकर किया जा रहा है जिसका रिजल्ट जल्दी पूरे देश में दिखेगा.
सामूहिक प्रयास जरूरी: एसीपी जितेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि साइबर अपराध पर ब्रेक लगाने के लिए सिर्फ पुलिस की कार्रवाई काफी नहीं है स्कूल, कॉलेज और सामाजिक संस्थाओं के द्वारा भी प्रयास करना होगा लोगों को जागरूक करना होगा.