नई दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की तरफ से फुटबॉल में प्रतिनिधित्व करने वाली संगीता सोरेन आज मुफलिसी की जिंदगी जीने को मजबूर हैं. घर चलाने के लिए वह ईंट-भट्ठे में काम कर रहीं हैं. सरकार की तरफ से उन्हें कोई सहायता नहीं मिल रही है. इस पर राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने संज्ञान लिया है और झारखंड के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर मदद करने को कहा है ताकि वह सम्मानजनक जिंदगी जी सकें.
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भूटान और थाईलैंड में किया है भारत का प्रतिनिधित्व
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा का कहना है कि ट्विटर से उन्हें इस बात की जानकारी मिली. उन्हें पता चला कि खराब आर्थिक स्थिति के चलते अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल खिलाड़ी संगीता सोरेन ईंट भट्ठे में काम करने को मजबूर हैं. धनबाद के बाघमारा ब्लॉक के बांसमुरी गांव की रहने वाली संगीता सोरेन ने 2018-19 में अंडर-18 भारतीय महिला फुटबॉल टीम का भूटान और थाईलैंड में प्रतिनिधित्व किया है. इसके बाद वह 2020 में सीनियर राष्ट्रीय टीम में शामिल हुईं. वह राष्ट्रीय फुटबॉल टीम में स्ट्राइकर थीं.
तुरंत मदद करने की अपील
राष्ट्रीय महिला आयोग को यह जानकारी मिली कि संगीता पिछले तीन महीने से नौकरी के लिए प्रयास कर रहीं हैं लेकिन उसे कोई मदद नहीं मिली. मुफलिसी में जिंदगी जी रही संगीता को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिनिधित्व के लिए सिर्फ 10 हजार रुपए दिए गए. झारखंड के मुख्य सचिव को पत्र लिखने के साथ-साथ ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन को भी यह पत्र भेजा गया है. रेखा शर्मा ने कहा कि इसे प्राथमिकता देते हुए सरकार तुरंत संगीता को मदद मुहैया कराए. उसने कड़ी मेहनत से झारखंड और देश का प्रतिनिधित्व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किया है.