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साइबर ठगों की ईमानदारी काम न आई, वक्त पर किराया देने से भी नहीं छूटी जान, पहुंच गए हवालात

रांची पुलिस ने दो साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने यह कार्रवाई मकान मालिक की शिकायत पर की है. गिरफ्तार साइबर ठगों के पास से नगद के साथ-साथ कई आपत्तिजनक दस्तावेज भी मिले हैं.

Two cyber criminals arrested in Ranchi
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Published : Jun 20, 2023, 4:47 PM IST

रांची: पुलिस ने साइबर अपराधियों के खिलाफ बड़ी सफलता हासिल की है. साइबर डीएसपी यशोधरा के नेतृव में रांची के गोंदा इलाके में हुई छापेमारी में दो साइबर अपराधी तो पकड़े ही गए है साथ ही छापेमारी में पुलिस ने भारी मात्रा में फर्जी आधार कार्ड, एटीएम कार्ड, चेक-पासबुक, सिम कार्ड और 1.96 लाख रुपये बरामद किए गए हैं.

ये भी पढ़ें- Jamtara Cyber Crime: हैदराबाद पुलिस की कार्रवाई, जामताड़ा में साइबर अपराधी गिरफ्तार

मकान मालिक की सूचना पर हुई गिरफ्तारी: गिरफ्तार साइबर अपराधी ब्रह्मदेव पासवान और सोनू कुमार वर्णवाल दोनों ही झारखंड के गिरिडीह जिले के रहने वाले हैं. दोनों रांची के गोंदा थाना क्षेत्र में किराए का मकान ले कर रह रहे थे. दोनों साइबर अपराधियों के गिरफ्तार होने की कहानी भी बड़ी दिलचस्प है. दरअसल, दोनों साइबर अपराधी रीता देवी नाम की महिला के घर में बतौर किरायेदार पिछले छह महीने से रह रहे थे. इसी बीच उन्होंने रीता देवी के खाते में किराए के आठ हजार रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर किए.

पैसे ट्रांसफर होने के कुछ ही दिनों बाद रीता देवी का बैंक अकाउंट फ्रीज कर दिया गया. कुछ दिनों के बाद रीता देवी को कोटक महिंद्रा बैंक से नोटिस आया जिसमें लिखा गया था कि आपके अकाउंट को इसलिए फ्रिज कर दिया गया है क्योंकि उसमें साइबर ठगी के पैसे का इस्तेमाल किया जा रहा था. जानकारी मिलने के बाद रीता देवी सीधे गोंदा थाना पहुंची और थाना प्रभारी रवि ठाकुर को पूरी बात बताई. मामला संज्ञान में आने के बाद साइबर डीएसपी यशोधरा ने जब पूरे मामले की जांच की तब यह बात निकलकर सामने आई कि रीता देवी के घर में किरदार के रूप में रहने वाले ब्रह्मदेव और सोनू कुमार दोनों साइबर ठग है. दोनों ने गुजरात के एक कारोबारी से ठगी कर पैसे अपने खाते में डाले थे और फिर उसी बैंक खाते से आठ हजार रुपये रीता देवी को किराया के रूप में भुगतान कर दिया.

छापेमारी कर किया गया गिरफ्तार: मामला सामने आने के बाद तुरंत साइबर डीएसपी यशोधरा और गोंदा थाना प्रभारी ने रीता देवी के घर में किरायेदार बन कर रह रहे साइबर अपराधियों के यहां छापेमारी की और दोनों को मौके से ही धर दबोचा. पूछताछ में दोनों साइबर अपराधियों ने स्वीकार किया है कि उन्होंने राज्य के अलग-अलग हिस्सों से लाखों रुपए की ठगी की है. वे अलग-अलग कंपनियों को विज्ञापन के जरिए मैन पावर उपलब्ध करवाने के नाम पर ठगी किया करते थे.

छापेमारी में मिले फर्जी कागजात: साइबर ठग के ठिकाने पर हुई छापेमारी में पुलिस ने भारी मात्रा में फर्जी कागजात के साथ-साथ कई एटीएम, 1.96 लाख नगद और कई पासबुक भी जब्त किए हैं.

क्या क्या हुआ बरामद: एक लाख 95 हजार 600 नगद, विभिन्न बैंकों के चेक बुक- 12, विभिन्न बैंकों के डेबिट कार्ड- 34, फर्जी आधार कार्ड-45, 08 मोबाइल के साथ-साथ कई पैन कार्ड, सिम कार्ड और लैपटॉप बरामद हुए हैं.

रांची: पुलिस ने साइबर अपराधियों के खिलाफ बड़ी सफलता हासिल की है. साइबर डीएसपी यशोधरा के नेतृव में रांची के गोंदा इलाके में हुई छापेमारी में दो साइबर अपराधी तो पकड़े ही गए है साथ ही छापेमारी में पुलिस ने भारी मात्रा में फर्जी आधार कार्ड, एटीएम कार्ड, चेक-पासबुक, सिम कार्ड और 1.96 लाख रुपये बरामद किए गए हैं.

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मकान मालिक की सूचना पर हुई गिरफ्तारी: गिरफ्तार साइबर अपराधी ब्रह्मदेव पासवान और सोनू कुमार वर्णवाल दोनों ही झारखंड के गिरिडीह जिले के रहने वाले हैं. दोनों रांची के गोंदा थाना क्षेत्र में किराए का मकान ले कर रह रहे थे. दोनों साइबर अपराधियों के गिरफ्तार होने की कहानी भी बड़ी दिलचस्प है. दरअसल, दोनों साइबर अपराधी रीता देवी नाम की महिला के घर में बतौर किरायेदार पिछले छह महीने से रह रहे थे. इसी बीच उन्होंने रीता देवी के खाते में किराए के आठ हजार रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर किए.

पैसे ट्रांसफर होने के कुछ ही दिनों बाद रीता देवी का बैंक अकाउंट फ्रीज कर दिया गया. कुछ दिनों के बाद रीता देवी को कोटक महिंद्रा बैंक से नोटिस आया जिसमें लिखा गया था कि आपके अकाउंट को इसलिए फ्रिज कर दिया गया है क्योंकि उसमें साइबर ठगी के पैसे का इस्तेमाल किया जा रहा था. जानकारी मिलने के बाद रीता देवी सीधे गोंदा थाना पहुंची और थाना प्रभारी रवि ठाकुर को पूरी बात बताई. मामला संज्ञान में आने के बाद साइबर डीएसपी यशोधरा ने जब पूरे मामले की जांच की तब यह बात निकलकर सामने आई कि रीता देवी के घर में किरदार के रूप में रहने वाले ब्रह्मदेव और सोनू कुमार दोनों साइबर ठग है. दोनों ने गुजरात के एक कारोबारी से ठगी कर पैसे अपने खाते में डाले थे और फिर उसी बैंक खाते से आठ हजार रुपये रीता देवी को किराया के रूप में भुगतान कर दिया.

छापेमारी कर किया गया गिरफ्तार: मामला सामने आने के बाद तुरंत साइबर डीएसपी यशोधरा और गोंदा थाना प्रभारी ने रीता देवी के घर में किरायेदार बन कर रह रहे साइबर अपराधियों के यहां छापेमारी की और दोनों को मौके से ही धर दबोचा. पूछताछ में दोनों साइबर अपराधियों ने स्वीकार किया है कि उन्होंने राज्य के अलग-अलग हिस्सों से लाखों रुपए की ठगी की है. वे अलग-अलग कंपनियों को विज्ञापन के जरिए मैन पावर उपलब्ध करवाने के नाम पर ठगी किया करते थे.

छापेमारी में मिले फर्जी कागजात: साइबर ठग के ठिकाने पर हुई छापेमारी में पुलिस ने भारी मात्रा में फर्जी कागजात के साथ-साथ कई एटीएम, 1.96 लाख नगद और कई पासबुक भी जब्त किए हैं.

क्या क्या हुआ बरामद: एक लाख 95 हजार 600 नगद, विभिन्न बैंकों के चेक बुक- 12, विभिन्न बैंकों के डेबिट कार्ड- 34, फर्जी आधार कार्ड-45, 08 मोबाइल के साथ-साथ कई पैन कार्ड, सिम कार्ड और लैपटॉप बरामद हुए हैं.

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