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झारखंड में अनलॉक हुए गैंग्स, गैंगवार में खून खराबे की आशंका, अलर्ट पर पुलिस

रांची में अनलॉक वन शुरू होते ही सभी गैंगस्टर एक्टिव हो गए हैं. अपराधियों ने लॉकडाउन के बाद सड़क पर गैंगवार शुरू कर दिया है. पलामू में कुख्यात गैंगस्टर कुणाल सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई है, जिसके बाद से विरोधी गैंग भी बदला लेने की तैयारी में जुट गई है. अपराधियों पर लगाम लगाने के लिए पूरे झारखंड की पुलिस भी तैयार है.

Criminals activated in unlock one in Jharkhand,  Police on alert
अनलॉक वन में शुरू हुआ अपराध
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Published : Jun 9, 2020, 6:37 PM IST

रांची: अनलॉक वन के शुरू होते ही झारखंड के गैंगस्टर और नामी बदमाश भी अनलॉक हो गए हैं, एक साथ कई गैंग के अपरधियों के सक्रिय होने की वजह से अब सड़क पर खुलेआम गैंगवार शुरू हो गया है. अभी जमशेदपुर में डॉन अखिलेश सिंह और सुधीर दुबे गिरोह की अदावत जारी ही थी कि पलामू में कुख्यात गैंगस्टर कुणाल सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई. कुणाल के हत्या के बाद न सिर्फ पलामू बल्कि राजधानी रांची सहित कुणाल के वर्चस्व वाले दूसरे इलाके में भी गैंगवार की आशंका प्रबल हो गई है.

देखें स्पेशल स्टोरी



रांची, जमशेदपुर,पलामू, बोकारो और रामगढ़ में गैंगवार की आशंका
पलामू के कुख्यात गैंगस्टर डब्लू सिंह ने अपने प्रतिद्वंदी गैंग के मुखिया कुणाल सिंह की हत्या कर दी है, जिसके बाद पूरा पलामू गैंगवार की आग में जल रहा है. गैंगवार में मारे गए कुणाल सिंह के गुर्गे मौके की ताक में है और वे जल्द ही डब्लू गिरोह पर जवाबी हमला कर सकते हैं. अगर ऐसा होता है तो पलामू में सड़कों पर जो खून-खराबा होगा उसे रोक पाना बेहद मुश्किल होगा. कुणाल की हत्या पलामू में हुई, लेकिन उसकी बदले की आग में राजधानी रांची भी चपेट में आ सकता है, क्योंकि कुणाल को गोली मारने वाला अपराधी रांची के डोरंडा से गिरफ्तार हुआ है. दूसरी तरफ कुणाल सिंह की हत्या के तार रांची से जुड़े होने के बाद पुलिस सक्रिय हो गई है. आशंका जताई जा रही है कि कुणाल के हत्या में शामिल कई अपराधी राजधानी रांची के अलग-अलग इलाकों में छिपे हुए हैं ऐसे में अगर उन पर हमला होता है तो राजधानी रांची के सड़कों पर खुलेआम खून-खराबा हो सकता है.

जमशेदपुर में त्रिकोणीय जंग
रांची और पलामू के अलावा झारखंड का एक और बड़ा शहर है जो गैंगवार की आग में जल रहा है. लौहनगरी जमशेदपुर भी गैंगवार की आग में जल रहा है, लॉकडॉउन के बीच में ही डॉन अखिलेश और सुधीर दुबे गिरोह के बीच सीतारामडेरा इलाके में जमकर भिड़ंत हुई थी. इस भिड़ंत में दोनों पक्षों के 6 अपराधियों को गोलियां लगी थी, जिनका अभी भी इलाज चल रहा है. सूचना मिली है कि डॉन अखिलेश इस घटना के बाद से वह सुधीर दुबे गिरोह और परमजीत गिरोह को टारगेट करने की रणनीति तैयार कर रहा है. झारखंड के कई शहर गैंगवार को लेकर दहशत में है, लेकिन पुलिस भी अपनी तैयारियां कर चुकी है. झारखंड पुलिस के एडीजी अभियान मुरारी लाल मीणा के अनुसार झारखंड पुलिस किसी भी गैंगस्टर को सर उठाने का मौका नहीं देगी. एडीजी के अनुसार पलामू और जमशेदपुर पुलिस को साफ-साफ निर्देश दिया हुआ है कि वह किसी भी गैंग के सदस्यों को कोई मौका न दें.



गैंग्स का डाटा हो रहा तैयार
कोरोना महामारी की वजह से लगभग हर तरफ कोयला और स्क्रैप का बंद था. साथ ही कई बड़े कामों के कांट्रेक्ट देने का काम भी न के बराबर हुआ, लेकिन अब अनलॉक वन के दौरान ये सभी रुके काम शुरू हो चुके हैं. ऐसे में इन कामों में सक्रिय रहने वाले झारखंड के अलग-अलग गैंग भी एक्टिव हो गए हैं. सूचना है कि यह गैंग पैसे को लेकर आपस में टकरा सकते हैं यही वजह है कि झारखंड में सक्रिय 39 बड़े आपराधिक गिरोह और उससे जुड़े 704 शीर्ष अपराधियों पर सीआईडी नए सिरे से रिपोर्ट तैयार कर रही है. सीआईडी मुख्यालय ने राज्य के सभी जिलों के क्राइम ब्रांच प्रभारियों को इस संबंध में एक पत्र भेजा है. सीआईडी ने सभी क्राइम ब्रांच प्रभारियों से आपराधिक गैंग के सरगना, उनके सदस्यों के खिलाफ दर्ज मामलों की अद्यतन रिपोर्ट और उनके गतिविधियों की जानकारी मांगी है. रिपोर्ट मिलने के बाद फरार अपराधियों के खिलाफ इनाम घोषित के साथ ही उनपर बड़ी कारवाई की जाएगी. अधिकारियों के मुताबिक, बड़े अपराधियों के खिलाफ दर्ज कांडों की समीक्षा कर उसका स्पीडी ट्रायल भी कराया जाएगा. जमशेदपुर में भी गैंगवार में शामिल अखिलेश सिंह और सुधीर दुबे गिरोह पर पुलिस ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. दोनों ही गिरोह के 21 लोगों की सूची पुलिस ने तैयार की है, जिनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. ये लोग ऐसे हैं, जो अप्रत्यक्ष रूप से दोनों ही गिरोह को सहयोग करते हैं. इसमें उन लोगों का भी नाम है जो संरक्षक है और साथ ही आर्थिक मदद पहुंचाते हैं. इतना ही नहीं, पुलिस ऐसे लोगों पर तड़ीपार, थाना हाजिरी की भी प्रक्रिया अपनाने पर काम कर रही है.

इसे भी पढ़ें:- रांची सिविल कोर्ट में सुचारू ढंग से नहीं चल रही न्यायिक प्रक्रिया, अटक रहे मामले

रांची पुलिस भी हुई एक्टिव
राजधानी रांची में लगभग सभी बड़े गिरोह के अपराधी सक्रिय हैं. अखिलेश सिंह, अनिल शर्मा, गेंदा सिंह, अमन श्रीवास्तव, लवकुश शर्मा और सुजीत सिन्हा गिरोह के कई अपराधी राजधानी में रहते हैं. ऐसे में रांची पुलिस जेल से छूटे वैसे अपराधियों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है. अपराधियों को थाना हाजिरी भी लगवाने की तैयारी की जा रही है, इसके लिए रांची पुलिस की ओर से वैसे अपराधियों की सूची तैयार की गई है, जो 2019 से जेल से बाहर आए हैं. ऐसे एक हजार अपराधियों का डोजियर (फाइल) तैयार किया गया है. उन अपराधियों पर रांची पुलिस नकेल कसने की तैयारी में है. एसएसपी अनीश गुप्ता ने बताया कि राज्य के अन्य इलाकों में हुए गैंगवार को देखते हुए रांची पुलिस भी अलर्ट है. हर तरह के अपराधियों की सूची तैयार की गई है, ताकि अपराधियों पर लगाम लगाया जा सके. उन्होंने बताया कि इन अपराधियों को थाना हाजिरी भी लगवाने की तैयारी की जा रही है, ताकि उनकी गतिविधियों की जानकारी पुलिस को मिल सकेगी.


कुख्यात के सहयोगियों की सूची बनाने का निर्देश
रांची पुलिस कुख्यात अपराधी संदीप थापा, विकास तिवारी, लवकुश शर्मा, अमन श्रीवास्तव, बिट्टू मिश्रा, शमसाद आदि के सहयोगियों की सूची तैयार करेगी. सभी थानों को इसकी जिम्मेवारी सौंपी गई है. निर्देश दिया गया है कि वे जल्द से जल्द सूची तैयार कर उन सहयोगियों पर कार्रवाई करें, साथ ही जेल से छूटे कुख्यात अपराधी और उनके गिरोह के सदस्यों पर विशेष निगरानी रखी जाए. समय-समय पर उन अपराधियों के ठिकानों पर छापेमारी भी की जाए. छापेमारी के दौरान अगर वे संदिग्ध अवस्था में पकड़ाते हैं तो उन्हें गिरफ्तार कर जेल में डालें.

रांची: अनलॉक वन के शुरू होते ही झारखंड के गैंगस्टर और नामी बदमाश भी अनलॉक हो गए हैं, एक साथ कई गैंग के अपरधियों के सक्रिय होने की वजह से अब सड़क पर खुलेआम गैंगवार शुरू हो गया है. अभी जमशेदपुर में डॉन अखिलेश सिंह और सुधीर दुबे गिरोह की अदावत जारी ही थी कि पलामू में कुख्यात गैंगस्टर कुणाल सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई. कुणाल के हत्या के बाद न सिर्फ पलामू बल्कि राजधानी रांची सहित कुणाल के वर्चस्व वाले दूसरे इलाके में भी गैंगवार की आशंका प्रबल हो गई है.

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रांची, जमशेदपुर,पलामू, बोकारो और रामगढ़ में गैंगवार की आशंका
पलामू के कुख्यात गैंगस्टर डब्लू सिंह ने अपने प्रतिद्वंदी गैंग के मुखिया कुणाल सिंह की हत्या कर दी है, जिसके बाद पूरा पलामू गैंगवार की आग में जल रहा है. गैंगवार में मारे गए कुणाल सिंह के गुर्गे मौके की ताक में है और वे जल्द ही डब्लू गिरोह पर जवाबी हमला कर सकते हैं. अगर ऐसा होता है तो पलामू में सड़कों पर जो खून-खराबा होगा उसे रोक पाना बेहद मुश्किल होगा. कुणाल की हत्या पलामू में हुई, लेकिन उसकी बदले की आग में राजधानी रांची भी चपेट में आ सकता है, क्योंकि कुणाल को गोली मारने वाला अपराधी रांची के डोरंडा से गिरफ्तार हुआ है. दूसरी तरफ कुणाल सिंह की हत्या के तार रांची से जुड़े होने के बाद पुलिस सक्रिय हो गई है. आशंका जताई जा रही है कि कुणाल के हत्या में शामिल कई अपराधी राजधानी रांची के अलग-अलग इलाकों में छिपे हुए हैं ऐसे में अगर उन पर हमला होता है तो राजधानी रांची के सड़कों पर खुलेआम खून-खराबा हो सकता है.

जमशेदपुर में त्रिकोणीय जंग
रांची और पलामू के अलावा झारखंड का एक और बड़ा शहर है जो गैंगवार की आग में जल रहा है. लौहनगरी जमशेदपुर भी गैंगवार की आग में जल रहा है, लॉकडॉउन के बीच में ही डॉन अखिलेश और सुधीर दुबे गिरोह के बीच सीतारामडेरा इलाके में जमकर भिड़ंत हुई थी. इस भिड़ंत में दोनों पक्षों के 6 अपराधियों को गोलियां लगी थी, जिनका अभी भी इलाज चल रहा है. सूचना मिली है कि डॉन अखिलेश इस घटना के बाद से वह सुधीर दुबे गिरोह और परमजीत गिरोह को टारगेट करने की रणनीति तैयार कर रहा है. झारखंड के कई शहर गैंगवार को लेकर दहशत में है, लेकिन पुलिस भी अपनी तैयारियां कर चुकी है. झारखंड पुलिस के एडीजी अभियान मुरारी लाल मीणा के अनुसार झारखंड पुलिस किसी भी गैंगस्टर को सर उठाने का मौका नहीं देगी. एडीजी के अनुसार पलामू और जमशेदपुर पुलिस को साफ-साफ निर्देश दिया हुआ है कि वह किसी भी गैंग के सदस्यों को कोई मौका न दें.



गैंग्स का डाटा हो रहा तैयार
कोरोना महामारी की वजह से लगभग हर तरफ कोयला और स्क्रैप का बंद था. साथ ही कई बड़े कामों के कांट्रेक्ट देने का काम भी न के बराबर हुआ, लेकिन अब अनलॉक वन के दौरान ये सभी रुके काम शुरू हो चुके हैं. ऐसे में इन कामों में सक्रिय रहने वाले झारखंड के अलग-अलग गैंग भी एक्टिव हो गए हैं. सूचना है कि यह गैंग पैसे को लेकर आपस में टकरा सकते हैं यही वजह है कि झारखंड में सक्रिय 39 बड़े आपराधिक गिरोह और उससे जुड़े 704 शीर्ष अपराधियों पर सीआईडी नए सिरे से रिपोर्ट तैयार कर रही है. सीआईडी मुख्यालय ने राज्य के सभी जिलों के क्राइम ब्रांच प्रभारियों को इस संबंध में एक पत्र भेजा है. सीआईडी ने सभी क्राइम ब्रांच प्रभारियों से आपराधिक गैंग के सरगना, उनके सदस्यों के खिलाफ दर्ज मामलों की अद्यतन रिपोर्ट और उनके गतिविधियों की जानकारी मांगी है. रिपोर्ट मिलने के बाद फरार अपराधियों के खिलाफ इनाम घोषित के साथ ही उनपर बड़ी कारवाई की जाएगी. अधिकारियों के मुताबिक, बड़े अपराधियों के खिलाफ दर्ज कांडों की समीक्षा कर उसका स्पीडी ट्रायल भी कराया जाएगा. जमशेदपुर में भी गैंगवार में शामिल अखिलेश सिंह और सुधीर दुबे गिरोह पर पुलिस ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. दोनों ही गिरोह के 21 लोगों की सूची पुलिस ने तैयार की है, जिनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. ये लोग ऐसे हैं, जो अप्रत्यक्ष रूप से दोनों ही गिरोह को सहयोग करते हैं. इसमें उन लोगों का भी नाम है जो संरक्षक है और साथ ही आर्थिक मदद पहुंचाते हैं. इतना ही नहीं, पुलिस ऐसे लोगों पर तड़ीपार, थाना हाजिरी की भी प्रक्रिया अपनाने पर काम कर रही है.

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रांची पुलिस भी हुई एक्टिव
राजधानी रांची में लगभग सभी बड़े गिरोह के अपराधी सक्रिय हैं. अखिलेश सिंह, अनिल शर्मा, गेंदा सिंह, अमन श्रीवास्तव, लवकुश शर्मा और सुजीत सिन्हा गिरोह के कई अपराधी राजधानी में रहते हैं. ऐसे में रांची पुलिस जेल से छूटे वैसे अपराधियों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है. अपराधियों को थाना हाजिरी भी लगवाने की तैयारी की जा रही है, इसके लिए रांची पुलिस की ओर से वैसे अपराधियों की सूची तैयार की गई है, जो 2019 से जेल से बाहर आए हैं. ऐसे एक हजार अपराधियों का डोजियर (फाइल) तैयार किया गया है. उन अपराधियों पर रांची पुलिस नकेल कसने की तैयारी में है. एसएसपी अनीश गुप्ता ने बताया कि राज्य के अन्य इलाकों में हुए गैंगवार को देखते हुए रांची पुलिस भी अलर्ट है. हर तरह के अपराधियों की सूची तैयार की गई है, ताकि अपराधियों पर लगाम लगाया जा सके. उन्होंने बताया कि इन अपराधियों को थाना हाजिरी भी लगवाने की तैयारी की जा रही है, ताकि उनकी गतिविधियों की जानकारी पुलिस को मिल सकेगी.


कुख्यात के सहयोगियों की सूची बनाने का निर्देश
रांची पुलिस कुख्यात अपराधी संदीप थापा, विकास तिवारी, लवकुश शर्मा, अमन श्रीवास्तव, बिट्टू मिश्रा, शमसाद आदि के सहयोगियों की सूची तैयार करेगी. सभी थानों को इसकी जिम्मेवारी सौंपी गई है. निर्देश दिया गया है कि वे जल्द से जल्द सूची तैयार कर उन सहयोगियों पर कार्रवाई करें, साथ ही जेल से छूटे कुख्यात अपराधी और उनके गिरोह के सदस्यों पर विशेष निगरानी रखी जाए. समय-समय पर उन अपराधियों के ठिकानों पर छापेमारी भी की जाए. छापेमारी के दौरान अगर वे संदिग्ध अवस्था में पकड़ाते हैं तो उन्हें गिरफ्तार कर जेल में डालें.

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